वर्षा के कारण सूर्यधार बांध से बनी प्राकृतिक झील – नई झील से बांध और रानीपोखरी के नए पुल को बना खतरा – डंपिंग जोन की बजाए जाखन नदी किनारे फेंका जा रहा है रोड कटिंग का मलबा


ऋषिकेश, 4 जुलाई । रानीपोखरी के जाखंन नदी में बने नवनिर्मित पुल को एक बार फिर खतरा पैदा हो गया है। इसका कारण इठारना से कुखई मोटर मार्ग के निर्माण कार्य के दौरान निकलने वाले मलबे को जाखन नदी में डालने के कारण नदी में सूर्यधार क्षेत्र के अंतर्गत बांध से करीब दो किलोमीटर पहले प्राकृतिक झील बन गई है। यह करीब 100 मीटर क्षेत्र में बनीहै।

जिलाधिकारी देहरादून ने इस मामले में तत्काल संज्ञान लिए जाने के बाद संबंधित विभाग की टीम सोमवार की सुबह ‌मौके पर पहुंच गई है। और मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहीी है यहां तक गोताखोरों की‌‌ टीम‌‌‌‌ भी मौके पर है चौकी झील की गहराई नाप रहीी है ।

यहां बताते चलें कि पीएमजीएसवाइ योजना के तहत नरेंद्र नगर डिवीजन यहां सात किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण करा रही है। रोड कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में एकत्र ना कर जाखन नदी में डाला जा रहा है, जो कि गंगा की सहायक नदी है। यह मलबा एकत्र होते होते जाखन नदी में पहुंच गया है।

सूर्य धार झील से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर आगे सेबूवाला गांव में एक अस्थाई झील तैयार हो गई है। जिसमें से फिलहाल कुछ पानी रिसाव के माध्यम से आगे जा रहा है। यहां मलबा डालने का क्रम यूं ही जारी रहा तो झील का आकार और अधिक बढ़ सकता है।

मौसम अलर्ट के चलते यदि लगातार वर्षा होती है तो भी झील में और अधिक पानी एकत्र होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस नई झील के समीप अपने चाचा के घर पहुंचे सारंगधर वाला के उपप्रधान विशाल तोमर ने बताया कि इस झील की गहराई लगभग 15 फुट के आसपास है और इसकी लंबाई 100 मीटर से अधिक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि लगातार बहकर आने वाले मलबे से यह झील और बड़ी होती जा रही है, इसकी गहराई भी बढ़ती जा रही है।
वहीं आरटीआई कार्यकर्त्ता सुधीर जोशी ने बताया कि इस मोटर मार्ग में पांच किलोमीटर का हिस्सा देहरादून वन प्रभाग व सात किलोमीटर का हिस्सा नरेंद्रनगर वन प्रभाग के अंतर्गत आता है। कार्यदाई संस्था के ठेकेदार की ओर से सड़क निर्माण का मलबा नदी में डाले जाने की शिकायत उन्होंने देहरादून डीएफओ के साथ ही विभिन्न अधिकारियों को की थी। लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बता दें कि बीते वर्ष मानसून के दौरान जाखन नदी में अचानक ऊफान आने से रानी पोखरी में बना करीब एक सौ वर्ष पुराना पुल बह गया था। 10 जुलाई को यह पुल परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा। नई प्राकृतिक झील के कारण सूर्यधार बांध और झील दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है।

पीएमजीएसवाइ योजना के तहत इठारना -कुखई मोटर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। मौके पर झील बनने की जानकारी अभी तक संज्ञान में नहीं आई थी। इस मामले में तत्काल एक्शन लिया जा रहा है। अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
भास्करानंद गोदियाल, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाइ नरेंद्र नगर खंड मौके पर पहुंच गए हैं।

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