ऋषिकेश स्थित आश्रम में लगी घोड़े पर सवार स्वामी परमानंद की मूर्ति को हरियाणा से आए लोगों ने तोड़कर गंगा में बहा अनुयायियों में रोष, हुआ मुकदमा दर्ज


ऋषिकेश ,27 दिसम्बर  ।थाना मुनिकीरेती क्षेत्र अंतर्गत में स्थित रामस्वरूप आश्रम में घोड़े पर सवार जगतगुरु स्वामी ब्रह्मानंद की मूर्ति को 10-15 लोगों द्वारा तोड़फोड़ कर गंगा जी में बहा दिए जाने के बाद उनके अनुयायियों में भारी रोष उत्पन्न हो गया है। जिसकी रिपोर्ट मुनी की रेती में दर्ज करा दी गई है ।

मंगलवार को ‌आश्रम के महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा थाने में दी गई तहरीर में कहा कि संतों की मौजूदगी में उनके गुरु जगतगुरु स्वामी परमानंद जी की घोड़े पर सवार मूर्ति की स्थापना अनुष्ठान आदि के उपरांत की गई थी, जिसे विगत 23 दिसंबर की रात 12:00 बजे उनके आश्रम मैं मौजूद उनके कर्मचारी को डरा धमका कर झोपड़ी में बंद किए जाने के बाद हरियाणा से आए राजू सिंह पुत्र अर्जुन सिंह, रामकुमार, पुत्र रामलाल ,कुलदीप उर्फ दीपू पुत्र ‌केहर सिंह, नरेंद्र सिंह पुत्र ‌ईश्वर सिंह उर्फ हुस्न सिंह, दीपक उर्फ दीपू पुत्र राकेश सहित 15 से 20 लोगों ने इकट्ठे होकर आश्रम में आए और आश्रम में काम करने वाले कर्मचारी राजकुमार से आश्रम के महंत राम स्वरूप ब्रह्मचारी को पूछते हुए कहा कि वह कहां है उसे हम जिंदा नहीं छोड़ेंगे और उसे जान से मार कर गंगा जी में बहा देंगे ,जब उनका विरोध किया गया तो राजकुमार का फोन छीन लिया और मूर्ति को पूरी तरह से तहस-नहस कर गंगा जी में बहा दिया।

इस दौरान वह अपने मुंह पर नकाब डाले हुएं थे। सारी घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। राम स्वरूप ब्रह्मचारी ने इस मामले में तहरीर देकर अपनी जान माल की सुरक्षा के साथ मूर्ति तोड़ने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि मामले की तहरीर उन्हें बरामद हो गई है। जिसके आधार पर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है, और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जिसकी जांच प्रारंभ कर दी गई है।


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