भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद ,ढाई हजार तीर्थयात्री कपाट बंद होने के बने साक्षी, श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 14 नवंबर को हुए बंद हुए , श्री यमुनोत्री धाम और श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट कब होंगे बंद पढ़िए पूरी खबर



केदारनाथ धाम: 15 नवंबर। शीतलहर तथा बर्फ के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज बुधवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: साढ़े आठ बजे विधि- विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। आजकल श्री केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े है आधा फीट तक बर्फ मौजूद है आज कपाट बंद के के समय मौसम साफ रहा।

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा।कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंगलवार को कपाट बंद की तैयारियों हेतु श्री केदारनाथ पहुंच गये थे आज इस अवसर पर उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा की धर्मपत्नी मीडिया दिग्गज रिनिकी भुयान शर्मा तथा परिजन भी कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद रहे।‌यह सभी अतिथि मंगलवार को ही केदारनाथ धाम पहुंच गये थे।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है इस यात्रावर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।आज ब्रह्ममुहुर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया।इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।इसके पश्चात शीतकालीन पूजास्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं हज़ारों तीर्थयात्री मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हुए श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

तीर्थ नगरी ऋषिकेश के आश्रमों ,मंदिरों में धूमधाम के साथ छप्पन प्रकार का भोग लगाकर ‌गोवर्धन की हुई विधि विधान से पूजा इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत -ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी अन्नकुट पर्व पर नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने भी संतो से लिया आर्शीवाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी करी कार्यक्रम में शिरकत



ऋषिकेश ,14 नवम्बर ‌।तीर्थ नगरी के सभी आश्रमों मंदिरों में धूमधाम के साथ छप्पन प्रकार के भोग प्रसाद का भोग लगाकर ‌गोवर्धन की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई ।

मंगलवार की सुबह से ही मंदिरों में गोवर्धन की पूजा अर्चना का सिलसिला भजन कीर्तन के साथ प्रारंभ हो गया था।

इस दौरान श्री जय राम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, के संचालन में गोवर्धन के साथ भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पंडित मायाराम शास्त्री की देखरेख में पूजा अर्चना की गई।

ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने इस अवसर पर उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि गोवर्धन का पर्व भारतीय संस्कृति में सनातन धर्मियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो की भगवान इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए मनाया जाता है ।उन्होंने कहा कि इस पर्व के पीछे भगवान इंद्र द्वारा घनघोर वर्षा कर प्रजा के सामने संकट उत्पन्न कर देने ‌के‌ बाद भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बचाए जाने के लिए उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर उसके नीचे उनकी रक्षा किए जाने का संकल्प लिया, जिसके कारण इंद्र भगवान परेशान हो गए ,और उन्होंने अपनी जिद को छोड़ दिया जिससे उनका घमंड भी टूट गया। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड भी चूर कर दिया था, जिसमें एक संदेश छिपा था कि कभी भी अपने ऊपर इंसान को घमंड नहीं करना चाहिए।

वहीं दूसरी और नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने पूज्य पाद जगतगुरु ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी  माधवाश्रम  महाराज   के षष्ठम् निर्वाण दिवस पर जगतगुरु शंकराचार्य आश्रम माया कुंड दंडीवाडा में समाराधना दिवस के उपलक्ष में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी शिरकत की।

दंडी स्वामी श्री विज्ञानानंद तीर्थ एवं आश्रम के प्रबन्धक पूज्य स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी  ने कहा कि जगतगुरु स्वामी माधवाश्रम का सम्पूर्ण जीवन सनातन संस्कृति के लिए समर्पित रहा।

इसस पूर्व मंगलवार की दोपहर जयराम आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई महापौर ने कहा कि गोवर्धन पूजा अत्‍यंत के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है क्योंकि इसमें गाय माता की पूजा की जाती है। साथ ही कई अन्‍य जगहों पर यह पूजा परिवार की सुख-समृद्धि, अच्‍छी सेहत और लंबी उम्र की कामना के लिए भी की जाती है।

