स्पंदन शाला ने आयोजित की अंतरराष्ट्रीय भारत विश्व गुरु अभियान पर बेवनार, -भारत विश्व गुरु था है और रहेगा -बाबा भूपेंद्र गिरी


ऋषिकेश, 11 अप्रैल ।स्पंदन शाला के बैनर पर भारत विश्व गुरु अभियान का पहला आध्यात्मिकता और विश्व गुरु विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बेवनार के दौरान हुई संतो, वैज्ञानिकों ने चिंतन मनन करने के उपरांत निष्कर्ष निकाला, कि भारत आध्यात्मिक रूप से आज भी विश्व गुरु के रूप में अपनी मान्यता रखता है, ।

षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत भूपेंद्र गिरी की अध्यक्षता और स्पंदन शाला के संयोजक डॉ रमेश सी रैणा के संचालन में आयोजित बेवनार में उपस्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम माउंट आबू की प्रवक्ता बहन वीके अदिति, पंडित संपूर्णानंद मिश्रा, एमडी इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ग्रेटर नोएडा, डॉक्टर मनमीत सिंह एजुकेशनल एंड सिक इंटेलेक्चुअल चेयरमैन , विक्रम खेतान इंटरनेशनल बेस्ट सेलिंग आथर ऑन अमेजॉन संजीव सरीन, रिटायर्ड प्रेसिडेंट आर आई एल ऑथर ब्लॉक एंड स्पीकर, महा मनीषी निरंजन स्वामी, पुरुषार्थ आश्रम हरिद्वार, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जोशीमठ,ने भारत विश्व गुरु अभियान वेबीनार सीरीज में लगभग एक सौ लोगों ने प्रतिभाग करते हुए कहा कि यह कोई दो राय नहीं है, कि भारत कभी विश्व गुरु रहा है, और रहेगा जिस पर पूरी दुनिया में रिसर्च जारी है।

जिसे लेकर समय-समय पर संतो और विश्व के वैज्ञानिकों ने भारतीय संस्कृति के ग्रंथों में सनातन धर्म पर किए गए अनेकों शोध के दौरान पाया कि जो भारत में आज भी मंत्र बोले जाते हैं, उनमें पूरी तरह शक्ति है। जिनके माध्यम से पौराणिक काल में परमाणु का भी अविष्कार किया गया है। बेवनार में कहा कि जितने भी देवी देवताओं द्वारा युद्ध इस धरती पर लड़े गए, सभी में परमाणु शक्तियों का उपयोग किया गया है ।

जिसके आधार पर वर्तमान समय में भी विश्व में परमाणु जैसी विस्फोटक सामग्री तैयार की जा रही है। इन सभी में भारतीय मंत्रों के साथ तंत्रों का भी सहारा लिया गया है। जिनकी शक्ति का एहसास आज भी हिमालय की कंदरा में रहने वाले संतो द्वारा अपनी तपस्या के माध्यम से देश दुनिया को कराया जा रहा है और वह संत

समय-समय पर अपनी तपस्या का प्रभाव दिखाते आ रहे हैं। इसीलिए भारत को आज भी विश्व गुरु के रूप में देखा जाए, वक्ताओं ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हो या स्वामी रामकृष्ण तीर्थ ,स्वामी योगानंद , संत महा अवतार बाबा सभी ने एक ही मंत्र दिया कि भारत ही आध्यात्मिक गुरु के साथ विश्व गुरु का स्थान प्राप्त कर सकता है।

सभी ने एक राय से कहा कि यह स्पंदन शाला विश्व में ऐसे 200 आध्यात्मिक ‌‌‌‌गुरुओं को तैयार कर रही है, जोकि आध्यात्मिक गुरुओं को इस प्लेटफार्म पर लाएगी। जो कि पूरे विश्व में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। और विश्व में रहने वाले कोई भी मानव इनसे शिक्षा दीक्षा और ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। जब चाहे वह इनसे किसी भी प्रकार का कोई भी अध्यात्मिक चर्चा कर सकते हैं ।


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