उत्तराखंड में महंगाई ने तोड़ा रिकॉर्ड, सरसों तेल 200 पहुंचा, उत्तराखंड में महंगाई की मासिक दर राष्ट्रीय औसत दर 1.64 को पिछडाते हुऐ 1.85 हुई



देहरादून 17 जून । पूरे देश में कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगाए गए जिससे औद्योगिक इकाइयां व बाजार पूरी तरह ठप हो गए जिसका असर अब देश की मौजूदा महंगाई की स्थिति पर पड़ रहा है जिससे लोगों के घर के चूल्हे ठंडे पड़ रहे हैं । इससे  देश के पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा है। कोविड 19 महामारी से उबरने के लिए जद्दोजहद कर रहे उत्तराखंड पर महंगाई की मार भी पड़ रही है। जिससे लोगों का घरों का बजट पूरी तरह से चरमरा गया है अप्रैल से मई महीने के दौरान उत्तराखंड देश से अधिक महंगाई बढ़ी।

आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में अप्रैल से मई महीने के मध्य महंगाई की मासिक वृद्धि दर 1.85 प्रतिशत रही। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मासिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत रही है। देश के प्रमुख राज्यों से तुलना करने पर उत्तराखंड में दिल्ली (1.57 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (1.17), जम्मू और कश्मीर (1.41), चंडीगढ़ (0.06), गुजरात (1.65), हरियाणा (1.64) पंजाब (1.69) और राजस्थान (1.42 प्रतिशत) से अधिक महंगाई दर्ज हुई है।

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड से अधिक महंगाई है। वहां पिछले एक महीने में वस्तुओं के मूल्यों में 2.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उत्तराखंड के गांवों में अप्रैल से मई में महंगाई 1.73 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 2.03 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यानी राज्य के शहरी क्षेत्रों में कुल मासिक दर से अधिक महंगाई में बढ़ोतरी हुई।

नाम मुद्रा स्फीति दर शहर में गांव में
भारत।    1.64      1.07   2.15
उत्तराखंड 1.85      1.73   2.03

महंगाई पर कांग्रेस लगातार हमलावर है। पिछले दिनों विपक्षी पार्टी ने प्रदेश ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों में उछाल के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था।

उत्तराखंड प्रदेश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए पक्ष और विपक्ष दोनों का क्या कहना है इस पर बोलते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है।

उत्तराखंड में सरकार पूरी तरह से महंगाई पर नियंत्रण करने में असफल रही है। दलहन, तिलहन एवं आवश्यक वस्तुएं पड़ोसी राज्यों से बहुत ज्यादा महंगी है। महंगाई दर लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय औसत से भी आगे निकल गए, जो सरकार की नाकामी को दिखाता है। सरकार को महंगाई दर पर नियंत्रण करना चाहिए।

वहीं उत्तराखंड प्रदेश मैं भाजपा सरकार का बचाव करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक मेरी महंगाई के बारे में बताते हुए कहा कि

उत्तराखंड में दूसरे राज्यों की तुलना महंगाई नियंत्रण में है। हमारी सरकार ने पेट्रो उत्पादों पर वैट भी कम किया है। सरकार के स्तर पर नियंत्रण करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

 

CBSE बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी करेंगे, जो स्टूडेंट संतुष्ट नहीं, उनके लिए अलग एग्जाम का ऑप्शन भी



12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी

नई दिल्ली 17जून । CBSE बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के फॉर्मूले के बारे में बताया है। बोर्ड के मसौदे के मुताबिक, 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड के परिणाम को फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। अगर सब कुछ सही रहा, तो 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे।

12वीं की मार्कशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए CBSE ने कहा कि 10वीं के 5 सब्जेक्ट में से जिन 3 में छात्र ने सबसे ज्यादा स्कोर किया होगा, उन्हीं को रिजल्ट तैयार करने के लिए चुना जाएगा। इसी तरह 11वीं के पांचों विषयों का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं कक्षा के यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा।

बोर्ड ने बताया कि 10वीं और 11वीं के नंबर को 30-30% और 12वीं के नंबर को 40% वेटेज दिया जाएगा। जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए हालात सामान्य होने पर अलग परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि 1929 से CBSE अपनी सेवाएं दे रही है। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इस फॉर्मूले को हमने एक्सपर्ट्स कमेटी के साथ डिजाइन किया है। 10वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम और सब्जेक्ट 11वीं और 12वीं से अलग होते हैं, इसलिए हमने पिछले 3 साल 10वीं, 11वीं और 12वीं को आधार बनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘CBSE और ICSE दोनों बोर्ड ने कहा है कि परिणाम घोषित करने के फॉर्मूले के साथ वैकल्पिक परीक्षाओं का समय भी बताया जाएगा। यदि एडवोकेट विकास सिंह कोई सुझाव देते हैं, तो उन पर विचार किया जा सकता है। दोनों बोर्ड स्कीम लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं। सुनवाई की अगली तारीख पर वे हमें इस बारे में बताएं।’ यह कहते हुए कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।

अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा, नई आई टी गाइडलाइन का पालन ना करने से ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार नहीं रहा



केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले – हमने कंपनी को कई मौके दिए, फिर भी गाइडलाइन नहीं मानी, अब वे कानूनी संरक्षण के हकदार नहीं
नए IT नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ट्विटर ने बुधवार को देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो दिया

नई दिल्ली 16जून । नए IT नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ट्विटर ने बुधवार को देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो दिया है। यानी अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार है? हालांकि, मामले में सीधी बात यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुई गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहा है। इसके बाद भी उन्हें काफी मौके दिए गए थे। फिर भी उन्होंने जानबूझकर गाइडलाइन न मानने का रास्ता चुना। दरअसल, ट्विटर का कानूनी संरक्षण खत्म होने को लेकर केंद्र सरकार ने कोई भी आदेश जारी नहीं किया है। IT मंत्रालय की ओर जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने की वजह से कानूनी संरक्षण अपने आप खत्म हुआ है। कानूनी संरक्षण 25 मई से खत्म माना गया है। भारत की संस्कृति अपने बड़े भौगोलिक स्थिति की तरह बदलती रहती है। सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी आग का कारण बन सकती है। खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं। इस पर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए IT नियमों में से एक था। जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया।
यह आश्चर्यजनक है कि ट्विटर जो खुद को फ्री स्पीच के ध्वजवाहक के रूप में दिखाता है। वह गाइडलाइन मानने की बात पर जानबूझकर इसकी अवहेलना करता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को लागू करने से इंकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है। ट्विटर तभी मैन्यूपलेटेड मीडिया टैग जैसे फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके लिए उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक हो।
उत्तर प्रदेश में जो हुआ, वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर की मनमानी का उदाहरण था। ट्विटर अपने फैक्ट्स चेक मैकेनिज्म के बारे में कुछ ज्यादा उत्साही रहा है। UP जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में ट्विटर नाकाम रहा है, जो गलत सूचना से लड़ने में इसकी नाकामी की ओर भी इशारा करता है।
भारतीय कंपनियां चाहे वह फार्मा हो या IT या अन्य जो अमेरिका या अन्य विदेशी देशों में बिजनेस करने जाती हैं, खुले मन से स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म दुर्व्यवहार और दुरुपयोग के शिकार लोगों की ताकत बनने के लिए बनाए गए भारतीय कानूनों का पालन करने से पीछे क्यों हट रहे हैं?
कानून का शासन भारतीय समाज की आधारशिला है। अभिव्यक्ति की आजादी की संवैधानिक गारंटी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को G-7 समिट में फिर से दोहराया गया है। हालांकि, यदि कोई विदेशी संस्था यह मानती है कि वे भारत में फ्री स्पीच के ध्वजवाहक के रूप में खुद को पेश कर के देश के कानून का पालन करने से बच जाएंगी, तो ऐसे प्रयास गलत हैं।

केंद्रीय रेलवे मंत्री ने उत्तराखंड में रेल के विस्तारिकरण को दी स्वीकृति, साथ ही हरिद्वार बीएचएल में हवाई सेवा के लिए हेलीपैड के लिए भी चर्चा की



प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की पहल पर रेल मंत्री ने हरिद्वार-देहरादून रेल लाईन के दोहरीकरण व

दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन की भी सैद्धान्तिक मंजूरी दी

दिल्ली 15 जून । मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल से उत्तराखंड में रेल के विस्तारिकरण को लेकर चर्चा के बार रेल मंत्री ने दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन की सैद्धान्तिक मंजूरी देते हुए कहा कि जल्द ही इसे प्रारंभ किया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने बताया कि हरिद्वार-देहरादून रेल लाईन के दोहरीकरण का काम दो फेज में किया जाएगा। इससे संबंधित अधिकारी ने  कहा कि यह कार्य पहले फेज में हरिद्वार-रायवाला दोहरीकरण को जल्द पूरा किया जाएगा। रायवाला-देहरादून में भूमि संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करते हुए दूसरे फेज में इसे किया जाएगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान केन्द्रीय रेल मंत्री ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को रूङकी-देवबंद रेल का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। इसी के साथ बैठक में मुख्यमंत्री के अनुरोध पर टनकपुर-बागेश्वर और डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेलवे लाईन के सर्वे की भी स्वीकृति दी गई। रेल मंत्री ने कहा कि हरिद्वार-देहरादून रेल लाईन के दोहरीकरण का काम दो फेज में किया जाएगा।

