ऋषिकेश 25 जनवरी । उत्तराखंड में होने वाले नगर निगम ,नगर पालिका, नगर पंचायतों के चुनाव से पहले आरक्षण तय किए जाने को लेकर सर्वे करवाया जाएगा, जोकि 2011 की जनगणना के आधार पर होगा ।
जिसमें ओबीसी का पद तय किया जाएगा,परंतु यह आबादी के आधार पर नहीं होगा। जिसमें शिक्षा और आर्थिक आधार भी मान्य नहीं किया जाएगा ।यह जानकारी ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में आयोजित एक सदस्य समर्पित पिछडा आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस वर्मा ने अधिकारियों, नगर निगम पार्षदों, निकाय सभासदों की बैठक के दौरान देते हुए बताया कि उत्तराखंड में नगर पालिका में ओबीसी का प्रतिनिधित्व तय किया जाना है ,परंतु ओबीसी का आरक्षण आबादी के आधार पर नहीं होगा ,जिसका सर्वे कराया जा रहा है, जिसके पूरा होने पर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी । उनका कहना था कि यदि 2021 की जनगणना हो जाती तो सर्वे करना और भी आसान हो जाता। अब 2011 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण , परिसीमन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से उपलब्ध आंकडों के आधार पर आरक्षण तय किया जाएगा। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि पिछले चुनाव में कितने प्रत्याशी चुनाव लड़ेे थे। और कितने जीते थे, इसेे भी आधार माना जाएगा।
बैठक में नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका मुनि की रेती, ढालवाला, नगर पंचायत तपोवन, नगर पालिका नरेंद्र नगर के अधिकारियों पार्षदों और सभासद मोजूद थे। जिसमें ओबीसी मतदाताओं के सर्वे पर चर्चा करते हुए ओबीसी जाति के लोगों को सुविधाएं प्रदान किए जाने को लेकर पूरे प्रदेश में ओबीसी जाति का सर्वे भी कराए जाने का मामला उठा। इस दौरान आयोग के सदस्य सचिव ओंकार सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में कई सुझाव भी दिए है ।उन्होंने बताया कि आरक्षण के दौरान शिक्षा के आधार पर निकाय चुनाव में ओबीसीको आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। अगर कोई अधिकारी इस कार्य में लापरवाही करेगा तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान पंचायती राज निदेशक मनोज त्रिपाठी, शहरी विकास के उप निदेशक विनोद कुमार, नगर आयुक्त राहुल गोयल, सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत, नगर पालिका अध्यक्ष मुनी की रेती के रोशन रतूड़ी, ऋषिकेश निगम पार्षद विकास तेवतिया, देवेंद्र प्रजापति ,शिव कुमार गौतम , गुरविंदर सिंह ,आदि उपस्थित थे।