ऋषिकेश, 23 जुलाई । सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित एक पार्टी के दौरान विद्यालय के आचार्यों द्वारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व चन्द्रशेखर आजाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी शुक्रवार कोआवास विकास ऋषिकेश स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज के योग सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धांजलि सभा में विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय सहित सभी आचार्यों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व चन्द्रशेखर आजाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि किसी भी महापुरुषों की जयंती मनाने का उद्देश्य मात्र इतना ही नहीं होना चाहिए कि एक दिन के लिए उन्हें याद किया जाए बल्कि यह उद्देश्य होना चाहिए कि उनकी जीवनशैली से सम्बंधित सकारात्मक पहलुओं को अपने जीवन में किस प्रकार उतारा जाए।
वीरता और पराक्रम की कहानी हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों ने रखी थी वह आजादी की लड़ाई की विशेष कड़ी थी जिसके बिना आजादी मिलना नामुमकिन था। आज के दिन हम सभी उन्हें नमन् करते है। वरिष्ठ आचार्य वीरेंद्र कंसवाल ने बताया कि लोकमान्य गंगाधर तिलक हिन्दुस्तान के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे। इन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। इस अवसर पर आचार्य सतीश चौहान, रामगोपाल रतूड़ी, कर्णपाल बिष्ट, नरेन्द्र खुराना, प्रवेश कुमार, मीनाक्षी उनियाल अनिल भण्डारी , सुनील बलूनी आदि मौजूद थे। संचालन रजनी गर्ग द्वारा किया गया।
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