Category: धर्म
तीर्थ नगरी ऋषिकेश के आश्रमों ,मंदिरों में धूमधाम के साथ छप्पन प्रकार का भोग लगाकर गोवर्धन की हुई विधि विधान से पूजा इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत -ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी अन्नकुट पर्व पर नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने भी संतो से लिया आर्शीवाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी करी कार्यक्रम में शिरकत
ऋषिकेश ,14 नवम्बर ।तीर्थ नगरी के सभी आश्रमों मंदिरों में धूमधाम के साथ छप्पन प्रकार के भोग प्रसाद का भोग लगाकर गोवर्धन की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई ।
मंगलवार की सुबह से ही मंदिरों में गोवर्धन की पूजा अर्चना का सिलसिला भजन कीर्तन के साथ प्रारंभ हो गया था।
इस दौरान श्री जय राम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, के संचालन में गोवर्धन के साथ भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पंडित मायाराम शास्त्री की देखरेख में पूजा अर्चना की गई।
ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने इस अवसर पर उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि गोवर्धन का पर्व भारतीय संस्कृति में सनातन धर्मियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो की भगवान इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए मनाया जाता है ।उन्होंने कहा कि इस पर्व के पीछे भगवान इंद्र द्वारा घनघोर वर्षा कर प्रजा के सामने संकट उत्पन्न कर देने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बचाए जाने के लिए उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर उसके नीचे उनकी रक्षा किए जाने का संकल्प लिया, जिसके कारण इंद्र भगवान परेशान हो गए ,और उन्होंने अपनी जिद को छोड़ दिया जिससे उनका घमंड भी टूट गया। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड भी चूर कर दिया था, जिसमें एक संदेश छिपा था कि कभी भी अपने ऊपर इंसान को घमंड नहीं करना चाहिए।
वहीं दूसरी और नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने पूज्य पाद जगतगुरु ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम महाराज के षष्ठम् निर्वाण दिवस पर जगतगुरु शंकराचार्य आश्रम माया कुंड दंडीवाडा में समाराधना दिवस के उपलक्ष में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी शिरकत की।
दंडी स्वामी श्री विज्ञानानंद तीर्थ एवं आश्रम के प्रबन्धक पूज्य स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि जगतगुरु स्वामी माधवाश्रम का सम्पूर्ण जीवन सनातन संस्कृति के लिए समर्पित रहा।
इसस पूर्व मंगलवार की दोपहर जयराम आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई महापौर ने कहा कि गोवर्धन पूजा अत्यंत के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है क्योंकि इसमें गाय माता की पूजा की जाती है। साथ ही कई अन्य जगहों पर यह पूजा परिवार की सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना के लिए भी की जाती है।
श्री जयराम अन्नक्षेत्र में गोवर्धन पूजन के मौके पर क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शिरकत की और श्रीकृष्ण भगवान को 56 भोग लगाया। साथ ही विशेष आरती कर देश प्रदेश की उन्नति की कामना की।
मंगलवार को कार्यक्रम में शामिल मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। बताया कि आज के दिन पूजा में लोग अपने घरों में कान्हा का अच्छे से साज-श्रृंगार करके शुभ मुहूर्त देखकर उनकी पूजा-आराधना करटे है। कान्हा के समक्ष अपनी समस्त मनोकामनाओं की अर्जी लगाकर उसे पूरी करने की विनती करते है।
वही शीशम झाडी स्थित ईश्वर आश्रम में महामंडलेश्वर ईश्वर दास मायाकुंड स्थित उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य, जनार्दन आश्रम में केशव स्वरूप ब्रह्मचारी के संचालन में गोवर्धन की पूजा अर्चना की गई।
श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रहें साथ
रुद्रप्रयाग/श्री बदरीनाथ धाम: 8 नवंबर। महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू आज भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंची बदरीनाथ आर्मी हैलीपेड में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एवं श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
राष्ट्रपति ने आज बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये। वेदपाठ विशेष पूजा संपन्न की।
उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।
दर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह , मोजपत्र में लिखी भगवान बदरीविशाल की आरती भी भेंट की।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने महामहिम राष्ट्रपति को भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।
इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सहित मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना,उप महानिरीक्षक पुलिस गढ़वाल केएस नगन्याल एसपी रेखा यादव सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी/ डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, विपुल डिमरी एई गिरीश देवली,टीओ राजेंद्र चौहान,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित मंदिर समिति अधिकारीगण मौजूद रहे।
पूर्वाह्न 11.30 राष्ट्रपति श्रीनगर (गढ़वाल)के लिए प्रस्थान हुए जहां हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेगी।
श्री गीता आश्रम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा भक्ति पूर्वक निकाली,पूजा अर्जन कर श्रद्धा पूर्वक पुष्पवर्षा के साथ जगह जगह हुआ यात्रा का स्वागत
ऋषिकेश 4 नवंबर। श्री गीता आश्रम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा भक्ति पूर्वक निकाली गई । यात्रा का स्वागत जगह-जगह पर सभी भक्तों ने भी सामूहिक प्रतिभाग कर यात्रा का श्रीगणेश किया। तथा पूजा अर्जन कर श्रद्धा पूर्वक पुष्पवर्षा के साथ जगह जगह यात्रा का स्वागत किया गया।
यात्रा का संचालक भानु मित्र शर्मा के नेतृत्व में किया गया। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का नगर के सभी व्यापारी, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह रथ यात्रा का स्वागत किया।जहां यात्रा का भव्य स्वागत के साथ श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं ने झाडू लगाया।
इस अवसर पर पूर्व विशिष्ट अतिथि के रूप में कुसुम कंडवाल अध्यक्ष महिला आयोग उत्तराखंड ,रेणु बिष्ट विधायक यमकेश्वर , स्वामी आदित्यानंद, स्वामी सर्वतमानंद, डॉक्टर दीपक गुप्ता, इंद्र प्रकाश अग्रवाल , शकुंतला राजपूत, एवं युवा व्यापार मंडल तथा धार्मिक संस्थाओं ने स्थान स्थान पर भगवान जगन्नाथ जी का स्वागत सत्कार किया। एवं पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस मौके पर विशेष महानुभावों में स्वामी गुरु चरण दास स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक गण भाजपा पदाधिकारी अरविंद नेगी भारत लाल शकुंतला राजपूत गोपाल अग्रवाल बृजेश चतुर्वेदी गजेंद्र नगर , गोविंद जी , आश्रम पदाधिकारीगण चंद्रमित शुक्ल, त्रिभुवन उपाध्याय ,लक्ष्मण पुंडीर, राजेंद्र चौहान, एवं अन्य अनेक श्रद्धालु स्थानीय भक्तगण भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा में शामिल हुए ।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद होने की तारीख हुई निश्चित, पढ़िए कब होंगे कपाट बंद कपाट बंद होने तक सुचारू रहेगी यात्रा: अजेंद्र अजय, बीकेटीसी अध्यक्ष
श्री बदरीनाथ धाम: 24 अक्टूबर। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 18 नवंबर को शायंकाल 3 बजकर तैतीस मिनट पर बंद हो जायेंगे।
आज मंगलवार विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की।
इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यो ने स्वास्तिवाचन किया अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा विजय दशमी की शुभकामनाएं दी।कहा कि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा सुचारू ढ़ग से संचालित होगी।
अपने जारी बयान में मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बदरी- केदार यात्रा में रिकार्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं।
कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य वीरेंद्र असवाल एवं भास्कर डिमरी प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, स्वामी मुकुंदानंद महाराज, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, भूपेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, बाबा उदय सिंह, पीतांबर मोल्फा, विनोद डिमरी, सुधाकर बाबुलकर अनसुया नौटियाल, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे। आज ही नये यात्रा वर्ष भंडार व्यवस्था हेतु पगड़ी भेंट कर जिम्मेदारी दी गयी।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की। राम सिंह भंडारी,मोहन प्रसाद भट्ट,निश्चय मेहता, अविनाश पंवार को पगड़ी भेंट हुई। इस अवसर पर अपने संबोधन में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बदरीनाथ धाम की सफल यात्रा हेतु सभी विभागों, पुलिस, प्रशासन, सेना आईटीबीपी, हक-हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों, तीर्थयात्रियों का आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रात: श्री उद्ववजी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाये शुरू हो जायेगी 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर दिन में आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंगे , 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा चौथे दिन 17 नवंबर को लक्ष्मी जी को कढाई भोग तथा पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे उसके पश्चात शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद हो जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर15 नवंबर को दोपहर को बंद हो जायेंगे जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट 1 नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिये जायेंगे।