उत्तराखंड भाजपा ने की 59 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी, ऋषिकेश से प्रेमचंद, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल हरिद्वार से मदन कौशिक बने भाजपा प्रत्याशी



ऋषिकेश/ देहरादून 20 जनवरी। आज भाजपा उत्तराखंड में उत्तराखंड में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव के 70 प्रत्याशियों में से 59 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

यह जानकारी आज प्रेस वार्ता के द्वारा भाजपा के महासचिव अरुण सिंह और उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी प्रहलद जोशी ने देते हुए  की बीजेपी ने  अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। जिनके उम्मीदवार इस प्रकार है।

 

 

पुष्कर सिंह धामी -खटीमा
सुबोध उनियाल -नरेन्द्र नगर
प्रीतम सिंह पंवार -धनौल्टी
गणेश जोशी – मसूरी
मदन कौशिक – हरिद्वार
श्रीनगर — धन सिंह रावत
चौबट्टाखाल – सतपाल महाराज
डीडीहाट — बिशन सिंह चुफाल
गदरपुर – अरविन्द पांडेय
सितारगंज – सौरभ बहुगुणा
हरिद्वार ग्रामीण – स्वामी यतीश्वरानंद
पुरोला- राजकुमार
रुद्रप्रयाग – भरत सिंह चौधरी
बद्रीनाथ – महेंद्र भट्ट
लालकुआं – नवीन दुम्का
कालाढूंगी – बंशीधर भगत
ज्वालापुर – सुरेश राठौर
रुड़की – प्रदीप बत्रा
रानीपुर भेल – आदेश चौहान
खानपुर – प्रणव सिंह चैंपियन
रामनगर – दीवान सिंह बिष्ट
देवप्रयाग- विनोद कण्डारी
सहसपुर- सहदेव सिंह पुण्डीर
धर्मपुर- विनोद चमोली
रायपुर- उमेश शर्मा काऊ

ऋषिकेश प्रेमचंद अग्रवाल

नैनीताल से सरिता आर्य

यम्केश्वर से रेणु बिष्ट

पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी  का टिकट काट  दिया गया है।

भाजपा हाईकमान की राह त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की आसान, एक तीर से हुए कई निशाने डोईवाला से प्रेमचंद , ऋषिकेश से सुबोध , नरेंद्र नगर से ओम गोपाल रावत बनने जा रहे प्रत्याशी



ऋषिकेश 20 जनवरी।  पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव ना लड़ने की इच्छा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे गए पत्र के माध्यम से ऐसे ही व्यक्त नहीं की गई है, जिसके पीछे कई रहस्य भी छिपे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजदीकी राजनीतिक पंडितों का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को लग गया था, कि उनका डोईवाला क्षेत्र में काफी विरोध है ,जिसका कारण कार्यकर्ताओं के बीच आपसी सामंजस्य ना होने के कारण कार्यकर्ताओं में भारी रोष का होना तो है ही, वहीं उन्होंने कभी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को न सुनने के साथ उनके कार्य भी नहीं किए हैं। जबकि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद कार्यकर्ताओं में उनसे काफी अपेक्षाएं थी,  जिसके कारण उनके नजदीकी लोग भी उनसे काफी छिटक गए थे, जिसके कारण उन्हें लग गया था कि वह अब डोईवाला विधानसभा चुनाव की नैया पार नहीं कर सकते हैं ,इसलिए उन्होंने अपनी इज्जत बचाने के लिए जेपी नड्डा को लिखे पत्र के माध्यम से अपनी डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव ना लड़ने की इच्छा व्यक्त की है।