पहले फेज में हरिद्वार-रायवाला दोहरीकरण को जल्द पूरा किया जाएगा। रायवाला-देहरादून में भूमि संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करते हुए दूसरे फेज में इसे किया जाएगा।

रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मंत्रालय के अधिकारियों को रायवाला रेलवे डाइवर्जन का काम अविलंब शुरू करने के निर्देश दिये।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बताया कि हरिद्वार में तीर्थ यात्रियों, देश विदेश के सैलानियों की सुविधा के लिए हवाई सेवा विकसित करने के लिए हैलीपेड बनाया जाना है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए बी.एच.ई.एल. की चिन्हित 0.5 है0 भूमि राज्य सरकार को 20 वर्षों के लिए निशुल्क हस्तांतरित किए जाने का अनुरोध किया है।

देहरादून जिले में पुलिस उपनिरीक्षकों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण जारी, पूर्व में भी पुलिस निरीक्षकों के हस्तांतरण हुए



देहरादून /ऋषिकेश 14 जून । उत्तराखंड प्रदेश में पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का लगातार होना जारी हो रहा है। अधिकारियों के इन ट्रांसफर से अनुमान लगाया जा सकता है की 2022 के मद्देनजर होने वाले चुनाव को देखते हुए इन सभी देहरादून जिले के पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर होना स्वभाविक है। या वजह कुछ और ही है यह तो बाद में ही पता चलेगा।

जिसकी कड़ी में आज 14 जून 2021 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा निम्न पुलिस उप निरीक्षकों को स्थानांतरण निम्न प्रकार किए गए हैंं।

1- उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी मयूर विहार, थाना रायपुर से कोतवाली पटेल नगर
2- उपनिरीक्षक पंकज कुमार, चौकी प्रभारी एम्स से कोतवाली नगर
3- उप निरीक्षक शिवराम, चौकी प्रभारी बिधौली से चौकी प्रभारी एम्स
4- उप निरीक्षक दिनेश कुमार, कोतवाली नगर से चौकी प्रभारी नालापानी, डालनवाला
5- उप निरीक्षक रामनरेश शर्मा वरिष्ठ उपनिरीक्षक थाना रायवाला से चौकी प्रभारी श्यामपुर, ऋषिकेश
6- उप निरीक्षक कुलदीप पंत, वरिष्ठ उप निरीक्षक थाना सहसपुर से कोतवाली नगर
7- उप निरीक्षक प्रदीप रावत, चौकी प्रभारी नालापानी, डालनवाला से चौकी प्रभारी झाझरा, थाना प्रेम नगर
8- उप निरीक्षक किशन देवरानी, चौकी प्रभारी सभावाला, थाना सहसपुर से चौकी प्रभारी मालदेवता, थाना रायपुर
9- उप निरीक्षक शांति प्रसाद चमोली, चौकी प्रभारी श्यामपुर, कोतवाली ऋषिकेश से एसओजी देहात, देहरादून
10- उप निरीक्षक जयवीर सिंह, थाना नेहरू कॉलोनी से चौकी प्रभारी मयूर विहार, थाना रायपुर
11- उप निरीक्षक दर्शन प्रसाद काला, चौकी प्रभारी झाझरा, थाना प्रेमनगर से कोतवाली विकासनगर
12- उपनिरीक्षक कविंद्र राणा, थाना कालसी से चौकी प्रभारी सभावाला, थाना सहसपुर
13- उप निरीक्षक खुशाल सिंह रावत, थाना नेहरू कॉलोनी से थाना कालसी
14- उपनिरीक्षक दीपक गैरोला, कोतवाली नगर से थाना सहसपुर
15- उपनिरीक्षक जैनेंद्र सिंह राणा, पुलिस लाइन देहरादून से थाना नेहरू कॉलोनी
16- उप निरीक्षक राकेश सिंह पवार, थाना डोईवाला से थाना रायवाला
17- महिला उपनिरीक्षक किरण डोभाल, कोतवाली पटेल नगर से थाना नेहरू कॉलोनी।