श्री जयराम अन्नक्षेत्र में गोवर्धन पूजन के मौके पर क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शिरकत की और श्रीकृष्ण भगवान को 56 भोग लगाया। साथ ही विशेष आरती कर देश प्रदेश की उन्नति की कामना की।

मंगलवार को कार्यक्रम में शामिल मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। बताया कि आज के दिन पूजा में लोग अपने घरों में कान्‍हा का अच्‍छे से साज-श्रृंगार करके शुभ मुहूर्त देखकर उनकी पूजा-आराधना करटे है। कान्‍हा के समक्ष अपनी समस्‍त मनोकामनाओं की अर्जी लगाकर उसे पूरी करने की व‍िनती करते है।

वही शीशम झाडी स्थित ईश्वर आश्रम में महामंडलेश्वर ईश्वर दास मायाकुंड स्थित उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य, जनार्दन आश्रम में केशव स्वरूप ब्रह्मचारी के संचालन में गोवर्धन की पूजा अर्चना की गई।

श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रहें साथ 



रुद्रप्रयाग/श्री बदरीनाथ धाम: 8 नवंबर। महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू आज भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंची बदरीनाथ आर्मी हैलीपेड में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एवं श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने राष्ट्रपति की अगवानी की।

राष्ट्रपति ने आज बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये। वेदपाठ विशेष पूजा संपन्न की।
उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।
दर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह , मोजपत्र में लिखी भगवान बदरीविशाल की आरती भी भेंट की।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने महामहिम राष्ट्रपति को भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।
इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सहित मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना,उप महानिरीक्षक पुलिस गढ़वाल केएस नगन्याल एसपी रेखा यादव सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी/ डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, विपुल डिमरी एई गिरीश देवली,टीओ राजेंद्र चौहान,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित मंदिर समिति अधिकारीगण मौजूद रहे।
पूर्वाह्न 11.30 राष्ट्रपति श्रीनगर (गढ़वाल)के लिए प्रस्थान हुए जहां हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेगी।

श्री गीता आश्रम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा भक्ति पूर्वक निकाली,पूजा अर्जन कर श्रद्धा पूर्वक पुष्पवर्षा के साथ जगह जगह हुआ यात्रा का स्वागत



ऋषिकेश 4 नवंबर। श्री गीता आश्रम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा भक्ति पूर्वक निकाली गई । यात्रा का स्वागत जगह-जगह पर सभी भक्तों ने भी सामूहिक प्रतिभाग कर यात्रा का श्रीगणेश किया। तथा पूजा अर्जन कर श्रद्धा पूर्वक पुष्पवर्षा के साथ जगह जगह यात्रा का स्वागत किया गया।

यात्रा का संचालक भानु मित्र शर्मा के नेतृत्व में किया गया। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का नगर के सभी व्यापारी, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह रथ यात्रा का स्वागत किया।जहां यात्रा का भव्य स्वागत के साथ श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं ने झाडू लगाया।

इस अवसर पर पूर्व विशिष्ट अतिथि के रूप में  कुसुम कंडवाल अध्यक्ष महिला आयोग उत्तराखंड  ,रेणु बिष्ट विधायक यमकेश्वर , स्वामी आदित्यानंद, स्वामी सर्वतमानंद, डॉक्टर दीपक गुप्ता,  इंद्र प्रकाश अग्रवाल , शकुंतला राजपूत, एवं युवा व्यापार मंडल तथा धार्मिक संस्थाओं ने स्थान स्थान पर भगवान जगन्नाथ जी का स्वागत सत्कार किया।  एवं पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