पुराने पिछले पूरे घटनाक्रम पर नजर डालें तो विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की नाराजगी भी त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखने की  मजबूरी बनी है।ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से पिछले 15 वर्षों से विधायक बने प्रेमचंद अग्रवाल की इच्छा अपने पैतृक घर वापसी कर डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ने की पिछली बार व्यक्त की गई थी, परंतु राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल के वरदहस्त के कारण उन्हें ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लडवाया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा बचाते हुए चुनाव में विजय हासिल की थी ।लेकिन उस पत्र को ध्यान में रखते हुए भाजपा हाईकमान द्वारा इस बार उनकी इच्छा को भी ध्यान में रखा गया है, वही नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और भाजपा नेता ओम गोपाल रावत के बीच चल रही टिकट को लेकर रस्साकशी को भी भाजपा हाईकमान ने ध्यान में रखा है। पिछले चुनाव में सुबोध उनियाल ने यह सीट गोपाल रावत से मात्र एक इकाई के अंतर से जीती थी ःजिसके कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी रोष तभी से चला आ रहा था, इतना ही नहीं सुबोध उनियाल के वरदहस्त के कारण गोपाल रावत का नगर पालिका मुनि की रेती क्षेत्र का प्रत्याशी भी मात्र कुछ ही मतों के अंतर से पराजित होना भी भाजपा कार्यकर्ताओं के रोष का कारण बना है ,जिससे पार्टी के द्वारा कराए गए सर्वे में यह स्पष्ट हो गया है, कि इस सीट पर यदि ओम गोपाल रावत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुबोध उनियाल के सामने दावेदार बन गए तो यह सीट खतरे में पड़ सकती है। जिसे लेकर भाजपा हाईकमान भी असमंजस की स्थिति में फंसा थाः परंतु त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा डोईवाला सीट से चुनाव ना लड़ने की इच्छा के चलते तीन विधानसभा पर इसका प्रभाव पड़ेगाः जिसमें यदि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को डोईवाला से लड़ वाया जाएगा,और सुबोध उनियाल को ऋषिकेश विधानसभा से और ओम गोपाल को नरेंद्र नगर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया जाएगा ,तो तीनों सीट भाजपा की झोली में आसानी से जा सकती हैं। क्योंकि तीनों सीटों पर कांग्रेस व अन्य दलों के बीच कोई दमदार उम्मीदवार अभी तक जनता के बीच अपनी घुसपैठ नहीं बना पाया है ।जबकि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तीनों सीटों को भाजपा की झोली में डालने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह तभी संभव है की तीनों सीटों पर कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप उम्मीदवारों को उतारा जाएगा। इस कारण भारतीय जनता पार्टी के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।

 

आगामी 14 फरवरी को होने वाले उत्तराखंड चुनाव की सरगर्मी को देखते हुए जहां भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता चुनाव मैदान में डिजिटल प्रचार माध्यम के साथ चुनाव मैदान में लगा हुआ है वही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा नए नगर विधानसभा क्षेत्र के प्रबल दावेदार सुबोध उनियाल के धुर विरोधी ओम गोपाल रावत के साथ कुंजापुरी मंदिर में गल भैया करते हुए दर्शन करने को भी नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में कई दृष्टि से देखा जा रहा है कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का वरदहस्त ओम गोपाल रावत को प्राप्त है ,और वह उनको टिकट दिलाने की वकालत कर रहे हैं तो आम कार्यकर्ता आपस में दूरियां क्यों बढ़ाएं क्योंकि इस समय पूरी तरह तटस्थ बना हुआ है, आम कार्यकर्ताओं का मानना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संगठन मंत्री होते भी आम कार्यकर्ताओं के आपस में लड़ाने का ही काम किया है और आज भी वह उसी नीति पर चल रहे हैं।

ऋषिकेश : विधानसभा चुनाव मे बुजुर्ग व दिव्यंगों को दो दिन पहले ही मिल जाएगा वोट डालने का मौका



चुनावों को लेकर इस बार युवाओं से लेकर बुजुर्गो में खासा उत्साह , 18 से 19 साल के बीच के मतदाता पहली बार चुनावों में वोट डालेंगे

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के 179 बूथो के अंतर्गत
रह रहे हैं 6281 बुजुर्ग

