ऋषिकेश 29 जुलाई।राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर रेंज के अंतर्गत बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने किया।
इस अवसर पर बाघों के संरक्षण के लिए और अधिक प्रयास का संकल्प लिया गया।इस अवसर पर मानव वन्यजीव संघर्ष एवं वन्य जीव संरक्षण में अपना अहम योगदान देने वाले वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है जिसमें बाघों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा दिए जाने के लिए जागरूक किया जाना आवश्यक है। अग्रवाल ने कहा कि टाइगर प्रकृति की अनमोल धरोहर के साथ ही हमारा राष्ट्रीय पशु और उत्तराखंड की शान भी हैं, सम्पूर्ण विश्व में टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने एक विशेष पहचान स्थापित की है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बाघ ऐसा वन्यजीव है जो कि ज्यादातर मैदान में मिलता है, लेकिन पहाड़ी राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर टाइगर न मिला हो।उन्होंने कहा कि 2018 की गणना जारी होने पर उत्तराखंड बाघ संरक्षण के मामले में देश में तीसरे नंबर पर था।
विधानसभाा अध्यक्ष ने टाइगर बचाने के लिए प्रदेश में वाइल्डलाइफ की टीम द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।उन्होंने बाघों के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरूक होकर विश्व बाघ दिवस को सार्थक बनाये जाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कहा कि दुनिया में अभी केवल 3900 जंगली बाघ बचे हैं. 20वीं शताब्दी की शुरुआत से ही विशेषज्ञ दुनिया में घटती बाघों की संख्या से चिंतिंत हैं. दुनिया के बाघों की जनसंख्या का 70 फीसद भारत में है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बाघों की जनसंख्या में 2014 से 2019 के बीच बढ़ोतरी हुई है. 2014 में जहां बाघों की आबादी 1400 थी वहीं 2019 में बढ़कर 2 हजार 967 हो गई. मध्य प्रदेश में बाघों की सबसे ज्यादा संख्या 526 पाई गई है. जबकि कर्नाटक में 524 और उत्तराखंड में 442 बाघों की तादाद है।
इस अवसर पर अपर प्रमुख वन संरक्षक आरके मिश्रा, निदेशक डीके सिंह, वन संरक्षक शिवालिक दिनेश तिवारी, डीएफओ हरिद्वार नीरज शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर महिपाल जी,ए के सिंह, वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद ध्यानी, रेंजर महेंद्र गिरी, गौरीमाफी प्रधान रोहित नौटियाल, जिला पंचायत दिव्या बेलवाल, सागर गिरी अनिल कुमार, सुदेश कंडवाल, गीतांजलि ज़ख्मोला, शंकर दयाल, मनोज ज़ख्मोला, चंद्रकांता बेलवाल, राजेश जुगलान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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