डी०पी० यादव का जन्म दिन गंगा जी में दुग्धाभिषेक और गरीबों में फल वितरण कर मनाया 



ऋषिकेश 25 जुलाई। राष्ट्रीय पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष. डी०पी० यादव के जन्म दिन के अवसर पर संस्था के कार्यकर्ताओ ने ऋषिकेश में भी गंगा जी में दुग्धाभिषेक और गरीबों में फल वितरण कर मनाया गया।

बृहस्पतिवार को साई घाट पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष. डी०पी० यादव के जन्म दिन के अवसर पर अयोजित कार्यक्रम में गंगा जी में दुग्धाभिषेक और गरीबों में फल वितरण करते हुए संस्था के प्रदेश प्रभारी कमल अरोड़ा ने कहा कि  उत्तराखण्ड में दलित व पिछ‌ड़ो की अवाज उठाने के लिये संगठन की आवश्यकता है। जिनकी रूपरेखा आज दिल्ली मे कान्यूटियूशमन क्लब रफी मार्ग दिल्ली में अयोजित की गई है। जिसमे कावड़ यात्रा के चलते रास्ते बन्द होने के कारण उत्तराखण्ड के कार्यकर्ता भाग नही ले सके। उन्होने बताया कि सावन के बाद संगठन की देहरादून में जल्द ही बैठक होगी।

इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष उपकार सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड मे इस संगठन की आवश्यकता है। क्योकि दलित पिछड़ा की अवाज उसने वाला कोई संगठन आगे नही आता है। जबकि कई विभागों में रिक्त स्थानों में भर्ती की आवश्यकता है इसी सम्बन्ध में आज न्यू दिल्ली में कम्यूनिशेयन कलब में राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्म दिन पर संगठन की बैठक रखी ।

इस मौके पर प्रकांत कुमार ,अकाश ,प्रदीप शर्मा, शुभ गुप्ता, अमरजीत सिंह, ओमपाल, कमल अरोड़ा, महेश, अमित, अनुज कुमार, प्रमोद दास, राजाराम, हरी आदि मौजूद थे।

27 जुलाई से 2 अगस्त तक जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी शैक्षणिक संस्थान रहेंगे बंद,



ऋषिकेश हरिद्वार 23 जुलाई। कांवड़ यात्रा के चलते  आवागमन के सभी रास्तों पर अत्यधिक भीड़ के कारण हरिद्वार जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल व सभी आंगनबाड़ी केन्द्र  27 जुलाई से 2 अगस्त तक बंद रहेंगे। इस आशय के सम्बन्ध में जिलाधिकारी कार्यालय से आदेश जारी किए गए हैं।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल ने अपने आदेश में कहा कि 22 जुलाई से कांवड़ मेला आरम्भ हो चुका है, जो 2 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कांवड़ियों के अत्यधिक भीड़ के कारण यातायात डायवर्जन लागू रहेगा।

ऐसे में आवागमन में समस्या उत्पन्न होगी। जिस कारण से 27 जुलाई से 2 अगस्त तक जनपद हरिद्वार के समस्त कक्षा 1 से 12 तक सरकार, गैर सरकारी, आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने आदेश का कड़ाई से पालन कराने के भी निर्देश दिए।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, बीजेपी शासित तीन राज्यों की सरकार को नोटिस, ‎टीएमसी महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई



ऋषिकेश नई दिल्ली 22 जुलाई। कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूपी प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या यह प्रेस स्टेटमेंट था या औपचारिक आदेश था कि इन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

बीजेपी शासित तीन राज्यों की सरकार को नोटिस…..

कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं। दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं है। दुकानदारों को सिर्फ खाने के प्रकार बताने की जरूरत है। मतलब यह कि दुकान पर सिर्फ लिखे होन की जरूरत है कि वहां मांसाहारी खाना मिल रहा है या शाकाहारी खाना। कोर्ट ने इस मामले में अदालत ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

‎महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई…

कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा याचिका दाखिल की गई। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसे अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

23 जुलाई को जनपद देहरादून के तमाम शैक्षणिक संस्थान में अवकाश घोषित



ऋषिकेश देहरादून 22 जुलाई। मौसम विभाग के द्वारा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 23 जुलाई को जनपद देहरादून मैं भारी बारिश के चलते सरकार द्वारा कक्षा 01 से 12 तक सरकारी, गैर सरकारी, आंगनबाड़ी शिक्षण केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून एवं एन०डी०एम०ए० के सचेत National Disaster Alert Portal द्वारा दिनांक 22 जुलाई, 2024 को जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 23 जुलाई, 2024 को जनपद देहरादून में भारी वर्षा एवं कही-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने / वर्षा के तीव्र से अति तीव्र का अलर्ट जारी किया गया है। वर्तमान में जनपद के समस्त क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा को दृष्टिगत सवेदनशील स्थलों में भूस्खलन की सम्भावना बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत जनपद के कक्षा 01 से 12 तक संचालित समस्त शैक्षणिक संस्थाओं और आंगनबाडी केन्द्रों में 23.07.2024 को एक दिन का अवकाश घोषित किया जाता है।

आदेश के अनुसार जनपद के समस्त शासकीय / गैर शासकीय एवं निजी स्कूलों के साथ सभी आंगनबाडी केन्द्र 23.07.2024 को बन्द रहेंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून एवं जिला कार्यकम अधिकारी देहरादून को निर्देशित किया गया है कि उपरोक्त समस्त शैक्षणिक संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में उक्त आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करायेंगे।

तीर्थ नगरी ऋषिकेश के तमाम आश्रमों में गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों ने गुरु की पूजा कर जताई गुरु के प्रति आस्था  -तीर्थ नगरी के सभी आश्रमों में शिष्यों ने किया गुरु पूजन



ऋषिकेश 21 जुलाई। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ऋषिकेश तीर्थ नगरी के तमाम आश्रमों में अपने अपने गुरु का पूजन कर भक्तों ने लिया आशीर्वाद। गुरु पूर्णिमा  पर्व पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व ऋषिकेश नगर निगम की निवर्तमान महापौर अनीता ममगाई ने भी संतो का आशीर्वाद लिया। 

रविवार की सुबह से ही अपने गुरु का पूजन किये जाने के लिए भक्तों की आश्रमों में लंबी-लंबी लाइनें लगी थी , इस दौरान श्री जय राम आश्रम में ब्रह्स्वरूप ब्रह्मचारी , माया कुंड स्थित जनार्दन आश्रम में केशव ‌स्वरुप, कृष्ण कुंड आश्रम में उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य,तारा माता मंदिर, भगवान भवन में ‌सांसद साक्षी महाराज, गीता आश्रम में गुरु पूजन किया गया।
इस दौरान श्री जय राम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप बह्मचारी‌ ने गुरु‌ पूर्णिमा  का महत्व बताते कहा कि व्यास जी को वेद, महाभारत और ब्रह्मसूत्र की रचना के लिए जाना जाता है. उनके इस योगदान ने हिन्दू-धर्म में गुरु-शिष्य परंपरा की स्थापना  की है  ऋषि व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था।
योग-परंपरा में गुरु पूर्णिमा को उस दिन की याद में मनाया जाता है जब आदियोगी शिव ने सप्त-ऋषियों को योग-विद्या का ज्ञान देना आरंभ किया था।  
‘गुरु’ शब्द का अर्थ है अन्धकार को दूर करने वाला. आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह दिन सभी आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति श्रद्धांजलि व उनके मार्गदर्शन के प्रति कृतज्ञता अर्पित करने का दिन है. 
 गुरु की भूमिका गुरु के पारंपरिक अर्थ ‘अन्धकार को दूर करने वाला’ को सार्थक करते हुए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है. ‘गुरु’ शब्द ‘गु’ और ‘रु’ से बनाया गया है. ‘गु’ का अर्थ ‘अन्धकार या अज्ञानता’ तथा ‘रु’ का अर्थ ‘प्रकाश या ‘दूर करने वाला’ होता है. इस प्रकार गुरु अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश को प्रकट करता है.  गुरु  आध्यात्मिक मार्गदर्शक को जिज्ञासु की आध्यात्मिक यात्रा के एक मुख्य कारक के रूप में देखा जाता है।
इस मौके पर कृष्ण कुंज आश्रम के उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्ण आचार्य ने कहा  कि गुरु के द्वारा दी जाने वाली शिक्षा आध्यात्मिक प्रगति को तेज तथा सूक्ष्म शरीर को शुद्ध करती है. इसे सीधे एक दिव्य कृपा के रूप में ग्रहण किया जाता है और यह हमारे भीतर के अन्धकार और अज्ञानता को दूर करती हैओर‌उनके द्बारा ध्यान, सफ़ाई तथा आन्तरिक जुड़ाव धीरे-धीरे हमारे हृदय और मन को शुद्ध करते हुए आन्तरिक रूपान्तरण को आसान बना देते हैं।
सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि
गुरु अभ्यासियों के सामने स्वयं को एक जीवंत उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है. अपने जीवन एवं आचरण से वह जिज्ञासुओं को भी अपने गुरु की आध्यात्मिक उपस्थिति हर सच्चे जिज्ञासु के साथ उसकी आध्यात्मिक यात्रा की अपनी गति के अनुसार रहती है. कोई तेज प्रगति करे अथवा धीरे-धीरे गुरु अपनी गति को उसकी गति के साथ व्यवस्थित कर लेता है. लेकिन गुरु के मार्गदर्शन का सक्रियतापूर्वक उपयोग करते हुए अपनी प्रगति को तेज करना हमारी बुद्धिमानी होगी। 

