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डाॅ निशंक का रचना संसार दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन भाषा नहीं बोध, प्रतिभा और सृजना से बड़े बनें ,योग मूलक उद्योग करें‌-स्वामी रामदेव संस्कार जीवन का सबसे बड़ा अलंकार -स्वामी चिदानन्द सरस्वती कलम की ताकत अणुबम से भी बड़ी-निशंक