ऋषिकेश,19 जनवरी ( रणवीर सिंह) । उत्तराखंड में 14 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को मतदान से दो दिन पहले ही घर से वोट डालने का मौका मिल जाएगा।

यह जानकारी ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी अपूर्व पांडे ने देते हुए बताया कि निर्वाचन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। वीडियोग्राफी की निगरानी में पोलिंग पार्टियां घर-घर जाकर इन मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराएंगी। हालांकि, इसके लिए इन मतदाताओं को सहमति पत्र देना अनिवार्य होगा। बीएलओ के माध्यम से यह सहमति पत्र भरे जा रहे हैं। जिले में अब तक दो हजार से अधिक मतदाताओं के सहमति पत्र भरे जा चुके हैं। अगर कोई दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता सहमति पत्र नहीं भरता है तो वह बूथ पर जाकर भी ईवीएम से मतदान कर सकता है।

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के 179 बूथो के अंतर्गत
रह रहे हैं 6281 बुजुर्ग

ऋषिकेश विधानसभा कि रिटर्निंग अधिकारी अपूर्व पांडे ने बताया कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में 179 जूतों के अंतर्गत रहने वाले 6281 बुजुर्गों को घर से मतदान करने की सुविधा मिलेगी

चुनाव आयोग ने विधानसभा सीटों पर मतदान की घोषणा की है। ऐसे में निर्वाचन विभाग तेजी से तैयारियां में जुटा हुआ है। चुनावों को लेकर इस बार युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक में खासा उत्साह है। 18 से 19 साल के बीच के मतदाता पहली बार चुनावों में वोट डालेंगे। वहीं, कोरोना के चलते 80 से ऊपर के अधिक मतदाताओं व दिव्यांगजन को घर से वोट डालने का मौका दिया है। पोस्टल बैलेट से इनसे वोट डलवाया जाएगा। हालांकि, इसके लिए ऐसे मतदाताओं को फार्म डी 12 भरना अनिवार्य है। यह फार्म सहमति पत्र है। अगर बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता यह फार्म नहीं भरते हैं तो वह बूथ पर जाकर ईवीएम से भी वोट डाल सकते हैं।

विधानसभा में जितने बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं के सहमति पत्र निर्वाचन विभाग के पास आ जाएंगे। विभागीय अफसर विधानसभा संबंधित पोलिंग पार्टियों को पोस्टल बैलेट थमा देंगे। चुनाव से दो दिन पहले पोलिंग पार्टियां अपने क्षेत्र में जांएगी। पोलिंग पार्टी के साथ पुलिस, माइक्रो आब्जर्वर व वीडियोग्राफी टीम भी होगी। वीडियोग्राफी की निगरानी में टीम पोस्टल बैलेट को मतदाता को देगी। इसके बाद मतदाता उस बैलेट पर मुहर लगाएगा और लिफाफा बंद करके टीम को थमा देगा। टीम के सदस्य उस लिफाफे को संबंधित बाक्स में डाल देगी और मतगणना को भेज देगी। टीम को अगर एक बार मतदाता घर पर नहीं मिलता है तो उसके यहां कुछ घंटे बाद दोबारा भी भ्रमण किया जाएगा।

ब्रेकिंग न्यूज़ : पंजाब में होंगे अब 14 फरवरी की जगह 20 फरवरी को चुनाव, रविदास जयंती को लेकर चुनाव आयोग ने किया बड़ा फैसला