श्री गीता आश्रम में भी गुरु पूर्णिमा महोत्सव का तीन दिवसीय कार्यक्रम आज श्रद्धा भक्ति पूर्वक संपन्न हुआ उसे अवसर पर आश्रम में गीता पाठ अखंड रामचरितमानस पाठ भजन संकीर्तन एवं पानीपत से आई अनमोल पार्टी द्वारा सुंदर झांकियां का प्रदर्शन एवं धार्मिक भजनों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई इसमें भगवान शिव मां गंगा राधा कृष्ण भक्त सुदामा महाकाली की सुंदर झांकियां दिखाई गई इस्कॉन के संतो द्वारा भगवान नाम संकीर्तन कराया गया इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि  कुसुम कंडवाल अध्यक्ष महिला आयोग उत्तराखंड एवं समापन पर यमकेश्वर विधायक  रेणु विष्ट ने भाग लिया।कार्यक्रम का संचालन भानु मित्र शर्मा ने किया।

एक पेड़ मां के नाम लगाने के आह्वान से मनाया हरेला पर्व, पेड़ पौधे लगाने नहीं बल्कि इनका उचित संरक्षण का विशेष ख्याल रखें : अनिता ममगाईं, हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति प्रेरित करता है: प्रेम चंद अग्रवाल



ऋषिकेश 16 जुलाई । बायपास रोड स्थित स्मृति वन में देवभूमि उत्तराखंड के बड़े पर्वों में से एक हरेला पर्व मनाया गया। नगर निगम और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया था । कार्यक्रम में फलदार पौधे लगाये गए। मुख्य अतिथि नि. महापौर अनिता ममगाईं विशेष उत्तराखंडी परिधान में मौजूद रहीं। इस अवसर पर नगर आयुक्त शैलेन्द्र सिंह नेगी, रेंजर गंभीर सिंह धामंदा व अन्य लोग भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर अनिता ममगाईं ने कहा, आज हम देख रहे हैं मौसम कैसे बदल रहा है। कितनी गर्मी हो रही है, इस बार के गर्मी के मौसम को देखते हुए हमें आगे आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय बदलाव या कहिये और भी असुंतलन देखने को मिल सकता है। वैज्ञानिक, पर्यावरणविद बार-बार हमें चेतावनी दे रहे हैं। ऐसे में हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधों को लगाना चाहिए साथ ही उनका संरक्षण भी करना चाहिए। ताकि आने वाले पीढ़ी को हम कुछ दे सकें। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में “एक पेड़ मां के नाम” की शुरुआत की है । अब ये नारा जनआंदोलन बन गया है। अब देश का हर एक शख्स अपनी मां के नाम पेड़ लगाकर धरती मां को नमन करने का काम कर रहा है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कितनी गंभीरता से और कितने अपनत्व से उन्होंने इसको लिया है। हर एक ब्यक्ति पेड़ पौधे लगाए और उनका संरक्षण करे। इस अवसर उन्होंने बधाई देते हुए कहा, आप सभी को हरियाली व सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देती हूँ। इस अवसर पर सभी ने पर्यावरण बचाने का संकल्प भी लिया।
कार्यक्रम में, मुख्य नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी, वन क्षेत्र अधिकारी गंभीर सिंह धमांदा , नि. पार्षद विजय बडोनी, विपिन पंत, सुरेन्द्र मोगा, राजकुमारी जुगलान, गौरव केंथुला, रमेश अरोड़ा, अजय कालड़ा, अशर्फी रणावत, हेमलता चौहान, राजेश कोटियाल, विजय जुगलान, डा विनोद जुगलान, हर्ष गवाड़ी, पूजा पोखरियाल, विनीता बिष्ट, विजय नोटियाल, सहोदरी, शशि सेमलती, मंजू गुसाई, सुसीला सेमवाल, चिता नेगी आदि लोग मौजूद रहे।

