ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हुई तय 



उखीमठ/रूद्रप्रयागः 8 मार्च। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष शुक्रवार 10 मई को प्रात:सात बजे खुलेंगे। तथा 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा स़पन्न होगी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति 6 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी विभिन्न पड़ावों से होकर 9 मई शाम को केदारनाथ धाम पहुंचेगी।

आज शिवरात्रि के पर्व पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ- मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल आचार्य- वेदपाठियों ने श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा- अर्चना,विधि- विधान, पंचांग गणना पश्चात श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की। इस दौरान श्री औकारेश्वर मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था दानीदाताओ ने श्रद्धालुओं हेतु भंडारा एवं प्रसाद का वितरण किया।

इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओ को शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी, कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा मंदिर समिति यात्री सुविधाओ हेतु प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है शीघ्र ही मंदिर समिति का दल केदारनाथ पहुंचकर यात्रा पूर्व तैयारियों का जायजा लेगा।

 बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि भगवान केदार नाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति के पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करने का कार्यक्रम भी घोषित किया गया।
कार्यक्रम के अनुसार 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा स़पन्न होगी।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। दिनांक 6 मई को प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी 7 को द्वितीय पड़ाव फाटा 8 मई को तृतीय पड़ाव गौरीकुंड तथा 9 मई शाम को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। तथा शुक्रवार 10 मई प्रात: 7 बजे सुबह श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे।

श्री केदारनाथ द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर मंदिर लिए पुजारीगणों को कार्य दायित्व दिया गया। श्री केदारनाथ धाम हेतु शिवशंकर लिंग पूजा का दायित्व संभालेंगे। जबकि श्री मदमहेश्वर हेतु टी गंगाधर लिंग पूजा का दायित्व निभायेंगे। श्री बागेश लिंग अतिरिक्त में रखे गये हैं। शिव लिंग चपटा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा-अर्चना करेंगे।

 कपाट खुलने की तिथि तय होने के समय श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, सीमांत विकास परिषद के उपाध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट पंचगाई हकहकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, डा.हर्षवर्धन बेंजवाल, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल,पुजारी शिव शंकरलिंग, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, प्रमोद बगवाड़ी, विपिन तिवारी, देवी प्रसाद तिवारी,कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव आदि मौजूद रहे।

भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद ,ढाई हजार तीर्थयात्री कपाट बंद होने के बने साक्षी, श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 14 नवंबर को हुए बंद हुए , श्री यमुनोत्री धाम और श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट कब होंगे बंद पढ़िए पूरी खबर



केदारनाथ धाम: 15 नवंबर। शीतलहर तथा बर्फ के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज बुधवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: साढ़े आठ बजे विधि- विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। आजकल श्री केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े है आधा फीट तक बर्फ मौजूद है आज कपाट बंद के के समय मौसम साफ रहा।

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा।कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंगलवार को कपाट बंद की तैयारियों हेतु श्री केदारनाथ पहुंच गये थे आज इस अवसर पर उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा की धर्मपत्नी मीडिया दिग्गज रिनिकी भुयान शर्मा तथा परिजन भी कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद रहे।‌यह सभी अतिथि मंगलवार को ही केदारनाथ धाम पहुंच गये थे।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है इस यात्रावर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।आज ब्रह्ममुहुर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया।इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।इसके पश्चात शीतकालीन पूजास्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं हज़ारों तीर्थयात्री मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हुए श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रहें साथ 



रुद्रप्रयाग/श्री बदरीनाथ धाम: 8 नवंबर। महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू आज भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंची बदरीनाथ आर्मी हैलीपेड में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एवं श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने राष्ट्रपति की अगवानी की।

