नई दिल्ली/देहरादून 12 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज हुई मुलाकात वैसे तो अगले साल होने वाले चुनाव का एजेंडा सेट करने को लेकर ही थी. लेकिन इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में एक अटकल यह भी लगाई जा रही है कि क्या यूपी को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी है?
या यूपी के कुछ पश्चिमी हिस्सों को उत्तराखंड मेंं भी मिलाया जा सकता है जिसमेंंंं बिजनौर व सहारनपुर जैसेेेेेे जिले भी शामिल हो सकते हैं हालाकि अभी यह कहना मुश्किल है। लेकिन इन अटकलों के मुताबिक मोदी सरकार मौजूदा प्रदेश से पूर्वांचल वाले हिस्से को अलग करके नया राज्य बनाने की भी सोच रही है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि चुनाव से पहले ऐसा करने से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या योगी आदित्यनाथ इसके लिए आसानी से तैयार हो जायेंगे?
लेकिन इतना तय है कि इस बार बीजेपी पहले से भी ज्यादा ताकतवर होकर सत्ता में वापसी करने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों की मानें, तो कमोबेश 2017 वाला फार्मूला ही अपनाया जायेगा. लेकिन साथ ही, राम मंदिर के साथ-साथ आरक्षण की राजनीति पर भी इस बार उसका फोकस रहेगा यानी कमंडल व मंडल उसके एजेंडा में प्रमुख होंगे।
यही वजह है कि सामाजिक समीकरण साधने के लिए छोटे दलों के नेताओं के साथ मुलाकातों का दौर चल रहा है. उसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने कल अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल और निषाद दल के नेता संजय निषाद से मुलाकात कर आगे की संभावनाओं पर चर्चा की.