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गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब ऋषिकेश में दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया


ऋषिकेश 27 दिसंबर। दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश पर्व, शनिवार को गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब ऋषिकेश में हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। अखण्ड पाठ की संपन्नता प्रातः 9.00 बजे हुई।

इससे पूर्व 14 से 26 दिसम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 05.15 बजे प्रभात फेरियां, गुरुद्वारा सिंह सभा ऋषिकेश से प्रारंभ होती रहीं। गुरुद्वारा साहिब के सेवादारों द्वारा निशान साहिब चोले की सेवा भी की गई।

गुरूपर्व के पावन अवसर पर हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर  द्वारा गायन किए गए गुरबाणी कीर्तन ने संगतों का मन मोह लिया। इनके अलावा भाई हजूरी रागी ने भी गुरबाणी कीर्तन का गुणगान किया। गुरूद्वारा ट्रस्ट द्वारा संचालित गुरमत संगीत बाल विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा श्रवण कराए गए गुरबाणी कीर्तन ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया।

गुरुद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा. सेक्रेट्री सरदार रविंदर सिंह एवं गुरुद्वारा गोबिंद घाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह भी इन सभी धार्मिक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि ऋषिकेश नगरवासियों के अलावा, आसपास के क्षेत्र एवं जिला हरिद्वार के लालवाला मजबता, लालवाला खालसा, इब्राहिमपुर मसाई, हजार टोंगिया, हलजौरा, इनायतपुर, बुग्गावाला, टीरा टोंगिया. बुधवाशहीद, श्यामपुर, नून्नावाला, छिद्दरवाला, लालतप्पड़, शेरगढ़ आदि इलाकों से भी संगतें गुरू दरबार में हाजिर हुईं तथा लंगर प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि ट्रस्ट द्वारा वार्षिक स्वास्थ्य शिविर 11 जनवरी को गुरुद्वारा परिसर में लगाया जा रहा है। शिविर का लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक जरूरतमंद व्यक्ति अपना पंजीकरण 6 से 9 जनवरी तक गुरुद्वारा परिसर में करा सकते हैं।

इस मौके पर गुरूद्वारा परिसर को विभिन्न प्रकार के सजावटी साजो सामान, फूलों व लाईटों से भी सजाया गया। गत्तका ग्रुप के सदस्यों द्वारा दिखाए गए हैरत अंगेज करतब देखकर वहां उपस्थित संगतें काफी उत्साहित व आश्चर्यचकित हुईं। इस अवसर पर धार्मिक, शैक्षणिक राजनीतिक एवं विभिन्न वर्गों के महानुभावों की भी मौजूद रहीं। गणमान्य व्यक्तियों ने गुरू दरबार में नतमस्तक होकर गुरू महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इससे पूर्व रात्रि समय में भी सरोवर के पास दीये प्रकाशित करके आतिशबाजी भी की गई।

 


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