ऋषिकेश, 21जुलाई ।टीएचडीसी इंंडिया लिमिटेड जल्द ही उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर राज्य में दस हाइड्रो प्रोजेक्ट के साथ झीलों पर सौर उर्जा प्लांंट लगाने की कवायद कर रहा है । जिनसे 2000 मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा तो वही उत्तराखंड में इलेक्ट्रिरिक वाहनों को सुविधा मोहिय्या करवाने के लिए इलेक्ट्रिरिक स्टेशनों का निर्माण भी करेगा ।
यह जानकारी टीएचडीसी के तकनीकी निदेशक रविंद्र कुमार विश्नोई ने देते हुए बताया कि टीएचडीसी ने उत्तराखंड में 10 स्थानों पर हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाए जाने के साथ राज्य सरकार से राज्य की झीलों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने के लिए बातचीत की है। यह प्लांट गढ़वाल के उत्तरकाशी और चमोली जिले में तथा कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले में लगाया जाएगा । जिसके लिए केंद्र सरकार ने भी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। जिस पर टीएचडीसी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि इसी के साथ उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए राज्य में देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाली इलेक्ट्रिक बसों के साथ अन्य वाहनों को इलेक्ट्रिक चार्जिंग की सुविधा के लिए कई शहरों में इलेक्ट्रिक स्टेशन बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है ।इससे देश केे अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों को इसका लाभ मिलेगा।
टीएचडीसी के तकनीकी निदेशक आर के विश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों में टीएचडीसी नेे हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाकर उर्जा के क्षेत्र में काफी कार्य किया है। जिसकी केंद्र सरकार द्वारा भी सराहना की गई है। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि सेवा के क्षेत्र में भी टीएचडीसी अन्य संस्थाओं की अपेक्षा काफी कार्य कर रही है। जिसका लाभ बेरोजगारों के साथ किसानों को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों टीएचडीसी ने स्वास्थ्य स्वच्छता व शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत से कार्य किए हैं । उन्होंने यह भी बताया कि टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है ।
टिहरी बांध एवं एचपीपी(1000मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी(400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं कासरगॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है ।
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