इसी कड़ी में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हरेला पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि यह पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण की हमारी परंपरा का प्रतीक है। हरेला न केवल हरियाली और समृद्धि का संदेश देता है, बल्कि हमें पर्यावरण की देखभाल के प्रति जागरूक भी करता है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति प्रेरित करता है। आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या है, हरेला पर्व इसके प्रभावों को कम करने का भी सन्देश देता है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक पौधरोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। डॉ अग्रवाल ने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। तभी हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों से जुड़े रह पाएंगे और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे।

केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की उच्च स्तरीय बैठक समीक्षा हुई आयोजित



देहरादून 16 जुलाई। केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री  मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आज मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में भारत सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास के उच्चाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव सहित राज्य के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों से अवगत कराते हुए कहा कि 2123 मेगावाट क्षमता की अलकनंदा एवं भागीरथी तथा उनकी सहायक नदियों पर विशेषज्ञ समिति द्वारा 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर संस्तुति प्रदान की गई है। जिसमें 771 मेगावाट की 11 परियोजनाओं पर किसी भी संस्था द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है तथा कुल 1352 मेगावाट क्षमता की 10 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु विशेषज्ञ समिति-2 द्वारा संस्तुति प्रदान की गई है, उन्होंने इस परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सकारात्मक निर्णय लिये जाने के साथ अनुमोदन प्रदान किये जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। राज्य को कुल चिन्हित 45 जल विद्युत परियोजनाओं में से पर्यावरण के दृष्टिगत 24 परियोजनाएं छोड़ दी गई है। जबकि 21 परियोजनाओं के लिये समिति द्वारा संस्तुति दी जा चुकी है।

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही दिल्ली में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा एवं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से यह भी अपेक्षा की कि राज्य की वर्तमान एवं दीर्घकालिक बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत 1320 मे०वा० क्षमता के कोल आधारित विद्युत परियोजना के निर्माण हेतु कोल लिंकेज का त्वरित आवंटन किया जाना भी राज्य हित में होगा। साथ ही कोल आधारित परियोजनाओं से राज्य की बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु 600 मेगावाट का अतिरिक्त आवंटन किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत संरचनाओं के मुआवजे हेतु प्रचलित मापदण्डों के स्थान पर विद्युत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण में हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति किये जाने का भी अनुरोध किया।

केन्द्रीय मंत्री द्वारा बैठक में निर्देश दिये गये कि राज्य की ऊर्जा जरूरतों एवं इस क्षेत्र में सुधार से संबंधित प्रस्तावों के साथ शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों को केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जाय। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य हित से जुड़े सभी विषयों पर त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन दिया।