ऋषिकेश, 17 जनवरी । पंजाब विधानसभा 2022 के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने बहुत बड़ा फैसला कर दिया है। चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख को बदलते हुए 20 फरवरी को पंजाब प्रदेश में चुनाव के आदेश दे दिए गए हैं। जिसमें  5 प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने 7 चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया था जिसमें पहले पंजाब उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में 14 फरवरी को चुनाव दूसरे चरण में होने थे। परंतु पंजाब में लगातार सभी राजनीतिक दलों और मुख्यमंत्री चन्नी चुनाव आयोग से लगातार यह मांग कर रहे थे कि 14 फरवरी को रविदास जयंती के अवसर पर पंजाब को 14 फरवरी को चुनाव ना की जाए जिससे सभी राजनीतिक दलों की मांगों को देखते हुए चुनाव आयोग ने अब पंजाब में 14 फरवरी की जगह 20 फरवरी को तीसरे चरण में चुनाव कराने का ऐलान कर दिया गया है।

ब्रेकिंग न्यूज़: भाजपा ने हरक सिंह रावत को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, 6 वर्ष के लिए हुए पार्टी से बर्खास्त, सरकार के मंत्रिमंडल से भी हुए बाहर, 2016 के बाद आज फिर हो सकते हैं 2 विधायकों और पुत्रवधू के साथ कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सुरजेवाला से कल हुई थी मुलाकात



ऋषिकेश/ देहरादून 17  जनवरी। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत को सरकार के साथ-साथ बीजेपी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने की पुष्टि की है। वर्ष 2016 में कांग्रेस से बगावत करके नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए हरक सिंह रावत अब सोमवार को दोबारा में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ बीजेपी के एक-दो और विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जिसमें हर सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति रावत भी शामिल हो सकती है। बताते चलें कि कल ही हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेता सुरजेवाला से भी मिले थे।

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वह अपने अलावा अपने बेटे और बहू अनुकृति लिए भी टिकट मांग रहे थे, जो पार्टी को मंजूर नहीं था। वह लैंसडौन, यमकेश्‍वर और केदारनाथ सीट पर दावेदारी जता रहे थे। पार्टी उत्तराखंड में एक परिवार, एक टिकट के फॉर्मूले पर चलने की कोशिश कर रही है और उसे लगता है कि एक नेता को अडजस्ट करने पर दूसरे लोग भी परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांगने लगेंगे और इससे मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

शनिवार को देहरादून में भाजपा चुनाव संचालन समिति की बैठक में 46 उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बन गई थी और यह करीब-करीब तय हो गया था कि हरक सिंह रावत को केदारनाथ से पार्टी उम्मीदवार बनाएगी। टिकट वितरण को लेकर नाराज चल रहे हरक सिंह इस मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे और रविवार शाम को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच गए। सूत्रों का कहना है कि उन्हें इन दोनों नेताओं से भी कोई आश्वासन नहीं मिला और इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी, जिससे पार्टी आलाकमान नाराज था।

इसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में जेपी नड्डा के निर्देश पर उन्हें भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरक सिंह कोटद्वार की सीट बदलने और परिवार के तीन लोगों के लिए टिकट मांग कर वह भाजपा पर लगातार दबाव बना रहे थे और दूसरी तरफ कांग्रेस में अपनी वापसी की राह तलाशने में भी जुटे थे। सके अलावा हरक सिंह अपने बयानों से लगातार भाजपा के लिए मुसीबत बढ़ाने का काम कर रहे थे। वह पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक रूप से पार्टी को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक उन्हें कई बार समझाने और मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके तेवर नरम नहीं पड़े।

ऋषिकेश विधानसभा से स्थानीय व्यक्ति को ही प्रत्याशी बनाया जाए -भगतराम कोठारी स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं मिलने पर उनका इस्तीफा तैयार है



ऋषिकेश 13 जनवरी ।भारतीय जनता पार्टी के नेता गन्ना एवं चीनी विकास उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष भगत राम कोठारी ने भारतीय जनता पार्टी हाईकमान से आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है, अगर पार्टी ने स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं दिया तो उनका इस्तीफा तैयार है ।

