सीता सखी समिति की प्रदेश संयोजक बनीं मेयर अनिता मामगाईं रामायण रिसर्च काउंसिल ने ऋषिकेश ने आयोजित किया संत संवाद


ऋषिकेश 3 फरवरी।  ऋषिकेश स्थित राम तपोस्थली ब्रह्मा पुरी आश्रम में रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्वावधान में संत संवाद संगोष्ठी आयोजित की गई।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास  महाराज ने कहा की हमें भगवान श्री राम और रामायण के मानव कल्याण संदेशों को जन जन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयत्न करना चाहिए। वही महामंडलेश्वर ईश्वर दास जी महाराज ने कहा की काउंसिल के तत्वावधान में माता सीता जी के प्राकट्य स्थल सीतामढ़ी में 251 फीट ऊंची मां की प्रतिमा का निर्माण एक ऐतिहासिक कार्य है हम सब संत को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने कहा उत्तराखंड में संत समाज को जोड़ने में जो भी पहल की आवश्यकता होगी वाह काउंसिल को हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। संगोष्ठी के दौरान काउंसिल की ओर से ऋषिकेश की मेयर अनिता मामगाईं को सीता सखी समिति के लिए उत्तराखंड प्रदेश का संयोजक मनोनीत किया गया।

अपनी मनोनयन के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा की भारतीय संस्कृति में माता सीता जी पूरे विश्व की महिलाओं के लिए एक ऐसी आदर्श नारी हैं जो सदियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है जो उन्हें ये महत्वपूर्ण दायित्व मिला है।पूरे उत्तराखंड में इस समिति के अंतर्गत वह अभियान चलाकर अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का प्रयत्न करेंगी।

इस अवसर पर महंत स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, महंत लोकेश दास महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी शंकर तिलक  महाराज, स्वामी अखंडानंद सरस्वती, महंत निर्मल दास  महाराज, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत परमानन्द दास  महाराज,  महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत पवन दास समेत काउन्सिल के अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्रा , उपाध्यक्ष श्रीमान कमल चिब , श्रीमान जय दीक्षित  काउन्सिल के प्रवक्ता, काउन्सिल के सचिव  पीताम्बर मिश्र तथा काउन्सिल के आईटी हेड शशांक सिंह भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।बता दें कि कि काउंसिल के तत्वावधान में माता सीताजी के प्राकट्य स्थल सीतामढ़ी (बिहार) में माताजी 251 फीट ऊंची प्रतिमा तथा संबंधित स्थल को तीर्थ, शक्ति एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। 51 शक्तिपीठों से मिट्टी एवं जल लाकर तथा मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी मंदिर से ज्योत लाकर जहां उक्त स्थान को शक्ति-स्थल के रूप में विकसित करना है और माता सीताजी भगवती के रूप में विराजमान होंगी, वहीं अन्य देशों के राजदूतों के लिए एक ‘अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक भवन’ का भी निर्माण होना है, जहां से वे राजदूत अपने संबंधित देश के पर्यटकों से भारत आने का आह्वान करेंगे।

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