हिंदू जागरण मंच के उत्तराखंड की आंतरिक सुरक्षा को लेकर जताई गई चिंता हुई सत्य साबित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रशियन नागरिक को सेटेलाइट फ़ोन के साथ गिरफ्तार होने पर उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा में लगाई गई सेंधमारी को लेकर मचा हड़कंप  पकड़ा गया विदेशी नागरिक रशिया में रह चुका है मंत्री


ऋषिकेश, 29 नवम्बर। हिंदू जागरण मंच द्वारा रविवार को देश और उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों की आर्थिक सुरक्षा को लेकर जताई गई चिंता उस समय सही साबित हुई, जब रशिया के कानून के जानकार पूर्व कृषि एवं खाद्य मंत्री रह चुके विदेशी नागरिक को उत्तराखंड की राजधानी के देहरादून एयरपोर्ट से दिल्ली जाते हुए सीआइएसएफ की महिला सुरक्षाकर्मी ने सोमवार को प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के साथ गिरफ्तार कर लिया । जिसके बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक विदेशी नागरिक द्वारा सुरक्षा में लगाई गई सेंधमारी को लेकर हड़कंप मचा है।

पकड़ा गया विदेशी नागरिक कोई आम नागरिकों में नहीं आता जो कि रशिया सरकार में पूर्व में कृषि व खाद्य मंत्री भी रहने के चलते कानून का जानकार भी है । हालांकि पुलिस की गिरफ्तारी के बाद विदेशी नागरिक को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां उसे एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर बरी कर दिया गया। जबकि न्यायालय ने सेटेलाइट फोन को जब्त कर दिया है। जिस विदेशी नागरिक को सीआईएसफ की महिला सुरक्षा कर्मी ने सोमवार की दोपहर जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान भारत में प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के साथ गिरफ्तार किया। वह उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के निकट चोपता से घूम कर देहरादून से दिल्ली जा रहा था।

लेकिन सवाल उठता है कि पकड़ा गया नागरिक दिल्ली से उत्तराखंड तक प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन के साथ कैसे पहुंंच गया। जो कि भारत की सुरक्षा में लगाई गई सेंध का मामला भी है।सीअइएसएफ की महिला निरीक्षक सुनीता सिंह ने विदेशी नागरिक विक्टर सेमेनाेव पुत्र एलेक्सजेंड्रोविच निवासी मकान नं. 5, स्ट्रीट मिच्युरुनेस्की, मास्को रशिया को डोईवाला कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया था । निरीक्षक सुनीता सिंह की तहरीर पर पुलिस ने विदेशी नागरिक विक्टर सेमेनाेव के खिलाफ भारतीय टेलीग्राम एक्ट 1885 व भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम 1933 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे डोईवाला न्यायालय में पेश किया। पूछताछ में विदेशी नागरिक ने बताया कि वह एक फोटोग्राफर है। वह 22 नवंबर को भारत आया था। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वह सड़क मार्ग से कार के माध्यम से ऋषिकेश होते हुए चोपता चमोली गढ़वाल घूमने गया था। बताया कि वह शौकिया तौर पर वाइल्डलाइफ व नेचर फोटोग्राफी करता है।

सोमवार को उसे देहरादून हवाई अड्डे से फ्लाइट से दिल्ली जाना था, जहां उसे प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने विदेशी नागरिक को न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला मीनाक्षी दूबे की अदालत में पेश किया, जहां आरोपित ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए माफी मांगी। न्यायालय ने प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन को जब्त करते हुए एक हजार का जुर्माना लगाकर उसे रिहा कर दिया।
प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के साथ गिरफ्तार किए गए विक्टर सेमेनाेव ने बताया कि वह वर्ष 1998 से 99 तक रूसी संघ में कृषि एवं खाद्य मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह कृषि विकास समिति के प्रमुख होने के साथ ही बेलाया डाचा के पर्यावेक्षक बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। बताया कि भारत में इस सेटेलाइट फोन के प्रतिबंधित होने की जानकारी उन्हें नहीं थी। सवाल यह उठता है कि रशिया सरकार में जिम्मेदार पद पर रह चुके है। जिन्हें इस बात की जानकारी ना होना भारत की सुरक्षा एजेंसियों के गले से नीचे नहीं उतर रही है और उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली से उत्तराखंड तक जांच भी प्रारंभ कर दी‌ है। इस मामले में स्थानीय अभिसूचना इकाई के एक अधिकारी का कहना था कि विदेशी नागरिक द्वारा रशिया से भारत लाए गए सेटेलाइट फोन को भारत में लाने के बाद इस्तेमाल नहीं किया गया है यदि यह मोबाइल खोला जाता तो भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो जाती क्योंकि इस की फ्रीक्वेंसी के कारण या पकड़ में आ जाता उन्होंने बताया कि ऐसे सेटेलाइट फोन भारत के सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च अधिकारियों राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के साथ आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में प्रयोग किए जाते हैं जहां दूर संचार विभाग और आम मोबाइल काम नहीं करते इसलिए भारत में सेटेलाइट फोन आम लोगों के लिए प्रतिबंधित है। वही भारत के सीमांवर्ती क्षेत्रों की आंतरिक सुरक्षा को लेकर ऋषिकेश में रविवार को आयोजित हिंदू जागरण मंच के अभ्यास वर्ग में भी चिंता व्यक्त की गई थी।

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