राष्ट्रपति ने आज बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये। वेदपाठ विशेष पूजा संपन्न की।
उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।
दर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह , मोजपत्र में लिखी भगवान बदरीविशाल की आरती भी भेंट की।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने महामहिम राष्ट्रपति को भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।
इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सहित मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना,उप महानिरीक्षक पुलिस गढ़वाल केएस नगन्याल एसपी रेखा यादव सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी/ डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, विपुल डिमरी एई गिरीश देवली,टीओ राजेंद्र चौहान,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित मंदिर समिति अधिकारीगण मौजूद रहे।
पूर्वाह्न 11.30 राष्ट्रपति श्रीनगर (गढ़वाल)के लिए प्रस्थान हुए जहां हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेगी।

श्री केदारनाथ में मौसम ने ली करवट,सर्दी बढ़ी,मंदिर परिसर सहित मंदिर मार्ग पर करी अलाव की व्यवस्था, अभी तक 1258450 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन 



श्री केदारनाथ धाम 9 सितंबर। बरसात का मौसम खत्म होते-होते जहां सर्दी ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दी है वहीं विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में भी सर्दी का सितम जारी हो गया है।

परंतु उसके बावजूद भी श्री केदारनाथ धाम में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों का पहुंचना जारी है।

आज शनिवार तक 1258450 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए है। वहीं धाम में धीरे-धीरे सर्दी बढ़ने लगी है। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों को सर्दी से बचाव के लिए श्री केदारनाथ मंदिर परिसर सहित मंदिर मार्ग पर अलाव की व्यवस्था की है।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों से कहा है कि केदारनाथ यात्रा के दौरान सर्दी से बचाव करें तथा यात्रा के दौरान गर्म कपड़े स्वेटर, जैकेट आदि साथ रखे।

केदारनाथ में फिर टूटा ग्लेशियर, विगत सायं से भैंरों गदेरे एवं कुबेर ग्लेशियर पर ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ यात्रा का आवागमन हो रहा है बार-बार बंद, प्रशासन द्वारा अपील यात्रा मार्ग पूरी तरह से सुचारू न होने तक केदारनाथ की यात्रा पर न जाएं



ऋषिकेश रूद्रप्रयाग 4 मई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग विगत सायं को भैंरों गदेरे एवं कुबेर ग्लेशियर पर ग्लेशियर टूटने के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग आवागमन हेतु बंद हो गया था।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए डीडीएमए, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ व पुलिस के जवानों ने दोनों ग्लेशियरों से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है। भैंरों ग्लेशियर से बर्फ हटाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि कुबेर ग्लेशियर पर बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है जो कि पैदल यात्रा कर रहे तीर्थ यात्रियों के लिए ही यात्रा मार्ग खोल दिया गया था किन्तु 2 बजकर 25 मिनट पर भैरों ग्लेशियर पर दुबारा ग्लेशियर टूटने के कारण यात्रा मार्ग आवाजाही हेतु पूर्णतः बंद हो गया है ।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम पैदल यात्रा कर रहे तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि यात्रा मार्ग पूरी तरह से सुचारू न होने तक केदारनाथ की यात्रा पर न जाएं जिस स्थान पर हैं उसी स्थान पर सुरक्षित रहें ।

उन्होंने यह भी कहा कि जो यात्री हैली सेवा से दर्शन करना चाहते हैं वो हैली सेवा के माध्यम से केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते हैं । उन्होंने यात्रा मार्ग में दोनों ग्लेशियर पर तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एन डी आर एफ, वाईएमएफ व पुलिस के जवानों को निर्देश दिए कि अपनी सुरक्षा के साथ ही तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखें ।

केदारनाथ धाम के लिए यात्रियों के रजिस्ट्रेशन पर फिर से 3 मई तक लगी रोक, मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी मे भारी बारिश और बर्फबारी के दृष्टिगत यात्रियों की सुरक्षा हेतु प्रशासन ने उठाया कदम



ऋषिकेश/ रुद्रप्रयाग29 अप्रैल। उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी मे बारिश और बर्फबारी की भारी संभावना को देखते हुए चार धाम यात्रा में विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन पर फिलहाल प्रशासन द्वारा 3 मई तक रोक लगा दी गई है।

