ऋषिकेश 23 अप्रैल। ऋषिकेश योग नगरी रेलवे स्टेशन से 22 मई से शुरू होने जा रही 7 ज्योतिर्लिंग यात्रा ट्रेन, पैकेज में क्या क्या सुविधा होगी उपलब्ध, पढ़िए पूरी खबर 



ऋषिकेश 23 अप्रैल। ऋषिकेश योग नगरी रेलवे स्टेशन से 22 मई से  7 ज्योतिर्लिंग यात्रा ट्रेन शुरू होने जा रही है। जिसमे आईआरटीसी द्वारा विशेष पैकेज दिए जा रहे हैं। 

22 मई को योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से सात ज्योतिर्लिंग यात्रा ट्रेन रवाना होगी। यह ट्रेन 11 रात और 12 दिन का सफर तय कर दो जून को वापस योगनगरी रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। आईआरसीटीसी ने इस विशेष ट्रेन में पैकेज की व्यवस्था है।

आईआरसीटीसी उत्तर क्षेत्र लखनऊ के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया, इस ट्रेन में योगनगरी ऋषिकेश, हरिद्वार, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, लखनऊ, कानपुर, उरई वीरांगना लक्ष्मीबाई ललितपुर से यात्री बैठकर और उतर सकेंगे। यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, सोमनाथ, भेंट द्वारका, द्वारकाधीश मंदिर, नागेश्वर, त्रयंबकेश्वर, घृष्णेश्वर और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराए जाएंगे।

इस स्पेशल ट्रेन में कुल बर्थ 767-2 एसी (कुल 49 सीटें), 3 एसी (कुल 70 सीटें) एवं स्लीपर (कुल 648 सीटें) होंगी। पैकेज में यात्रियों को नाश्ता, दोपहर और रात का शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा। एसी और नान एसी बसों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर भ्रमण कराया जाएगा। पैकेज में इकोनॉमी, स्टैंडर्ड, कंफर्ट क्लास की व्यवस्था होगी। इसमें ईएमआई की सुविधा भी है। इस पैकेज की बुकिंग पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जाएगी।

उत्तराखंड के चारों धामों में जाने वाली छड़ियों को त्रिवेणी घाट के संगम पर करवाया गया विधि विधान से स्नान 15 अप्रैल से 7 मई तक उत्तराखंड के तमाम मंदिरों और देवालयों में दर्शन करेगी-श्री मंहत गोपाल गिरी



ऋषिकेश ,14 अप्रैल ।षड दर्शन साधू समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति द्वारा उत्तराखंड के चारों धामों जाने वाली छड़ी यात्रा के चलते छडीयो को त्रिवेणी घाट पर विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत स्नान करवाया गया। जो की 15 अप्रैल से 7 मई तक उत्तराखंड के तमाम मंदिरों और देवालयों में दर्शन करेगी।

रविवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित छड़ी स्नान सड़क दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी की अध्यक्षता में पहले जनवरी घाट पर छड़ियों का पूजन किया गया उसके उपरांत हर हर महादेव के उद्धघोष के साथ विधि विधान से गंगा स्नान कराया गया।

इस दौरान महंत गोपाल गिरी ने छड़ी की महत्व के बारे में बताया कि देव भूमि उत्तरा खण्ड़ चारो धाम की 1219 वीं छड़ी यात्रा षड् दर्शन साधु समाज ,अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिती द्वारा सन् 805 ई० मे आदी गुरू शंकरा चार्य के साथ अखाड़ा श्री शम्भू पंच दशनाम आहवाहन नागा सन्यासी के 550 नागा सन्यासी शंकर दिग्विजय के बाद ऋषिकेश के त्रिवेणी संगम में स्नान किया गया था,और बौद्धौ द्वारा तौडे गये सनातनी मन्दिरो को पुन्ह सनातनी मन्दिर बनाये गये, जिस मे मन्दिर श्री भरत जी महाराज ,मन्दिर श्री सोमेश्वर महादेव ,मन्दिर श्री चन्द्रेश्वर महादेव , का जिर्णोद्धार व पुन्ह स्थापना की और देव भूमि उत्तरा खण्ड़ मन्दिरों का जिर्णोद्धार किया गया ,तभी से यह छड़ी यात्रा 14 अप्रैल को ऋषिकेश त्रिवेणी संगम पर स्नान कर यमनोत्री ,गंगोत्री ,केदारनाथ ,बद्रीनाथ ,के लिये रवाना हो जाती है । जो की ऋषिकेश से 8 मई को चारों धामों के लिए ‌सैकड़ो संतों के साथ रवाना होगी, जिसे आह्वान अखाड़े पीठाधीश्वर अरुण गिरी के अतिरिक्त षडदर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत भूपेंद्र गिरी के अतिरिक्त अखाड़े के सभापति श्री महंत पूनम गिरी, महामंत्री सत्यागिरी, सचिव राजेश गिरी सहित अन्य संत महंत भी उपस्थित रहेंगे।