इससे पहले भी कुछ पुलिस निरीक्षक के तबादले प्रदेश के अंदर हो चुके हैं । उसके बाद अब इतने बड़े रूप में 17 पुलिस निरीक्षक केेेेे तबादले किस रूप में देखे जाएं देखने वाली बात यह है । उत्तराखंड प्रदेश  में लगातार इतने बड़े पैमानेेेे पर पुलिस अधिकारी के ट्रांसफर होना कुछ संशय पैदा करता हैै।

केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्द, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया,महाराष्ट्र से देवेंद्र फडनवीस, उत्तराखंड से त्रिवेंद्र सिंह रावत, ओडिशा के बैजयंत पांडा,असम से सर्वानंद समेत कई नए युवा चेहरों को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद



भाजपा में शामिल होने के 15 महीने बाद मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद जगी
मध्यप्रदेश में पिछले साल मार्च में कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही
मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय माना जा रहा

नई दिल्ली 13जून । मध्यप्रदेश में पिछले साल मार्च में कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही है। उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है। मोदी सरकार 2.0 के 2 साल पूरे होने के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की तैयारी में हैं।

PM मोदी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इसके बाद सिंधिया समर्थक दावा कर रहे हैं कि उनके नेता को जल्द ही टीम मोदी में जगह मिलने वाली है। सिंधिया समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सिंधिया को रेलवे की कमान मिल सकती है। हालांकि उन्हें शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय दिए जाने की भी चर्चा है। उन्हें भाजपा में शामिल हुए 15 महीने हो चुके हैं। अब भाजपा उनसे किया वादा पूरा करने जा रही है। इसके संकेत दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश तक हैं। जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी।

इस बार वे टीम मोदी में शामिल होते हैं, तो फिर वे अपना काम दिखा पाएंगे। उनकी क्षमताओं का लाभ उन्हें प्रस्तावित फेरबदल में मिलने की पूरी संभावना है। सूत्रों की मानें, तो भाजपा का फोकस अब पार्टी में यूथ लीडरशिप को डेवलप करना है। इसे ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ओडिशा के बैजयंत पांडा, महाराष्ट्र से देवेंद्र फडनवीस, उत्तराखंड से त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने 6 महीने में ही कैबिनेट का विस्तार कर दिया था और मंत्रियों की संख्या 45 से बढ़ाकर 66 कर दी थी। इसके बाद सरकार के 2 साल पूरे होने के कुछ महीने बाद ही जुलाई 2016 में मोदी ने फिर कैबिनेट में फेरबदल कर मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 78 कर दी थी। इसके एक साल बाद भी उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश की मौत से उत्तराखंड में शोक की लहर



देहरादून /ऋषिकेश 13 जून। उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश की मौत की खबर के बाद कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ पड़ी.

इंदिरा हृदयेश दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ मीटिंग में शामिल होने दिल्ली गई थी।

कुछ समय पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उभरी थी और उनकी हार्ट संबंधी इलाज भी हुआ था और वह कोरोनावायरस हो गई थी हालांकि आज सुबह का एक उनकी हालत बिगड़ने लगी। इस दौरान उत्तराखंड सदन में रुकी हुई थी। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की मृत्यु से कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं में वह एक कद्दावर नेता के तौर पर पहचानी जाती थी।

प्राप्त समाचारों के अनुसार इसके बाद उनकी हालत खराब होने के बाद उन्हें AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी उनकी मृत्यु हो गई।

 

मोदी योगी की मुलाकात से यूपी के दो टुकड़े ओर पश्चिम के कुछ जिलों को उत्तराखंड में मिलाने की अटकलें जोर पर



नई दिल्ली/देहरादून 12 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज हुई मुलाकात वैसे तो अगले साल होने वाले चुनाव का एजेंडा सेट करने को लेकर ही थी. लेकिन इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में एक अटकल यह भी लगाई जा रही है कि क्या यूपी को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी है?

या यूपी के कुछ पश्चिमी हिस्सों को उत्तराखंड मेंं भी मिलाया जा सकता है जिसमेंंंं बिजनौर व सहारनपुर जैसेेेेेे जिले भी शामिल हो सकते हैं   हालाकि अभी यह कहना  मुश्किल है। लेकिन इन अटकलों के मुताबिक मोदी सरकार मौजूदा प्रदेश से पूर्वांचल वाले हिस्से को अलग करके नया राज्य बनाने की  भी सोच रही है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि चुनाव से पहले ऐसा करने से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या योगी आदित्यनाथ इसके लिए आसानी से तैयार हो जायेंगे?

