ऋषिकेश 22 जुलाई। चमोली हादसे में झुलसे लोगों का हाल जानने के लिए जा रहे कुछ युवकों पर एम्स परिसर के अंदर तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ जमकर भिड़ंत हो जाने के उपरांत सुरक्षाकर्मियों द्वारा युवकों पर जमकर लाठियां भांजी गई। जिस पर पुलिस ने संबंधित धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
उधर एम्स के प्रशासनिक अधिकारी ने भी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संबंधित लोग के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। एम्स प्रशासन के अनुसार इमरजेंसी के रेड एरिया में किसी को जाने की अनुमति नहीं है।एम्स ऋषिकेश के गेट नंबर तीन में तैनात सुरक्षाकर्मियों और स्थानिक कुछ लोगों के बीच गुरुवार की देर रात विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। गेट में हुआ विवाद एम्स परिसर के भीतर तक जा पहुंचा। देर रात तक दोनों पक्षों के बीच काफी नोकझोंक हुई।पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
ऋषिकेश के शिवाजी नगर निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी ने देर रात के इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया कि वह कुछ पत्रकारों के साथ चमोली के लोग का हाल जानने के लिए जा रहे थे। गेट पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड और उनके अधिकारियों ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की इससे वह घायल हो गए। ग्रुप बनाकर हम पर लाठियों से हमला किया।
इस दौरान संजय सिलस्वाल, अमन नौटियाल, दीपक सिंह गोलू और सूरज को भी पीटा गया।
कोतवाली वरिष्ठ उपनिरीक्षक डीपी काला ने बताया कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है।उधर एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि चमोली हादसे में झुलसे लोग को इमरजेंसी के रेड एरिया में रखा गया है।
झुलसा होने के कारण संक्रमण का भी खतरा है। हाल जानने के लिए दिन का समय होता है, वैसे भी ऐसे मामले में संक्रमण का ज्यादा खतरा है। हर किसी को मरीजों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मामले की एम्स प्रशासन भी जांच करा रहा है। जांच में घटनास्थल से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली गई है। इसके आधार पर प्रशासनिक अधिकारी ने फुटेज में नजर आ रहे संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एम्स पुलिस चौकी में शिकायत पत्र दिया है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिस पर पुलिस जांच कर रही है।
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