निजी स्कूलों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही के लिए फीस एक्ट पास करने के मूड में उत्तराखंड सरकार


देहरादून 23जून । उत्तराखंड में आए दिन अभिभावकों की तरफ से फीस व अन्य मामलों में शिकायतें मिलने पर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा एक्शन लेने का निर्णय लेने का मूड  किया है। उत्तराखंड में निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए शुल्क नियामक आयोग का गठन किया जाएगा। सेवानिवृत्त जिला जज या हाईकोर्ट के जज इसके अध्यक्ष होंगे। आयोग निजी स्कूलों की मनमानी पर पूरी तरह नजर रखेगा। खास बात ये है कि अर्द्ध न्यायिक स्वरूप लिए आयोग के आदेश और निर्देशों को दरकिनार करना निजी स्कूलों पर भारी गुजरेगा।प्रदेश में शुल्क नियामक आयोग का गठन फीस एक्ट के अंतर्गत किया जाएगा। शुल्क को लेकर मनमानी बरतने वाले निजी स्कूलों पर शिंकजा कसने के लिए फीस एक्ट जल्द हाजिर होने वाला है।

एक्ट का मसौदा शिक्षा विभाग ने तकरीबन तैयार कर लिया है। इस मसौदे को जिलाधिकारियों, शिक्षाविदों से मिले सुझाव के आधार पर अंतिम रूप दिया गया है। निजी स्कूलों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही के लिए फीस एक्ट शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। एक्ट के मसौदे को बनाने की कवायद बीते चार वर्षों से चल रही है।लंबे अरसे तक ठंडे बस्ते में रहने के बाद अब चुनावी साल में इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने की तैयारी है।

मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने फीस एक्ट के बारे में जानकारी ली। फीस एक्ट के मसौदे को अगले तीन-चार दिनों में परामर्शी विभागों कार्मिक, वित्त, न्याय और विधायी विभागों को भेजा जाएगा। परामर्शी विभागों की मुहर लगने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। एक्ट का महत्वपूर्ण बिंदु शुल्क नियामक आयोग है। यह माना जा रहा है कि अभिभावकों की बढ़ती हुई  नाराजगी को देखते हुए यदि फीस एक्ट सरकार द्वारा पारित किया जाता है  तो इससे अभिभावकों बहुत राहत मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *