ऋषिकेश,0 4 मई । उत्तराखंड सरकार के सभी वाहनों में 50 फ़ीसदी यात्री क्षमता के साथ संचालित किए जाने के आदेश के विरोध में पर्वतीय मार्गों पर पिछले 4 दिनों से एक भी वाहन अपने गंतव्य के लिए रवाना नहीं हुआ है ।जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जोकि कई गुना भाड़ा देकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है ,कि देश में फैली कोविड-19 कि दूसरी लहर की चैन को तोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के अंदर चलने वाले सभी वाहनो में 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ संचालन किए जाने के शासनादेश के विरोध में वाहन स्वामियों ने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया है। जिसके कारण अपने घरों को जाने वाले यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जोकि कई गुना किराया देकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं। जिसके कारण लोगों में तीव्र रोष व्याप्त है ।
संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है ,कि हरिद्वार -ऋषिकेश से प्रतिदिन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए लगभग 150 बसें संचालित होती है । जिनमें 1000 यात्री 25 दिन आवागमन करते हैं ।लेकिन सरकार द्वारा बसों में सवारियों की क्षमता 50फीसदी किए जाने के साथ भाड़े में वृद्धि नहीं की गई है। जिससे वाहन स्वामियों को अपने वाहन चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।जबकि डीजल के दाम आसमान को छू रहे हैं। ऐसे में वाहन स्वामीयों के सामने वाहन चलाना दुभर हो गया है।
जिसके विरोध में पिछले 4 दिनों से वाहन स्वामी ने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया है, अब सभी परिवहन कंपनियों के संचालकों ने निर्णय लिया है ,कि 25 मई को वह अपने वाहनों को सड़कों पर न उतार कर आरटीओ कार्यालय में अपने परमिट जमा कर खड़ा कर देंगे। उधर वाहनो के पहाडो मे ना जाने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जो कि राज्य सरकार तथा वाहन स्वामियों के आपसी विरोध के चलते बीच में पीस रहे हैं।
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