चार धाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की अधिकारियों संग समीक्षा बैठक, स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने के अधिकारियों को दिए निर्देश

ऋषिकेश/ देहरादून/भराड़ीसैण (गैरसैंण) 15 मार्च।भराड़ीसैंण विधानसभा सदन के भीतर आज उत्तराखंड वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त बजट पेश किया।
बजट पेश करने पर वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को कैबिनेट मंत्री व भाजपा विधायकों ने मुंह मीठा कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2025 को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि सदन के भीतर प्रस्तुत 77 हजार 407 करोड़ का यह 2023-24 का बजट राज्य के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें उद्यान विभाग के लिए 815 करोड़, उद्योग विभाग में 461 करोड, पर्यटन विभाग में 302 करोड़, शिक्षा व युवा कल्याण विभाग में 10469 करोड़, कृषि विभाग के लिए 1294 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 4217.87 करोड़ का बजट रखा गया है।
जबकि समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2850 करोड़, विकेंद्रीकृत विकास के अंतर्गत जिला योजना में 925 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 2791 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 1251 करोड़ का मद रखा गया है।
उन्होंने कहा कि बजट में जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू धंसाव व अन्य के अंतर्गत राहत कार्य के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान है, उन्होंने कहा कि बजट में जी-20 समिट के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों में स्थापना कार्य के लिए तेरा सौ करोड़ जबकि अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए दो सौ पंद्रह करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मौके पर मौजूद मंत्री गण का विधायक गणों ने वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को मिठाई खिलाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बजट से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
इस दौरान विधायक दुर्गेश्वर लाल, डॉ मोहन बिष्ट, सुरेश चौहान, सुरेश चौहान, महेश जीना, रेणु बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, आदेश चौहान, विनोद कंडारी, विनोद चमोली आदि विधायक गण उपस्थित रहे।
देहरादून दिल्ली 11 मार्च। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से भेंट कर माह मार्च-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत प्रदान किये पर धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलम्ब अथवा इनके माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के फलस्वरूप विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता में कमी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बेस लोड हेतु तापीय विद्युत गृह का उपलब्ध न होने, बीती शीत ऋतु में कम वर्षा एवं बर्फबारी के फलस्वरूव अभी से ही नदियों में कम जलस्तर के फलरूवरूव प्रदेश के जलविद्युत उत्पादन में कमी परिलक्षित होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत मांग एवं उपलब्धता में वर्ष 2023-24 में औसतन 400 मेगावाट का अन्तर अनुमानित है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य को इस संभावित विद्युत संकट मुक्त करने हेतु केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि हेतु 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक निर्णय का आश्वासन प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने टी0एच0डी0सी0, खुर्जा के आवंटन पर पुर्नविचार किए जाने अथवा उत्तराखण्ड राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को संबल प्रदान जाने के उद्देश्य से इस पावर स्टेशन की 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता, उत्तराखण्ड राज्य को आवंटित करने का भी अनुरोध किया।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश हेतु बेस लोड विधुत गृह कोयला की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।
प्रदेश की लंबित जल विधुत परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक आयोजित की जायेगी।
केंद्रीय दल द्वारा उत्तराखंड में विधुत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद में पुनर्निर्माण कार्यों में मदद हेतु भी आश्वासन प्रदान किया गया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए योजना को उत्तराखंड राज्य को हस्तगत कराने का भी निर्णय लिया गया।केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के पुनः संचालन का भी सुझाव दिया।
बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी, उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।