गणेश वैद हरिद्वार,27जून। एक तरफ धर्मनगरी यात्रियों से गुलजार है तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय बाज़ार कोविड की गाइडलाइन के अनुपालन के चलते शटडाऊन है।सप्ताह में दो दिन शनिवार,रविवार को बाजारों को बन्द रखने के शासनादेश से धर्मनगरी के व्यापारियों में रोष देखा जा सकता है ।
व्यापारिक संगठनों का कहना है कि कोरोना की वजह से व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है,वर्षभर होने वाले गंगा स्नान पर भी दो वर्ष से रोक लगी हुई है वही बारह वर्ष बाद आयोजित होने वाले कुंभ जैसे बड़े आयोजन के सांकेतिक होने के चलते धर्म नगरी के व्यापारी सड़कों पर आ गए है।अब ऐसे में धीरे धीरे स्थिति सामान्य की ओर बढ़ रही है तो उस पर भी इतनी बंदिशे व्यापार को पूरी तरह से तोड़ देने जैसा है।
दो दिन पूर्व भी व्यापारियों ने प्रशासन से सप्ताह में 6 दिन दुकानें खोलने की अनुमति मांगी थी जिस को लेकर चौकी इंचार्ज का घेराव भी किया गया था,मगर प्रशासन द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों के अनुपालन की बात को दोहराया गया।
दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि वीकेंड के चलते ही तीर्थ यात्रियों की संख्या अधिक रहती है ऐसे में भी दुकानें बन्द रहने से व्यापारियों की बची खुची उम्मीद भी धाराशाही होती दिख रही है।
वैसे धर्म नगरी में कोविड के चलते तीर्थ श्रद्धालुओ की संख्या बेहद कम है परन्तु वीकेंड में ये तादाद बढ़ जाती है,रविवार को भी धर्म नगरी में यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली,परन्तु दूसरी ओर बाज़ार बन्द रहे। जो कुछ दुकानें चोरी छिपे खुली भी थी तो उन पर भी चालान की तलवार लटकती दिखी।
वीकेंड पर धर्मनगरी में तीर्थ यात्रियों की आवत को देखकर कुछ दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे जिस पर प्रशासन द्वारा चालान की प्रक्रिया अपनाकर बन्द कराई गई।हालांकि आर्थिक तंगी से परेशान कई दुकानदार एक ओर प्रशासन की इस प्रक्रिया का विरोध भी करते रहे तो दूसरी ओर कुछ दुकानदार चालान काटने वाली टीम के जाते ही फिर शटर ऊपर कर दुकान खोल लेते।यही क्रम सारा दिन चलता रहा।