भगवान गिरी आश्रम में आयोजित दो दिवसीय भगवान गिरी महाराज की 38वीं पुण्यतिथि के अवसर पर  किया गया रुद्राभिषेक आयोजित 



ऋषिकेश 6 अप्रैल। माया कुण्ड स्थित भगवान गिरी आश्रम में आयोजित दो दिवसीय भगवान गिरी महाराज की 38वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रुद्राभिषेक आयोजित किया गया।

शनिवार को भगवान श्री आश्रम के महंत बाबा भूपेंद्र गिरी के संयोजन में आयोजित दो दिवसीय पुण्यतिथि के अवसर पर कार्यक्रम के दौरान विश्व शांति की कामना को लेकर श्री रामायण पाठ के साथ रुद्राभिषेक किया गया।

इस दौरान भव्य भगवती के जागरण में मंत गोपाल गिरी , पंजाब सहित‌ देश‌ के अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जिसका समापन रविवार को किया जाएगा।

ब्रह्मलीन भगवान गिरी आश्रम में आयोजित किया गया स्वर्गीय किशोरी लाल की स्मृति में भगवत गीता, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ षोढसी भंडारा -गुरु और शिष्य के बीच का संबंध अटूट होता है- बाबा भूपेंद्र गिरी



ऋषिकेश, 20 फरवरी । ब्रह्मलीन भगवान गिरी के परम भक्त स्वर्गीय किशोरी लाल की स्मृति में आयोजित भगवत गीता , विष्णु सहस्त्रनाम पाठ हवन इत्यादि के पश्चात षोढसी ‌भंडारे का आयोजन किया गया।

मंगलवार को मायाकुंड आश्रम में स्थित भगवान गिरी आश्रम में भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी के संचालन में परम भक्त स्वर्गीय किशोरी लाल की स्मृति में षोढसी भंडारा एवं भगवत गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, हवन आदि का आयोजन किया गया जिसमें सभी उपस्थित संतों ने पूर्ण आहुति दी। इस अवसर पर बाबा भूपेंद्र गिरी ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु और शिष्य के बीच का संबंध अटूट होता है दोनों एक दूसरे के पूरक है क्योंकि गुरु ही शिष्य को सद्मार्ग पर चलने का मार्ग प्रशस्त करता है, गुरु के बिना शिष्य अधूरा रहता है इसलिए कहा है गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिल पाता गुरु शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।

बताते चले पंजाब के किशोरी लाल भक्त ने ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज जी की 22 वर्ष तक सेवा करते हुए उनके ब्रह्मलीन होने के पश्चात उनकी समाधि की भी 22 वर्ष तक लगातार सेवा की थी।

भागवत गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, हवन में प्रमुख रूप से भगवान गिरी आश्रम के महंत भूपेंद्र गिरी महाराज,गुजराती आश्रम के राघवेंद्रनंद महाराज के साथ आए सभी संतगण, गोपाल गिरि महाराज, परीक्षित गिरि , कबीर चौरा आश्रम के मंहत कपिल मुनि, एवम भक्त गणों में मनोहर लाल, विक्रम सिंह, जगमोहन, गोवर्धन लाल, समेत पंजाब, बरेली से आए हुए काफ़ी संख्या में भक्त गण मौजूद थे।

प्राचीन सिद्धपीठ सोमेश्वर मंदिर में देवी-देवताओं की नई प्रतिमाएं की हुईं प्राण प्रतिष्ठा



ऋषिकेश 15 फरवरी। ऋषिकेश में प्राचीन सिद्धपीठ सोमेश्वर मंदिर में देवी-देवताओं की नई प्रतिमाएं प्राण प्रतिष्ठित की गई। मंदिर से पुरानी प्रतिमाओं को भी विधिविधान से हटाया गया।