  इस मौके पर विशेष महानुभावों में स्वामी गुरु चरण दास स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक गण भाजपा पदाधिकारी अरविंद नेगी भारत लाल  शकुंतला राजपूत गोपाल अग्रवाल बृजेश चतुर्वेदी गजेंद्र नगर  , गोविंद जी , आश्रम पदाधिकारीगण चंद्रमित शुक्ल, त्रिभुवन उपाध्याय ,लक्ष्मण पुंडीर, राजेंद्र चौहान, एवं अन्य अनेक श्रद्धालु स्थानीय भक्तगण भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा में शामिल हुए ।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद होने की तारीख हुई निश्चित, पढ़िए कब होंगे कपाट बंद   कपाट बंद होने तक सुचारू रहेगी यात्रा: अजेंद्र अजय, बीकेटीसी अध्यक्ष 



श्री बदरीनाथ धाम: 24 अक्टूबर। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 18 नवंबर को शायंकाल 3 बजकर तैतीस मिनट पर बंद हो जायेंगे।

आज मंगलवार विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की।

इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यो ने स्वास्तिवाचन किया अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा विजय दशमी की शुभकामनाएं दी।कहा कि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा सुचारू ढ़ग से संचालित होगी।

अपने जारी बयान में मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बदरी- केदार यात्रा में रिकार्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं।

कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य वीरेंद्र असवाल एवं भास्कर डिमरी प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, स्वामी मुकुंदानंद महाराज, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, भूपेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, बाबा उदय सिंह, पीतांबर मोल्फा, विनोद डिमरी, सुधाकर बाबुलकर अनसुया नौटियाल, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे। आज ही नये यात्रा वर्ष भंडार व्यवस्था हेतु पगड़ी भेंट कर जिम्मेदारी दी गयी।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की। राम सिंह भंडारी,मोहन प्रसाद भट्ट,निश्चय मेहता, अविनाश पंवार को पगड़ी भेंट हुई। इस अवसर पर अपने संबोधन में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बदरीनाथ धाम की सफल यात्रा हेतु सभी विभागों, पुलिस, प्रशासन, सेना आईटीबीपी, हक-हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों, तीर्थयात्रियों का आभार जताया।

उल्लेखनीय है कि कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रात: श्री उद्वव‌जी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाये शुरू हो जायेगी 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर दिन‌ में आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंगे , 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा चौथे दिन 17 नवंबर को लक्ष्मी जी को कढाई भोग तथा पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे उसके पश्चात शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद हो जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर15 नवंबर को दोपहर को बंद हो जायेंगे जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट 1 नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिये जायेंगे।

 

बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों ने कुंजापुरी मेले में सूफी गायक चांद कादरी के कार्यक्रम का किया विरोध ऋषिकेश के एक होटल में ठहरे कादरी का किया घेराव , मौके पर भारी पुलिस बल तैनात



ऋषिकेश ,21अक्टूबर‌। बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों द्वारा कुंजापुरी मेले में सूफी गायक चांद कादरी के कार्यक्रम को रद्द कराए जाने की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन के चलते उनको कार्यक्रम में जाने से रोके जाने के लिए ऋषिकेश के एक होटल में ठहरे कादरी का घेराव किया गया। जिसकी सूचना पर सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात है।

उल्लेखनीय की सूफी गायक चांद अफजाल कादरी का‌ कार्यक्रम नरेंद्र नगर स्थित कुंजापुरी मेले में ‌ पूर्व निर्धारित किया गया है जिसकी सूचना मिलने पर सभी हिंदू संगठन कादरी के कार्यक्रम को रद्द किए जाने के लेकर लामबंद है और वह लगातार मेला आयोजन समिति का विरोध करते हुए अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। उसके बावजूद कादरी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ऋषिकेश पहुंचे और वह‌‌ नटराज होटल में ठहरे हैं

जिसकी हिंदू संगठनों को सूचना मिलने पर वह एकत्रित होकर होटल पहुंचे और उन्होंने होटल के दोनों गेटों पर धरना दे रखा है और वह उन्हें कार्यक्रम में जाने के लिए रोकने के लिए जमें हैं, जिसकी सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर काफी संख्या में इस तरह से लेकिन आंदोलनकारी अपनी बात से हटने को तैयार नहीं है।