यह मांग भगतराम कोठारी ने गुरुवार को देहरादून मार्ग पर स्थित एक रिसॉर्ट में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से भाजपा हाईकमान को ध्यान में रखकर करते हुए कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता है, जिन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ भारतीय जनता पार्टी की नीतियो को जन जन तक पहुंचाने के साथ अब तक हुए सभी चुनाव में भाजपा द्वारा अधिकृत प्रत्याशियों को विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।लेकिन स्थानीय विधायक द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा के चलते पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी रोष व्याप्त है। इसी का कारण है कि स्थानीय विधायक जी के खास 7 भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमों मैं भी जब उनको कोई राहत नहीं मिली तो मैंने अपने व्यक्तिगत प्रयासों के द्वारा उनको इस मुकदमों से बरी करवाया

उन्होंने कहा कि उन्होंने संगठन में रह कर पूरी इमानदारी के साथ कार्य किया है। इसी के साथ मेंरी पूरे क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अन्य दलों के लोगों में भी काफी घुसपैठ रखते जिसका लाभ संगठन को मिलता है। इसके अलावा उनके द्वारा सामाजिक जीवन में अनेकों कार्य बिना किसी प्रचार-प्रसार के किए जाते रहे हैं। जिसके कारण उनके क्षेत्र में अच्छी घुसपैठ हुई है।

उन्होंने स्थानीय विधायक पर क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर लगातार उपेक्षा का भी आरोप लगाया है उन्होंने स्थानीय विधायक पर नए डिग्री कॉलेज या महिला कॉलेज संजय झील, ट्रेचिंग ग्राउंड, मल्टी स्टोरी पार्किंग त्रिवेणी घाट का सौंदर्य करण आदि ऋषिकेश नगर के हित में किसी भी कार्य को धरातल पर ना उतारना उनकी 15 वर्षों की नाकामी है। उनका कहना था कि वह एक  उत्तराखंड आंदोलनकारी  भी रहे हैं इस तौर पर यह  भी कर सकते हैं कि क्या उत्तराखंड का निर्माण इसलिए हुआ था कि लगातार चार बार एक ही बाहरी व्यक्ति को  भाजपा द्वारा टिकट दिया जाय। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं दिया तो उनका इस्तीफा तैयार है। जिसे वे समय परस्थिति देख कर पार्टी हाई कमान को सौंपेंगे। परंतु वह किसी भी संगठन में नहीं जाएंगे इसलिए यदि इस बार भाजपा द्वारा शहर के स्थानीय व्यक्ति को विधायक का टिकट दिया जाएगा तो मैं पूरी ईमानदारी के साथ पार्टी के हित में कार्य करूंगा।

ब्रेकिंग न्यूज़ : भाजपा के फायर ब्रांड सांसद साक्षी महाराज को ऋषिकेश में जन्मदिन मनाना पड़ा भारी -कोविड-19 के उल्लंघन में साक्षी व आश्रम के प्रबंधक सहित 40 लोगों के विरुद्ध पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज



ऋषिकेश 12 जनवरी ।उन्नाव के फायर ब्रांड भाजपा सांसद साक्षी महाराज को कोविड-19 के दौरान ऋषिकेश में जन्मदिन मनाना पड़ा भारी ।जिनके खिलाफ उप जिलाधिकारी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने सांसद सहित भगवान भवन के प्रबंधक और उनके साथी सहित लगभग अज्ञात 40 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

बताते चलें कि उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज का आज जन्मदिन था, जिसे उन्होंने ऋषिकेश स्थित अपने ऋषिकेश के रेलवे मार्ग पर स्थित भगवान आश्रम मैं हर्षोल्लास के साथ अपने भक्तों के बीच मनाया। इस बीच काफी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ उत्तर प्रदेश से आए लोग और काफी संख्या में संत भी मौजूद थे ,जिसकी सूचना पर उपजिलाधकारी अपूर्व पांडे ने ऋषिकेश कोतवाली पुलिस को निर्देशित कर जांच किए जाने के बाद कोविड-19 के उल्लंघन में मुकदमे दर्ज किए जाने के लिए निर्देशित किया ।