बुधवार को बसंत पंचमी पर्व पर सोमेश्वर मंदिर परिसर में महंत रामेश्वर गिरी महाराज के सानिध्य में प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर आचार्य योगेश भट्ट व आचार्य विशाल मणि भट्ट ने प्राण प्रतिष्ठा की पूजा अर्चना विधिवत संपन्न की। इसके बाद मंदिर में भगवान गणेश, माता गौरी, नंदी महाराज, स्कंद, गंगा माता और कुबेर भगवान की प्रतिमाएं प्रतिष्ठिपित की गई।

इस अवसर पर संजय कक्कड़, हरिराम अरोड़ा, संदीप खुराना, रमेश अरोड़,ा दौलत राम चिचड़ा, दीपक, नरेश, अश्वनी अग्रवाल, कमलेश शर्मा, मनोज धीमान आदि उपस्थित रहे।

जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के 724वें जन्मोत्सव पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में निकली भव्य शोभायात्रा ,नगर की सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह पर यात्रा का फूल मालाओं के साथ किया स्वागत



ऋषिकेश 02 फरवरी। ऋषिकेश तीर्थ नगरी में आज जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के 724वें जन्मोत्सव पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें संत समाज के साथ ही स्कूली बच्चों ने भी शिरकत की।

मायाकुंड स्थित स्वामी रामानंद संत आश्रम में विरक्त श्री वैष्णव मंडल समिति के तत्वावधान में स्वामी रामानंदाचार्य महाराज का 724वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शाेभायात्रा का शुभारंभ मायाकुंड स्थित आश्रम परिसर से हुआ। जिसके बाद यात्रा निर्मल आश्रम मार्ग, सुभाष चौक, मुखर्जी मार्ग, तिलक रोड, अंबेडकर चौक, रेलवे रोड, लक्ष्मणूला मार्ग से होते हुए वापस मंदिर परिसर में संपन्न हुई। नगर की सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह पर यात्रा का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। शोभायात्रा में घोड़ों पर सवार संत महात्मा एवं स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के जीवन पर आधारित झाकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा सरस्वती विद्या मंदिर, विद्या मंदिर इंटर कालेज, पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कालेज, वेद महाविद्यालय सहित कई अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शोभायात्रा में शिरकत की। शोभायात्रा में राधा-कृष्ण, भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु की सुंदर झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रही।

शोभायात्रा के पश्चात आश्रम परिसर में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में संत सम्मेलन आयोजन किया गया। जिसमें सभी संतों ने स्वामी दयाराम दास के आदर्श तथा उनके बताए गए सिद्धांत एवं मार्गों का स्मरण किया।

महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज के संचालन में चले कार्यक्रम में स्वामी डा. नारायण दास, स्वामी परमानंद दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी वृंदावन दास महाराज, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, महंत सुरेश दास, महंत बलवीर सिंह, स्वामी सीताराम दास, स्वामी अखंडानंद, स्वामी आलोक हरि, स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, निवर्तमान महापौर अनीता ममगाईं, संदीप गुप्ता, दीपक दास, रामकृपाल गौतम, रमाबल्लभ भट्ट, अभिषेक शर्मा, चेतन शर्मा, राम चौबे, पं. वेद प्रकाश, रीना शर्मा, डा. जनार्दन कैरवान आदि उपस्थित रहे।

मकर संक्रांति: तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी,  श्रद्धालुओं ने गरीबों में किया दान पुण्य तो वही नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में किया खिचड़ी प्रसाद का वितरण 



ऋषिकेश, 15 जनवरी । मकर संक्रांति के अवसर पर दूसरे दिन भी देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई जाने के साथ गरीबों में दान पुण्य किया। वही पर्वतीय क्षेत्रों से आई देव डोलियों को भी स्नान कराया गया।

सोमवार को काफी संख्या में वाहनों से आए श्रद्धालुओं के कारण यातायात व्यवस्था पूरे दिन अस्त व्यस्त रही, जिसे नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।

यहां बताते चलें कि पिछले कई वर्षों से ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी के जगह 15 जनवरी को मनाई जा रही है, जिसका कारण पंडित सुमित गौड ने बताया कि वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही होगी 32 वर्षों से प्रतिवर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पडती रही है ।