धरना देने वालों में हिंदू संगठनों के गिरीश उनियाल ,अनिल हिंदू,जबर सिंह, प्रदेश के मिलन प्रमुख विकास वर्मा , कुसुम जोशी, राधा जैन, राजेंद्र वर्मा, नरेश उनियाल, विजय बिस्ट, वैभव पाल ,प्रकाश रतूड़ी, वीरभद्र प्रखंड अध्यक्ष दीपक कश्यप, अभिषेक खंड मंत्री संतलाल , बजरंग दल संयोजक प्रखंड, एके सिंह जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, महंत गोपाल गिरी, शाहिद काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

ऋषिकेश से मध्य प्रदेश के लिए ऐतिहासिक गो यात्रा को रवाना हुए श्री राम गौधाम सेवा समिति के सदस्य  23 अक्टूबर को मध्यप्रदेश से 15 दिवसीय गोरक्षा जन जागरण‌‌ यात्रा का होगा शुभारंभ 



ऋषिकेश 21 अक्टूबर ।श्री राम गौधाम सेवा समिति द्वारा गोरक्षा  जन जागरण हेतु 23 अक्टूबर को मध्यप्रदेश से 15 दिवसीय गौ यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा । जिसकी सफलता के लिए ऋषिकेश से मध्यप्रदेश के लिए 35 सदस्यों का दल ‌रवाना हो गया है। जिसका ऋषिकेश में गौ भक्तों द्वारा मालयाअर्पण कर दल को रवाना किया गया।

श्री राम गौधाम सेवा समिति द्वारा 23 अक्टूबर को मध्यप्रदेश से 15 दिवसीय आयोजित की जाने वाली गौ यात्रा  यात्रा देश के कई राज्यों से होकर गुजरेंगी।  यात्रा के लिए समिति के सदस्य ऋषिकेश से मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गए है।

इस यात्रा पर जाने से पहले श्रीराम गौ धाम के संस्थापक एवं गौ भक्त जगदीश प्रसाद भट्ट ने ऋषिकेश में पत्रकार वार्ता में  बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य गांव से लेकर शहर की सड़कों पर निराश्रित घूम रही गौमाता एवं गौ वंशो की दशा सुधारने के लिए एक जन जागरण अभियान करना है।

उन्होंने कहा कि यात्रा के माध्यम से गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिये जाने के साफ गोल अच्छा कानून पूरे भारत में लागू किया जाना भी है  ।

समिति संस्थापक जगदीश प्रसाद भट्ट ने कहा कि श्रीराम गौधाम सेवा समिति द्वारा निराश्रित गौमाता और गौ वंशों की दशा और दिशा सुधारने के लिए एक एतिहासिक गोरखा जनजागरण भारत यात्रा का शुभारम विश्वविख्यात, अनंत विभूषित संत शिरोमणी पद्मविभूषण  तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानन्दाचार्या स्वामी रामभद्राचार्य  महाराज के आशीर्वाद एवं सान्निध्य में 23 अक्टूबर 2023 से मध्य प्रदेश के शियोपुर जनपद के वन क्षेत्र से प्रारंभ की जायेगी । जोकि मध्यप्रदेश प्रदेश से चलकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल तथा उत्तराखण्ड के हरिद्वार में पहुंचेगी।

जहाँ इसका दिव्य एवं भव्य समापन महामण्डलेश्वरी सती के सानिध्य में होगा । इस एतिहासिक गौरक्षा जनजागरण भारत यात्रा को देशभर के संत समाज एवं प्रबद्धजनों का  आशीर्वाद मिल रहा  है।

उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर से शुभारम्भ होने  वाली  एतिहासिक गौरक्षा जनजागरण भारत यात्रा का उद्देश्य गांव से लेकर शहरों में पैदल मार्गों में तथा सड़कों पर घूम रही गौमाता एवं गौ वंशो की दशा सुधारने के लिए एक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है । जिसके लिए समस्त आम जन से की जा रही है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गौ माता की रक्षा एवं संवर्धन का कार्य सेवा भाव से कर पुण्य के भागी बने तथा किसी भी स्थिति एवं परिस्थिति में गौमाता को नितिन श्रीराम गौधाम सेवा समिति परिवार, घीवन ऐसे सभी गौभक्तों एवं गौ प्रेमियों से साथ जुड़ने की अपील की जाएगी।गौ माता हमारे हिन्दू सनातन की माता है, गौमाता की शास्त्रों में बहुत बड़ी महिमा है तथा वह सभी प्रकार से पूज्य है, फिर भी गौमाता की इतनी बुरी दुर्दशा क्यों हो रही है। गौमाता से बढ़कर कोई दूसरा बड़ा धर्म एवं महान पुण्य कार्य नहीं है, गौमाता को कभी भूलकर भी अन्य पशुओं से तुलना ना करें एवं अन्य पशुओं की भांति साधारण नहीं समझना चाहिए, गौमाता के शरीर में 13 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। गौमाता श्रीकृष्ण की परमाराच्या है, गौमाता वैतरणी पार लगाने वाली है, गौमाता को अपने घर पर रखकर तन, मन तथा पन सेवा करनी चाहिए ।

ऐतिहासिक गौरक्षा जन जागरण गौरथ भारत यात्रा के माध्यम से लोगों को गौमाताओं एवं गौवंशों की सच्ची सेवा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से आम जनमानस के भीतर गौमाता एवं गौवंशो की सेवा संरक्षण एवं सवर्धन की अलख जगाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए समस्त आम जनमानस से अपील की जा रही है की वह अपने – अपने क्षेत्र में गौ माता की रक्षा एवं संवर्धन का कार्य सेवा भाव से कर पुण्य के भागी बने तथा किसी भी स्थिति एवं परस्थिति में गौ माता को जगह जगह निराश्रित ना छोड़े । क्योंकि केवल और केवल गौसेवा मात्र में ही समस्त जगत का कल्याण निहित है।

यात्रा विवरण

पहला दिवस 23 अक्टूबर 2023 गसवानी (म.प्र) से चलकर झाँसी (उ.प्र.) ।

दूसरा दिवस 24 अक्टूबर 2023 झाँसी (उ.प्र.) से चलकर चित्रकूट (उ.प्र.)

तीसरा दिवस : 25 अक्टूबर 2023 चित्रकूट (उ.प्र.) से चलकर प्रयागराज (उ.प्र.)

चौथा दिवस 26 अक्टूबर 2023 प्रयागराज (उ.प्र.) से चलकर अयोध्या जी (उ.प्र.)

पांचवा दिवस 27 अक्टूबर 2023 अयोध्या जी (उ.प्र.) से चलकर लखनऊ (उ.प्र.)

छठा दिवस 28 अक्टूबर 2023 लखनऊ (उ.प्र.) से चलकर कन्नौज/इटावा (उ.प्र.)

सातवां दिवस 29 अक्टूबर 2023 इटावा (उ.प्र.) से चलकर मथुरा-वृन्दावन (उ.प्र.)

आठवां दिवस : 30 अक्टूबर 2023 मथुरा-वृन्दावन (उ.प्र.) से चलकर गुरुग्राम (हरियाणा)

नवां दिवस: 31 अक्टूबर 2023 गुरुग्राम (हरियाणा) से चलकर कुरुक्षेत्र (हरियाणा)

दसवां दिवस 1 नवम्बर 2023 कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से चलकर खन्ना (पंजाब)

ग्यारवां दिवस : 2 नवम्बर 2023 खन्ना (पंजाब) से चलकर लुधियाना (पंजाब)

बारहवां दिवस 3 नवम्बर 2023 लुधियाना (पंजाब) से चलकर चण्डीगढ़ (पंजाब)

तेरहवां दिवस : 4 नवम्बर 2023 चण्डीगढ़ (पंजाब) से चलकर पोण्टा साहिब (हिमाचल)

