हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ‌ने गढ़वाल के मुख्य द्वार ऐतिहासिक झंडा चौक पर किया‌ 60 फीट ऊंचे तिरंगे का उद्घाटन यह तिरंगा आजादी की याद दिलाता रहेगा -रमेश पोखरियाल निशंक-


ऋषिकेश, 15 जनवरी ।हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने गढ़वाल के मुख्य द्वार पर स्थित देश की आजादी के दौरान मुख्य भूमिका निभाने वाले झंडा चौक पर 60 फीट ऊंचे राष्ट्रीय झंडे का लोकार्पण किया ।

रविवार की शाम को राष्ट्रीय झंडे का लोकार्पण करने के उपरांत उन्होंने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब आजादी का अमृत महोत्सव पूरा देश मना रहा है ,उसी श्रंखला में आज ऋषिकेश में भी झंडे का लोकार्पण किया जाना महत्वपूर्ण है, यह झंडा‌ चौक इस बात को याद दिलाता है ,जब हम देश की आजादी के लिए जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे। और यह चौक इसी बात का साक्षी है

जहां से स्वतंत्र सेनानी एकत्रित होकर सैकड़ों की संख्या में आजादी की लड़ाई में प्रतिभाग करते थे। हम आज इस बात के भी साक्षी बन रहे हैं, जब इस तिरंगे के लिए हजारों की संख्या में लोगों ने कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा कि आज कुर्बानी की आवश्यकता नहीं है देश के प्रति अपने योगदान दिए जाने की आवश्यकता है ।निशंक ने कहा कि यदि हम एक रहेंगे तो भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर देंगे। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की कहावत को चरितार्थ करते हुए पूरे विश्व को एक सूत्र में भागीदारी का कार्य किया है।

जो कि आज देश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही आज भारत विश्व की जी20 की अध्यक्षत भी कर रहा है ।और गौरव की बात है कि यह मौका ऋषिकेश को भी प्राप्त हुआ है, जहां जी20 सम्मेलन के अंतर्गत बैठक होने जा रही है। हमारे लिए इस झंडे का लोकार्पण देश की आजादी की याद दिलाता रहेगा।

इस अवसर पर भरत मंदिर के हर्षवर्धन शर्मा ने झंडे की महत्ता के बारे में बताया कि ऋषि मुनियों की इस नगरी में बंगाल, गुजरात, उड़ीसा और पंजाब से आए क्रांतिकारियों ने साधु वेश में केवला आनंद आश्रम में एकत्रित होकर देश की आजादी में अतुल्य योगदान दिया था, झंडा चौक में से जुलूस की शक्ल में आंदोलन में शामिल होते थे। सन उन्नीस सौ 1930 में नमक सत्याग्रह में देहरादून जिले में इसी झंडे के नीचे से जेल गए थे, जिनमें 70 सन्यासी भी थे ।जो कि इसी झंडा चौक में एकत्रित होकर आंदोलन की अलग जगाते रहे 1919 और 1921 में इसी स्थान पर ध्वजारोहण कर आंदोलनकारियों ने अनशन भी किया था। जिसके बाद सन्यासी और किसानों ने हल चलाने का सत्याग्रह किया 21 में बारडोली सत्याग्रह के समर्थन में उनकी हरावाला नामक स्थान पर बड़ी सभा में इसी चौक में एकत्रित होकर बाबाओं की जमात भी वहां पहुंची थी ,जिसे देखकर अंग्रेज भी डर गए थे क्रांति में भी यहां से आंदोलन का श्रीगणेश एवं संचालन यहीं से ‌किया जाता रहा है। रानीपोखरी क्षेत्रों मैं भी आजादी के दीवाने एकत्रित होते रहे हैं।

इस अवसर पर मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, वरुण शर्मा,  संजय शास्त्री , भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा,जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान , दीपक तायल,बंशीधर पोखरियाल ,चेतन शर्मा ,जगमोहन सकलानी, जितेंद्र अग्रवाल, संजय व्यास, प्रदीप दुबे ,संदीप गुप्ता, सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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