परन्तु 2081 से आगे 72 वर्षों तक अर्थात 2153 तक यह 16 जनवरी को रहेगी। क्योंकि सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिन से मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण और कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है, सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रतिवर्ष लगभग 20 मिनट विलंब‌से होता है स्थूल गणना के आधार पर 3 वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का और 72 वर्षों में पूरे 24 घंटे का हो जाता है। जिसके चलते अब मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। जिसे मनाए जाने के लिए देश के विभिन्न प्रांत पंजाब, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली से काफी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश पहुंचे और उन्होंने त्रिवेणी घाट, राम झूला ,शत्रुघन घाट ,लक्ष्मण झूला के घाट पर आस्था की डुबकी लगाई।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने गरीबों में दान पुण्य भी किया इसी के साथ नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में खिचड़ी प्रसाद का वितरण भी किया, वरिष्ठ नागरिक को की ओर से हरिद्वार मार्ग पर स्थित जैन मंदिर के निकट और देहरादून तिहराए पर नगर के व्यापारियों द्वारा खिचड़ी वितरित की गई।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से पूजित अक्षत कलश तीर्थ नगरी ऋषिकेश के तमाम मंदिरों में स्थापना के लिए हुए कूच, अक्षत कलशों के संग सभी क्षेत्रों से आई राम भक्तों की टोलियां ने बैंड बाजा के साथ किया नगर भ्रमण 



ऋषिकेश, 27 दिसंबर ‌। अयोध्या में भगवान श्री राम के पावन मंदिर की उद्घाटन तिथि 22 जनवरी तय होने के बाद राम भक्तों में हर्षोल्लास बना हुआ है जिसको लेकरआज  राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से लाए गए पूजित अक्षत कलशो‌ं ‌का तीर्थ नगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर विधि विधान से ‌ पूजन कर नगर क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्रों में ‌स्थित मंदिरों में कलश स्थापना के लिए कूच किए गए।

बुधवार की सुबह त्रिवेणी घाट पर आयोजित कलश पूजन कार्यक्रम के दौरान स्वामी ह्रयग्रिवाआचार्य और स्वामी परमानंद ने उपस्थित को संबोधित करते हुए कहा कि आज अयोध्या में बनाया जा रहा , मंदिर हिंदू समाज की एकता का प्रतीक है। अगर हिंदू समाज‌ एकत्रित ना होता तो मंदिर का निर्माण होना संभव नहीं था, इसके निर्माण को रोकने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा निहत्था साधु संतों और हिंदू समाज पर बर्बर गोलियां चलाकर उनकी हत्या की गई है। जिसके कारण सरयू का जल पूरी तरह रक्तरंजित हो गया था। लेकिन 500 वर्षों का कलंक समाप्त होने के बाद अब मंदिर का निर्माण पूर्ण होने जा रहा है।

जिसके सभी भक्तों को दर्शन करने चाहिए।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से पूजित अक्षत कलशों का क्षेत्र के ब्राह्मणों द्वारा ‌विधिविधान से हनुमान चालीसा के साथ पूजन किया गया। इस दौरान‌ स्थापना नगर क्षेत्र के भिन्न-भिन्न मंदिरों में की गई , नगर कार्यक्रम प्रमुख दीपक तायल के अनुसार नगर के अलग-अलग क्षेत्र में पूजित मंदिरों में स्थापित अक्षत कलशों के माध्यम से‌ श्री राम भक्त घर-घर पूजित अक्षत का वितरण 1 जनवरी से 15 जनवरी तक करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह कार्य सभी दल संगठन से ऊपर उठकर समस्त हिंदू समाज द्वारा किया जाएगा,और 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाएगा। इस अवसर पर कलशों की स्थापना करने से पूर्व सभी क्षेत्रों से आई राम भक्तों की टोलियां ने बैंड बाजा के साथ नगर भ्रमण भी किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अनिल मित्तल,जिला प्रचारक ‌नीतिन कुमार, कार्यक्रम प्रमुख दीपक तायल, शहर जिला कार्यवाह राकेश शर्मा, नगर संघचालक भारत‌ भूषण‌ कुंदनानी, स्वामी ह्रयग्रिवाआचार्य,‌ मधुबन आश्रम के प्रमुख अध्यक्ष स्वामी परमानंद, नीरज सेहरावत,राहुल मनमीत, सुदामा सिंगल, गजेंद्र नेगी, राजेंद्र प्रसाद पांडे, राजेश गौतम, पवन शर्मा,रामकृपाल गौतम, रणवीर सिंह, अभिनव पाल, शंभू पासवान, अशोक अग्रवाल, हर गोपाल अग्रवाल, अनीता रैना, विकास गर्ग, आशुतोष, विकास सेमवाल, पंकज शर्मा,महिपाल त्यागी, सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