जिस पर ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी रवि कुमार ने सांसद साक्षी महाराज के आश्रम प्रबंधक महेश चंद्र मिश्रा, अनिकेत ,सहित लगभग 40 लोगों के विरुद्ध कोविड-19 के उल्लंघन में धारा 144 ,188 मैं मुकदमा दर्द कर दिया है। इस दौरान साक्षी महाराज ने काफी संख्या में संतों का भंडारा भी किया थाः।

ब्रेकिंग न्यूज़ : भाजपा ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रत्याशियों को लेकर की रायशुमारी, 139 वरिष्ठ कनिष्ठ कार्यकर्ताओ ने दी राय -7 लोगों के पक्ष में रखी राय



ऋषिकेश ,11 जनवरी । ऋषिकेश विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को लेकर प्रदेश हाईकमान द्वारा भेजे गए 3 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भाजपा के अपेक्षित कार्यकर्ताओं से लगभग 139 लोगों से रायशुमारी की गई ।

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जिसमें 7 लोगों के नाम सामने आए हैं। रायशुमारी के चलते भेजे गए 3 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ,जिला महामंत्री अरुण मित्तल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अतर सिंह तोमर , ने ऋषिकेश ,विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली तीन मंडल ऋषिकेश ,वीरभद्र ,श्यामपुर के अलावा के अलावा क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारी एवं मोर्चा के अध्यक्ष ,शक्ति केंद्रों के संयोजक, विधानसभा में रहने वाले प्रदेश और निगम के अध्यक्ष  ,ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष , मोर्चा के अध्यक्ष, ज़िले के साथ मंडल के पदाधिकारी शामिल थे।

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जिन्होंने लगभग 3 घंटे चली रायशुमारी में अपनी बात को रखा, रायशुमारी के दौरान राजेंद्र भंडारी ने बताया कि प्रदेश हाईकमान द्वारा एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है। जिसमें 3 लोगों के नाम फर्स्ट सेकंड थर्ड के हिसाब से लिखने थे। अगर ज्यादा का नाम देना है तो उसे दूसरा प्रोफॉर्मा भृना होगा।

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जिसे पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा जो कि एक लिफाफे में बंद कर प्रदेश हाईकमान को सौंप दिया जाएगा ,क्योंकि क्षेत्र के विधायक के नाम का चयन कर हाईकमान को भेजेंगे राजेंद्र भंडारी ने बताया कि हालांकि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता पार्टी के काम में लगा रहता है ,और यह रायशुमारी भी उसी के चलते की जा रही है भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता टिकट पर ध्यान न देकर कमल के निशान के लिए कार्य करता है उन्होंने बताया कि उनके सामने नाम आए हैं।

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उनमें वर्तमान विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ,नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, संजय शास्त्री ,संदीप गुप्ता ,कृष्ण कुमार सिंघल ,सुदेश कंडवाल के अतिरिक्त कपिल गुप्ता का नाम भी आया है।

उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार रायशुमारी में शामिल सभी लोगों के विचार भी नोट किए गए हैं जिन्हें पार्टी हाईकमान को सौंप देंगे जो कि शीघ्र पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगे।

 

2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा को झटका देते हुए 14 भाजपा पार्षदों ने संयुक्त रूप से दिया इस्तीफा, स्थानीय भाजपा विधायक पर भी लगाया उपेक्षा का आरोप



ऋषिकेश/  10 जनवरी। 2022 के विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही चुनाव से पूर्व ही भाजपा को झटका देते हुए 14 पार्षदों ने में सामूहिक रूप  से इस्तीफा दे दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा को यह वाक्या रुड़की नगर निगम मैं हुआ है। जहां  बोर्ड बैठक के 2 दिन बाद ही भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम के लगभग 14 पार्षदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया जिससे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है भाजपा छोड़ने वाले पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का बोर्ड होने के बावजूद भी नगर निगम में पार्षदों के क्षेत्र में इस तरह के विकास कार्य नहीं हो पाए जिस तरह से वह चाह रहे थे पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का पार्षद बनने के बाद लगातार उनके क्षेत्र की उपेक्षा होती रही और नगर निगम के अधिकारी भाजपा पार्षद उपेक्षा करते रहे।