चौदहवां दिवस : 5 नवम्बर 2023 पोण्टा साहिब (हिमाचल) से चलकर हरिद्वार (उत्तराखण्ड)

पन्द्रहवां दिवस : 6 नवम्बर 2023 हरिद्वार में यथाविधि सम्पन्न समारोह आयोजित किया जाएगा।

पत्रकार वार्ता में जगदीश  भट्ट,रामावल्लभ भट्ट, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, यात्रा ‌संयोजक डा, जगत राम भट्ट, देवी प्रसाद , शांति प्रसाद भट्ट, प्रवक्ता गौरव यात्रा अनिल कुमार गुप्ता, सुमन डोभाल, सचिन सुदेश भट्ट ,उपाध्यक्ष योगी दिलीप बिष्ट, गौ सेवक नीरज चौधरी ,मदन सिंह बिष्ट , उषा देवी,राकेश चतुर्वेदी, सतीश भट्ट, वीरेंद्र प्रसाद जोशी, कार्यक्रम अधिकारी हर्ष मनी उनियाल, मनीष व्यास, आदि भी उपस्थित थे।

 

माँ कुन्जापुरी मेले में संप्रदाय विशेष का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे- संदीप खत्री हिन्दू धार्मिक मेलों में अवैध धार्मिक घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा -ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट चौराहे पर पालिकाध्यक्ष नरेंद्र नगर , आयोजक मंडल का पुतला दहन कर, एसडीएम नरेंद्र नगर को दिया ज्ञापन



ऋषिकेश, 20 अक्टूबर ।भैरव सेना के कार्यकर्ताओं ने हिन्दू धार्मिक मेलों में अवैध धार्मिक घुसपैठ का आरोप लगाते हुए ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट चौराहे पर पालिकाध्यक्ष नरेंद्र नगर तथा आयोजक मंडल का पुतला दहन कर उग्र नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करने के उपरांत भद्रकाली में उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर को ज्ञापन दिया।

शुक्रवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित भैरव सेवा के जिला अध्यक्ष सतीश जोशी के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन में सम्मिलित संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदर्शन के बावजूद यदि 21 अकटूबर को सूफी कव्वाल का कार्यक्रम हुआ, तो भैरव सेना संगठन के कार्यकर्ता अन्य हिन्दू संगठनों सहित नरेन्द्र नगर में आयोजित “सिद्धपीठ माँ श्री कुन्जापुरी मेला 2023” के कार्यक्रम में सूफी कव्वाल चांद अफजल कादरी को बुलाये जाने के विरोध में मेला स्थल पर धमक कर अपना विरोध दर्ज करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी मेला आयोजक समिति की होगी।

क्योंकि संगठन द्वारा लगातार अपना विरोध दर्ज किया जा रहा है जिसकी अनदेखी पर कार्यकर्ता आन्दोलन से पीछे नहीं हटेंगे।

संगठन के केंद्रीय मिडिया प्रमुख एवं प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड अनिल थपलियाल ने कहा की सत्ता के नशे में चूर नेताओं को बता दें की उत्तराखंड में धार्मिक घुसपैठ अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी। क्षेत्रीय जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण जिन नेताओं को चुना है। वह अब तानाशाही पर उतर आये हैं और जानबूझकर हिन्दू धार्मिक अनुष्ठानों में धार्मिक घुसपैठ करवाकर संप्रदायिक माहौल खराब करने का प्रयास स्वयं ही कर रहे हैं।

जिला उपाध्यक्ष गणेश जोशी तथा अन्नू राजपूत ने कहा की धार्मिक घुसपैठ का एक मामला उत्तरकाशी जिले के अंदर भी आया है। जहां पर माघ मेला समिति में एक संप्रदाय विशेष के व्यक्ति को सदस्य बनाया गया है। जबकि जग-जाहिर है कि माघ मेला उत्तरकाशी में आयोजित होने वाला हिंदुओं का बड़ा मेला है। जिसमें संप्रदाय विशेष का हस्तक्षेप संगठन तथा क्षेत्रीय निवासियों को स्वीकार नहीं करेंगे।

