संत, गुरु व शिष्य की परंपरा का निर्वहन किए जाने के साथ समाज में धर्म के प्रति उर्जा का संचार भी करता है -मंहत बाबा भूपेंद्र गिरी


ऋषिकेश, ०7 अप्रैल ।मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में 1008 ब्रह्मलीन भगवान गिरि महाराज के 46 में वार्षिक उत्सव के दौरान आश्रम में रामायण पाठ के साथ संतों का समागम आयोजित किया गया।

गुरुवार को भगवान गिरी आश्रम के मंहत बाबा भूपेंद्र गिरी की अध्यक्षता में आयोजित संत समागम के दौरान संतो ने कहा कि संत हमेशा अजर अमर रहता हैै, जो कि समाज के पथ प्रदर्शक के रूप में हमेशा समाज को दिशा देने का कार्य करता है ।इतना ही नहीं संत गुरु व शिष्य की परंपरा का निर्वहन किए जाने के साथ समाज में धर्म के प्रति उर्जा का संचार भी करता है।

बाबा भूपेंद्र गिरी ने कहा कि गुरु के बिना किसी को भी ज्ञान उत्पन्न नहीं होता। जो कि सद् मार्ग पर चलने की हमेशा प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि भगवान गिरी महाराज एक ऐसे दिव्य पुरुष से जिनके पास अपार ज्ञान का भंडार था। जिन्होंने अपने जीवन काल में अपने शिष्यों को दिशा देने का कार्य किया हैै।

इस अवसर पर षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी, महंत परीक्षित गिरी, मंहत राजेंद्र गिरी। ,मंत भोला गिरी ,अनूप गिरी , मंत बलबीर सिंह , श्याम पुरी, ‌‌‌रामेश्वर गिरी, मनोज,सोनू जतिन विरमानी ,, किरन विर्क, गोपाल, मनोहर शर्मा आदि मौजूद रहे।


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