विश्व प्रसिद्ध द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ हुआ यात्रा वर्ष 2023 का समापन रिकार्ड तीर्थयात्री पहुंचे बदरी- केदार सहित चारधाम। तृतीय केदार तुंगनाथ एवं द्वितीय केदार मदमहेश्वर पहुंचे बड़ी संख्या में तीर्थयात्री



देहरादून : 22 नवंबर। पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा वर्ष 2023 का सफल समापन हो गया है।

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की प्रेरणा-मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि बीच के वर्षों में कोविड के कारण यात्रा बाधित हो गई थी। इस कारण प्रदेश में निराशा का वातावरण भी बन गया था। मगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लगातार प्रयासों के बाद चारधाम यात्रा को लेकर उत्साह का माहौल बना और यात्रा ने पुराने सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए।श्री हेमकुंट साहिब सहित चारधाम यात्रा में वर्ष 2023 में करीब 56 लाख तीर्थयात्री धामों में दर्शन पहुंचे है,जो कि पिछले वर्ष से 10 लाख अधिक हैं।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने बताया कि श्री केदारनाथ 19 लाख 61 हजार, श्री बदरीनाथ धाम 18 लाख 41 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने चारधाम यात्रा के संपन्न होने पर यात्रा व्यव्स्था से जुड़े तमाम विभागों, एजेंसियों के अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार भी व्यक्त किया और कहा कि विपरित भौगोलिक परिस्थितियों व जलवायु के बाबजूद यात्रा व्यव्स्था से जुड़े कार्मिकों ने श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम व सरल बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के क्रम में शीतकालीन धार्मिक यात्रा को बड़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

एतिहासिक व पौराणिक महत्व के तीर्थ स्थलों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। ताकि शीतकाल में श्रद्धालु इन स्थलों की यात्रा कर सकें।

छठ पूजा एवं सांस्कृतिक संध्या 2023 का आयोजन चतुर्थी नहाये खाये के साथ त्रिवेणी घाट पर की जायेगी धूमधाम से, भोजपुरी कलाकारों से सजेगी सांस्कृतिक संध्या



ऋषिकेश, 16 नवम्बर । सार्वजनिक छठ पूजा समिति ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर शुरुआत से छठ पूजा एवं सांस्कृतिक संध्या 2023 का आयोजन शुक्रवार से चतुर्थी नहाये खाये के साथ धूमधाम से करेगी, जिसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

गुरुवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में यह जानकारी कार्यक्रम के अध्यक्ष शंभू पासवान, समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम, महासचिव परमेश्वर राजभर कोषाध्यक्ष, वीर बहादुर राजभर, नागेश्वर चौरसिया ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को देते हुए बताया कि 17नवम्बर को कार्यक्रम का शुभारंभ, चतुर्थी नहाये खाये के साथ शनिवार को पंचांग पूजन व सूर्य भगवान की स्थापना गौरी गणेश पूजन एवं भगवान सूर्य व अक्षत माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एवं आरती के साथ किया जाएगा। इसी दिन छठ पूजन महोत्सव की पूर्व संध्या पर समिति द्वारा दीपदान किए जाएंगे एवं भगवान सूर्य एवं छठ माता की संध्या आरती की जाएगी, 19 नवंबर को भगवान सूर्य एवं छठ माता की आरती के उपरांत शाम को भोजपुरी कलाकार विख्यात शिल्पी राज, मुकुल सिंह भुटानी मैन, शेषनाथ ओझा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी । 20 नवंबर को आरती सुबह किए जाने के उपरांत शाम को प्रसाद मिश्रण एवं मूर्ति विसर्जन किया जाएगा, इसके उपरांत घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल एवं मुख्य स्थिति के रूप में शहरी विकास एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अतिरिक्त विशेष अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत , भरत मंदिर के मंहत वत्सल शर्मा के अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि संजीव चौधरी अध्यक्ष जाट महासभा, पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, ललित जिंदल, जितेंद्र जितेंद्र बरथवाल होंगे, पत्रकार वार्ता में परमेश्वर राजभर सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।