ऋषिकेश 9 अक्टूबर। ऋषिकेश के प्राचीन वीरभद्र महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजन एवं भव्य रुद्राभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आयोजन में प्रदेश की विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ,प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल नगर निगम महापौर शंभू पासवान सहित पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत राजगिरी ने भी प्रतिभाग किया ।
इस अवसर पर पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, ने भगवान भोलेनाथ के वीरभद्र रूप का विशेष उल्लेख किया। वीरभद्र महादेव
का यह रूप भगवान शिव का एक क्रूर और शक्तिशाली अवतार माना जाता है, जो अपनी असीम शक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
वीरभद्र महादेव मंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि भवन की भव्यता भगवान की दिव्यता से प्राप्त होती है ग्रह की भव्यता ग्रहणी से होती है तो उसी प्रकार मंदिर की भव्यता भी पुजारी से होती है।
स्वामी कैलाशनंद गिरी ने इस धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से भक्तों को भगवान शिव के इस अवतार की महिमा के बारे में बताया।
भगवान शिव हमारे पिता के रूप में विश्वास है और माता पार्वती श्रद्धा के रूप में। हमारे अंदर विश्वास और श्रद्धा दोनों होनी चाहिए। भगवान भोलेनाथ तो केवल गंगाजल और बेलपत्र के पूजन से ही खुश हो जाते हैं।
एक बेलपत्र महादेव को श्रद्धा से अर्पित करने से ही एक करोड़ कन्यादान के समान उसका फल प्राप्त होता है। भगवान शिव की आराधना से पिछले कई जन्मों के घोर से घोर पापों से भी मुक्ति पा सकते हैं।
उन्होंने भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि की कामना की।
रुद्राभिषेक का आयोजन भी भक्तों के लिए भी एक अद्वितीय अनुभव था, जिसमें भगवान शिव को जल, दूध, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक किया गया।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हुए, जिन्होंने भक्तिपूर्वक पूजा अर्चना की और भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त किए।
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