आज उन्होंने सामूहिक रूप से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया अब सभी पार्षद कौन सी पार्टी में जाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा की भारतीय जनता पार्टी पर पार्षदों के इस्तीफे का कितना प्रभाव पड़ेगा लेकिन इतना जरूर है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के पार्षदों के इस्तीफे से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है।

भाजपा के विधायक प्रदीप बत्रा पर भी पार्षदों ने विकास ना करने के साथ साथ अन्य भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा विधायक ने भी पार्षदों के क्षेत्र को कभी गंभीरता से नहीं लिया जिसके चलते आज उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ रहा है अब यह सभी पार्षद कौन सी पार्टी में जाएंगे यह सभी सामूहिक रूप से एक बैठक कर निर्णय लेंगे।

ऋषिकेश : सार्वजनिक भूमि पर प्रोपर्टी डीलर कर रहे निर्माण – शिवाजी नगर के नागरिकों ने उप जिलाधिकारी से लगाई निर्माण रोकने की गुहार



ऋषिकेश , 10जनवरी ।नगर निगम ऋषिकेश के शिवाजी नगर में सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर किए जा रहे, कब्जे को लेकर स्थानीय नागरिकों ने उपजिलाधिकारी को शिकायत सर सार्वजनिक भूमि पर हो रहे निर्माण को रोकने की मांग की है।

सोमवार को शिवाजी नगर के नागरिकों ने ऋषिकेश तहसील में उप जिलाधिकारी अपूर्वा पांडे से मुलाकात की। उप जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में नागरिकों ने अवगत कराया कि नगर निगम क्षेत्र के शिवाजी नगर गली नंबर-12 में मुख्य चौराहे पर लगभग 80 गज भूमि पिछले 40-50 वर्षों से खाली है, जिसका उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाता रहा है। इस भूखंड में स्कूल वाहन, गैस के वाहनों की पार्किंग की जाती रही है। बताया कि कुछ प्रॉपर्टी डीलर इस भूखंड के आसपास बहुमंजिला इमारत का निर्माण कर रहे हैं।

आरोप है कि उक्त प्रॉपर्टी डीलर मुख्य मार्ग व मुख्य मार्ग से सटी हुई गली के अलावा उक्त भूखंड पर भी कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। नागरिकों के विरोध के बावजूद भी प्रॉपर्टी डीलर निर्माण नहीं रोक रहे हैं। उन्होंने बताया कि नागरिकों की शिकायत पर नगर निगम की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य रोका था। मगर प्रॉपर्टी डीलर ने पुनः कार्य आरंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि कोतवाली प्रभारी निरीक्षक भी काम रुकवाने के आदेश दे चुके हैं।

मगर, प्रॉपर्टी डीलरों के हौसले बुलंद है। नागरिकों ने बताया कि पांच जनवरी को नगर निगम के एमएनए ने भी निगम की टीम को मौके पर भेजकर भूमि की नाप जोख कराई थी। मगर, इसके बावजूद अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने उप जिलाधिकारी से तत्काल यहां सार्वजनिक भूमि पर हो रहे कब्जे को रोकने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

ज्ञापन सौंपने वालों में संजय सिंह, देवेंद्र जोशी, विक्रम पंवार, वीर सिंह पुंडीर, सोहन सिंह चौहान, शंभू सिंह चौहान, प्रवीण, अर्जुन सिंह, मुकेश चंद्र, दिनेश चंद्र जोशी, रमेश गुसाई, धर्म सिंह, सुरेंद्र सिंह नेगी, अभिनव मलिक, रामनारायण, महावीर रावत आदि शामिल थे।