गढ़वाल अपर आयुक्त प्रशासन नरेंद्र सिंह क्वारियाल ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के तहत केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए 3 मई तक पर्यटन विभाग ने रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई है क्योंकि 1 मई तक के लिए फिलहाल केदारनाथ धाम के 30,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं जबकि प्रशासन द्वारा केदारनाथ धाम में 18000 यात्रियों के लिए ही व्यवस्था हो पाती हैं । जिनके पहले से रजिस्ट्रेशन  हो रखे हैं उनके लिए फिलहाल कोई रोक नहीं है। केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों को बारिश तथा बर्फबारी से होने वाली परेशानियों से बचने और उनकी सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटन विभाग प्रशासन द्वारा आगे के लिए फिलहाल 3 मई तक रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है। जो कि अगले आदेश तक मान्य रहेगा।

जोशीमठ के व्यापार संघ व होटल कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात, मुख्यमंत्री ने किया आश्वस्त प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील



ऋषिकेश देहरादून 1 फरवरी। जोशीमठ के व्यापार संघ व होटल कारोबारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर आपदा प्रभावितों की समस्याओं को लेकर चर्चा की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित क्षेत्र में तत्परता के साथ कार्य कर रही है और आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है।व्यापार संघ व होटल कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  महेंद्र भट्ट व श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष  अजेंद्र अजय के नेतृत्व में आज सचिवालय में मुख्यमंत्री से भेंट की।

व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आपदा के कारण जोशीमठ का व्यापार व होटल कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। आगामी अप्रैल माह में यात्रा सीजन शुरू होने वाला है। वर्तमान में आपदा के कारण जोशीमठ में किसी भी प्रकार के निर्माण व मरम्मत के कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। लिहाजा, यात्रा शुरू होने से पूर्व उन्हें अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों, होटल इत्यादि की मरम्मत, सौंदर्यीकरण आदि कार्यों की अनुमति प्रदान की जाए। ताकि यात्राकाल में तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

व्यापारी नेताओं ने प्रभावित व्यापारियों के लिए राहत के उपायों के अलावा हेलंग बाइपास के निर्माण पर पुनर्विचार के लिए भी मुख्यमंत्री से अनुरोध किया।

इस पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील है। सरकार प्रभावितों की हर संभव सहायता को तत्पर है। वे स्वयं प्रतिदिन जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने व्यापारी नेताओं से आगामी यात्रा के मद्देनजर सकारात्मक वातावरण तैयार करने की अपील भी की।प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय उद्योग व्यापार के प्रदेश उपाध्यक्ष माधव प्रसाद सेमवाल, जोशीमठ व्यापार मंडल के अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी, तहसील अध्यक्ष अमित सती, लालमणि सेमवाल आदि शामिल थे।

जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की अंतरिम सहायता, साथ ही किरायेदारों को 6 माह तक 4000/माह किराया दिया जा रहा, 3000 परिवारों को 45 करोड़ की तत्कालिक सहायता, मकानों के ध्वस्तीकरण की झूठी अफवाह पर ध्यान ना दें: मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी



ऋषिकेश देहरादून जोशीमठ 11 जनवरी। । जोशीमठ भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को तत्काल डेढ लाख की अंतरित सहायता दी जा रही है। प्रभावितों को मुआवजा बाजार दर से दिया जाएगा।

जोशीमठ को लेकर सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर डेढ़ लाख रु. की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है।जिसमें से 50 हजार रु. घर शिफ्ट करने तथा एक लाख रु. आपदा राहत मद से एडवांस दिया गया है। 3000 परिवारों को 45 करोड़ की तत्कालिक सहायता दी जा रही है साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मकानों के दोहरीकरण की झूठी अफवाह से बचें। 

उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अभी तक भू-धंसाव के कारण दो होटल जिनसे आस-पास के भवनों के लिए भी खतरा उत्पन्न हुआ है, उनको डिस्मेंटल करने का आदेश दिया गया है।इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है। भू-धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है।

सचिव ने यह भी बताया कि जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं, उनको सरकार द्वारा छह माह तक 4000/माह किराया दिया जा रहा है।

