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धनतेरस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने किए विभिन्न चिकित्सा शिविरों का आह्वान, परमार्थ निकेतन में आयोजित होंगे निःशुल्क चिकित्सा शिविर 1 व 2 नवम्बर को हृदय रोग , 2 से 12 नवम्बर मोतियाबिंद आपरेशन और 21 व 22 नवम्बर, को मर्म शक्ति चिकित्सा,  धन तेरस, धर्म तेरस बने: स्वामी चिदानन्द सरस्वती


ऋषिकेश, 18 अक्टूबर। स्वास्थ्य, समृद्धि और शुद्धता के प्रतीक धनतेरस पर्व के शुभ अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में दीपावली मिलन एवं विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष  स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने क्षेत्र एवं प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए अनेक स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि धनतेरस केवल धन के पूजन का पर्व नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, आरोग्य और शुद्ध जीवन का उत्सव है। इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरि जी का प्राकट्य हुआ था, अतः यह दिन हम सभी को अपने स्वास्थ्य और समाज के स्वास्थ्य के प्रति संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
 स्वामी ने कहा, “आरोग्य ही सबसे बड़ा धन है। शरीर स्वस्थ रहेगा तो जीवन में आनंद, समृद्धि और सेवा की भावना स्वतः जागृत होगी। पर्वों को केवल उत्सव न बनाकर उन्हें जनकल्याण का माध्यम बनाना ही सच्ची आराधना है।

इसी भावना को साकार करते हुए परमार्थ निकेतन ने धनतेरस के पावन अवसर पर तीन बड़े निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों की घोषणा कि 1 व 2 नवम्बर को हृदय रोग चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में प्रतिष्ठित हृदय रोग विशेषज्ञ एवं चिकित्सा संस्थान भाग लेंगे। सभी वर्गों के लिए यह शिविर निःशुल्क होगा। प्राथमिक जाँच, परामर्श से लेकर आवश्यक परीक्षणों ईसीजी, बोन डेन्सिटी, ब्लड टेस्ट, बल्ड शुगर, ब्लड प्रेशर, फ्री दवाईयां आदि निःशुल्क दी जाएगी।

परमार्थ निकेतन, में आयोजित पाँच दिवसीय एक्यूपंचर चिकित्सा शिविर का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस निःशुल्क शिविर में 600 से अधिक रोगियों ने लाभ प्राप्त किया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने एक्यूपंचर चिकित्सा के माध्यम से दर्द निवारण, तनाव नियंत्रण और स्वास्थ्य संवर्धन के प्रभावी उपाय प्रदान किए।

इस अवसर पर स्वामी ने आगामी चिकित्सा शिविरों की भी घोषणा की। 2 से 12 नवम्बर तक मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन होगा। इस शिविर में भारत सहित विश्व के अनेक देशों से वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञों की टीम द्वारा निःशुल्क जांच और ऑपरेशन किए जाएंगे। पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह शिविर विशेष रूप से उपयोगी रहेगा।

21 व 22 नवम्बर 2025 को मर्म शक्ति चिकित्सा शिविर का आयोजन होगा। पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति पर आधारित यह विशेष शिविर मर्म थेरेपी के माध्यम से दर्द निवारण और शारीरिक संतुलन को पुनसर््थापित करने में सहायक होगा।

गंगा तट पर स्थित परमार्थ निकेतन सदैव सेवा, संस्कार और संकल्प का केंद्र रहा है। उन्होंने  प्रदेशवासियों, साधु-संतों, युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों से आह्वान किया कि वे इन चिकित्सा शिविरों में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें और स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने में सहयोग करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा, “जब हम दीप जलाते हैं तो केवल घर नहीं, हृदय भी प्रकाशित होता है। स्वास्थ्य के दीप जलाकर हम समाज के हर कोने में आशा और जीवन की ज्योति फैला सकते हैं।”
स्वामी जी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में परमार्थ निकेतन और भी ऐसे स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता से जुड़े जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे इन कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करें और समाज में स्वास्थ्य के दीप प्रज्वलित करें।
एक्यूपंचर चिकित्सा शिविर के सफलतापूर्वक समापन के अवसर पर रूद्राक्ष के पौधे का रोपण कर हरित और सतत जीवन शैली अपनाने का संकल्प कराया।


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