उग्र नारेबाजी के साथ पालिकाध्यक्ष नरेंद्र नगर राजेंद्र विक्रम पंवार तथा मेला आयोजक मंडल के पुतला दहन का कार्यक्रम प्रदेश प्रभारी अनिल थपलियाल की देखरेख में हुआ।

जिसमें की उपरोक्त पदाधिकारीयों सहित उपस्थित कार्यकर्तागण इस प्रकार से रहे। शकुन्तला रावत, प्रमिला रावत, अभी कश्यप, शुभम ,रविंद्र कुमार, राजेंद्र रावत, मनीष, अमन, विकास राणा, अंकुर सहित दर्जनों कार्यकर्ता रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अबू धाबी में निर्माणाधीन बीपीएस हिन्दू मन्दिर में ईंटे रखकर करी कारसेवा



ऋषिकेश देहरादून 18 अक्टूबर। मुख्यमंत्री  Pushkar Singh Dhami ने यूएई दौरे के दौरान बुधवार को अबू धाबी में निर्माणाधीन बीपीएस हिन्दू मन्दिर में ईंटे रखकर कारसेवा की।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर हिन्दू धर्म को स्थापित करने और मन्दिर निर्माण का जो कार्य चल रहा है, यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से इस मन्दिर निर्माण का कार्य हो रहा है। उनके नेतृत्व में भारत को विश्व पटल पर मान-सम्मान और अलग पहचान मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने इस मन्दिर के निर्माण में सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि यह हिन्दू मन्दिर सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों, सद्भाव और परंपराओं को बढ़ावा देने का कार्य भी करेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड की सिद्धपीठ मां कुंजापुरी मेले में अन्य समुदाय के सूफी गायक को बुलाया जाने का हुआ विरोध,हिंदू समाज एवं बजरंग दल ने नटराज चौक पर मेले की आयोजक समिति का किया पुतला दहन



ऋषिकेश ,18 अक्टूबर  । हिंदू समाज एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नटराज चौक ऋषिकेश पर सिद्धपीठ मां कुंजापुरी मेले की आयोजक समिति का पुतला दहन कर अपना विरोध प्रकट किया ।

बुधवार को बजरंग दल के विभाग संयोजक ‌नरेश उनियाल के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने उपस्थित को संबोधित करते हुए कहा कि उसे उत्तराखंड देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है परंतु कुछ लोगों द्वारा यहां की संस्कृति को बिगड़ने के लिए उत्तराखंड की सिद्धपीठ की धरती पर अन्य समुदाय के व्यक्ति को बुलाकर सूफी गायन का कार्यक्रम करना पुरे क्षेत्र में पहाड़ी मूल के लोगो ‌की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जाना है।

उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पावन पर्व पर इस तरह के कार्य समाज में देवभूमि की संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाए एक उपहास उडाने जैसा हैं।बजरंग दल और हिंदू समाज इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और वह ‌पुर्णतया इस कार्यक्रम का विरोध करते है ।

इसी के चलते आज पुतला दहन कर विरोध प्रर्दशित किया गया है, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि आयोजन समिति और प्रशासन कार्यक्रम को रद्द नहीं करता तो आगे भी उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।जिसकी जिम्मेदारी आयोजन समिति और प्रशासन की होगी।

प्रदर्शन करने वालों में मुनि की रेती नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शिव मूर्ति कंडवाल,मनीष सजवाण, प्रदीप सजवाण, संदीप तिवारी, राजेंद्र चौधरी प्रखंड अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, अभिषेक प्रखंड मंत्री बजरंग दल वीरभद्र ऋषिकेश, गणेश उनियाल सह मंत्री प्रखंड रानी पोखरी, विक्रम चंद प्रखंड उपाध्यक्ष भानियावाला, राकेश कुकरेती खंड अध्यक्ष डोईवाला बजरंग दल, संतोष राजपूत जिला अध्यक्ष डोईवाला बजरंग दल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।