जोशीमठ और ब्यासी के अटाली गांव में आई दरारों का रेल परियोजना पर कोई प्रभाव नहीं, नागरिक रहें निश्चिंत – अजीत सिंह जोशीमठ में कोई रेल परियोजना स्वीकृत नहीं



ऋषिकेश 11जनवरी ।जोशीमठ के बाद ब्यासी के अटाली गांव में आई दरारों के प्रति लोगों को चिंता किए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि रेल विकास निगम द्वारा तैयार की जा रही, ऋषिकेश करणप्रयाग परियोजना गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की दृष्टि से पूरी तरह सुरक्षित है।

मंगलवार को यह बात रेल विकास निगम परियोजना के मुख्य प्रबंधक अजीत सिंह यादव, प्रबंधक ओपी मालगुडी और भूपेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से बातचीत के दौरान बताया कि जोशीमठ में रेल विकास निगम की कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है ।
उनकी परियोजना का कार्य ऋषिकेश करणपयाग के आगे शौकोट तक सीमित है, जिसका भूगर्भीय विभाग के साथ सभी विभागों द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर उसकी फीजिबिलिटी को परखा गया है।

उन्होंने बताया कि पहले यह सर्वे जोशीमठ तक किया गया था, परंतु उसमें जोशीमठ की ऊंचाई उनके के मापदंडों से अधिक थी। इसलिए इस परियोजना को ध्यान में रखते हुए पीपलकोटी तक सर्वे किया गया है। उनका कहना था कि अभी उनका कार्य शैकोट तक चल रहा है जिसकी सभी फिजिबिलिटी उनके मापदंडों के हिसाब से सही पाई गई है ।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ और अटाली गांव में आई दरारों का रेल परियोजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ,क्योंकि उनके द्वारा जो सुरंगों में कार्य किया जा रहा है। उसकी भौगोलिक स्थिति प्रत्येक घंटे में जांची जाती है।
उन्होंने बताया कि पहले यह परियोजना सोनप्रयाग तक ले जाई जानी थी। जिसका सर्वे भी किया गया था ,परंतु 19 मई 2022 को इस परियोजना को उनके मापदंडों पर किए गए सर्वेक्षण के बाद बंद कर दिया गया है।

पर्यटन सचिव ने पैदल मार्ग द्वारा केदारनाथ धाम स्थित पुलिस चौकियों ओर देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्थाओं का जायजा लिया



देहरादून/केदारनाथ 14जून । सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने आज पैदल मार्ग द्वारा केदारनाथ धाम का भ्रमण किया। उन्होंने पैदल मार्ग में स्थित पुलिस चौकियों  का भी निरीक्षण किया और वहाँ रजिस्टर आदि की जांच की। श्री जावलकर ने निर्देश दिये कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरी गम्भीरता से पालन किया जाए।

सचिव श्री जावलकर ने केदारनाथ मंदिर परिसर में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर सुनिश्चित करने के लिए देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने कोविड को लेकर जारी एसओपी का  कङाई से पालन किये जाने के निर्देश दिये।

सचिव श्री जावलकर ने एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा से केदारनाथ धाम से संबंधित सभी सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने पैदल ही केदारनाथ धाम जाकर वहाँ तीर्थ पुरोहितों से भी वार्ता की। श्री जावलकर ने कहा कि अभी भी कोविड को देखते हुए हर जरूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता तीर्थ पुरोहितों, क्षेत्रवासियों सहित सभी के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सचिव श्री जावलकर ने सभी से राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करने का आग्रह किया। बैठक के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर के केदारनाथ भ्रमण पर उनके साथ एसडीएम ऊखीमठ और सीईओ ऊखीमठ भी थे।

गौरतलब है कि मंडलायुक्त गढ़वाल और देवस्थानम बोर्ड के सीईओ श्री रविनाथ रमन ने भी यमुनोत्री व गंगोत्री धाम का भ्रमण कर वहां कोविड को लेकर एसओपी के पालन का जायजा लिया था।