लेकिन इतना तय है कि इस बार बीजेपी पहले से भी ज्यादा ताकतवर होकर सत्ता में वापसी करने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों की मानें, तो कमोबेश 2017 वाला फार्मूला ही अपनाया जायेगा. लेकिन साथ ही, राम मंदिर के साथ-साथ आरक्षण की राजनीति पर भी इस बार उसका फोकस रहेगा यानी कमंडल व मंडल उसके एजेंडा में प्रमुख होंगे।

यही वजह है कि सामाजिक समीकरण साधने के लिए छोटे दलों के नेताओं के साथ मुलाकातों का दौर चल रहा है. उसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने कल अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल और निषाद दल के नेता संजय निषाद से मुलाकात कर आगे की संभावनाओं पर चर्चा की.

मौसम विभाग ने 13 और 14 जून को शहर में भारी बारिश होने की आशंका जाहिर की, मुंबई में लगातार भारी बारिश से रफ्तार पर ब्रेक, जलभराव से कई इलाकों में बिगड़े हालात



मुंबई पूरी तरह मॉनसून की चपेट में आ चुका हैै।

शहर में झमाझम हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हैैैै।

नई दिल्ली/ मुंबई 12जून। मानसून की बारिश ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन ठप हो गया है। बारिश के कारण कई जगहों पर जलजमाव हो गया है। इसके कारण कई जगहों पर लंबा जाम लग रहा है। ऑफिस और काम करने वाले लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में मुंबई और इसके आस पास के इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

इतना ही नहीं, मौसम विभाग की ओर से हाई टाइड आने की भी चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान शहर के पूर्वी उपनगरों में 89.30 मिमी से लेकर 92.38 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं मुंबई शहर में 79.66 मिमी बारिश हुई। चेंबूर और अंधेरी के कई इलाकों में पानी भर गया है। अंधेरी के सब-वे में बारिश के कारण जलभराव हो गया है। इससे आने वाले जाने वाले लोगों को दिक्कतें हो रही है।

मौसम विभाग के मुताबिक मुंबई और आसपास के इलाकों में अगले दो दिन भारी से भारी बारिश का अनुमान जताया है। शहर में मूसलाधार बारिश के बाद कई इलाके में भारी जलजमाव है। इसकी वजह से कई रास्तों पर ट्रैफिक पर भी असर पड़ा है। सड़क पर पानी भरने की वजह से कई गाड़ियां बीच सड़क पर ही खड़ी हो गईं।

विले पार्ले वेस्टर्न हाईवे पर बारिश के बावजूद आवाजाही जारी है। गौरतलब है कि भारत के मैदानी इलाकों में मानसूनी बारिश ने रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पश्चिम-मध्य और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती क्षेत्र बनने से उत्तर भारत के कई राज्यों में 12 जून से गरज के साथ बारिश होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि अगले 4-5 दिनों में मध्य और उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।

वट वृक्ष पूजन के बाद लगाए गए बरगद के पौधे, अखंड सौभाग्य का प्रतीक है वट सावित्री व्रत



अखंड सौभाग्य का प्रतीक है वट सावित्री व्रत

बौद्धित्व एवं विश्वास का प्रतीक है बरगद

वट वृक्ष पूजन के बाद लगाए गए बरगद के पौधे

ऋषिकेश 10 जून।  वट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर  चन्द्रावती शर्मा एवं   डाॅ. ज्योति शर्मा ने घर के पास एक वट वृक्ष को विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर पौधारोपण किया।
चन्द्रावती शर्मा ने सभी महिलाओं से अवाहन किया कि वट सावित्री व्रत पर बरगद का पेड़ लगाने की अपील भी की है कि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा वट वृक्ष लगाएं। इससे वातावरण में आक्सीजन की कमी नहीं होगी और व्रत के दिन पूजा भी कर सकेंगे साथ ही इसके अलावा पर्यावरण सुरक्षा में भी अपना योगदान दे।

डाॅ. ज्योति शर्मा ने कहा कि हर साल वट सावित्री व्रत पर वट वृक्ष की पूजा करने के लिए महिलाओं को दूर जाना पड़ता है। इसे देखते हुए इस साल पहले ही बरगद के पौधे लगा दिए हैं। जिससे पूजा करने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।  कोरोना काल में जिस तरह से आक्सीजन की कमी रही हैं उसे देखते हुए भी इस साल लोग पौधारोपण के लिए काफी सचेत हुए हैं। डाॅ. ज्योति शर्मा ने कहा कि  पूजा के लिए टहनियां तोड़ने की बजाय पौधे लगाइए उस पर हर साल पूजा हो सकेगी। इस साल आक्सीजन की कमी होने पर महिलाओं को पौधे लगाने के लिए जागरूक भी करना है।