इससे पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूडी एवं अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन के साथ शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव  डी.तारा,  एस.पी.सिंह तथा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय श्री शशांक मिश्रा एवं श्री अफजाल, सचिव ऊर्जा श्री आर.मीनाक्षी.सुन्दरम, सचिव  चन्द्रेश यादव, अपर सचिव  नितिन भदौरिया के साथ हुई बैठक में भी राज्य से संबंधित योजनाओं पर आपसी चर्चा की गई।

दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर से प्रदेश सरकार का कोई संबंध नहीं, बदरी-केदार के नाम का दुरूपयोग करने पर होगी विधिक कार्यवाही :अजेंद्र अजय



ऋषिकेश देहरादून 15 जुलाई।  श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के नाम से दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण प्रस्तावित किए जाने को लेकर बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने साफ किया कि ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित निर्माण का बीकेटीसी से कोई संबंध नहीं है और न ही उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा इसका किसी तरह का निर्माण किया जा रहा है और इसमें किसी भी प्रकार से कोई भी आर्थिक मदद नही की जा रही है। 

 बताते चलें श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि के व्यावसायिक उपयोग और अन्य प्रकार से दुरुपयोग को रोकने के लिए श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) कानूनी प्रावधानों को तलाश रही है। इस संबंध में कुछ माह पूर्व हुई बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में कानून के विशेषज्ञों से सलाह लेने और आवश्यक प्रावधान करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया था। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी इस संबंध में आवश्यक दिशा – निर्देश दिए गए हैं।

श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के नाम से दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण प्रस्तावित किए जाने के समाचारों के बीच बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि उनके संज्ञान में आया था की कुछ लोग श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ धाम का नाम, फोटो, वीडियो इत्यादि का व्यावसायिक लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं। इन धामों के नाम पर ट्रस्ट , संस्था इत्यादि बनाए जा रहे हैं। इससे आम श्रद्धालु भ्रमित होकर इन संस्थाओं को चंदा इत्यादि देते हैं।

उन्होंने बताया कि हाल ही में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट, दिल्ली का नाम सामने आने से कुछ समय पूर्व एक अन्य संस्था श्री केदारनाथ धर्मशाला ट्रस्ट के बारे में भी सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी सामने आयी थी। जिसमें संस्था द्वारा केदारनाथ धाम के नाम पर धर्मशाला, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल आदि बनाने जैसी बातें सामने आयी थीं।

अजेंद्र ने कहा कि हमारे विश्व प्रसिद्ध धामों के नाम से आम श्रद्धालु किसी प्रकार से भ्रमित ना हों, इसके लिए बीकेटीसी बोर्ड बैठक में चिंता जतायी गई थी। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा उत्तराखंड राज्य सरकार का इस ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण से कोई संबंध नहीं है और न ही राज्य सरकार द्वारा इसमें किसी भी प्रकार से कोई भी आर्थिक मदद नही की जा रही है। दिल्ली में बन रहे मंदिर से प्रदेश सरकार का कोई संबंध नहीं है बदरी-केदार के नाम का दुरूपयोग करने पर होगी विधिक कार्यवाही की जाएगी। मंदिर के नाम के दुरुपयोग को रोकने की लिए समुचित कानूनी प्रावधान तलाशने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की सेवा लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस पर कार्रवाई गतिमान है।

उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय पूर्व इंटरनेट पर उत्सव नामक एक एप के माध्यम से श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं से घर बैठे ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर पैंसे लेने की बात सामने आयी थी। इस पर केदारनाथ मंदिर के प्रभारी अधिकारी द्वारा 24 जून को सोनप्रयाग थाने में तहरीर दी गई है।

बीकेटीसी अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे किसी प्रकार के भ्रामक संस्थाओं अथवा ट्रस्ट के झांसे में ना आए। बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों में पूजा व्यवस्था, धर्मशाला निर्माण, संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था आदि का सभी कार्य मंदिर समिति के नियंत्रणाधीन हैं। बीकेटीसी की अधिकृत वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पूजाओं व अन्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

पानी भरने गई महिला से दुष्कर्म का प्रयास, मारपीट कर किया जानलेवा हमला मुकदमा दर्ज



14 जुलाई। सरकारी नल पर पानी भरने गई महिला से एक युवक ने छेड़छाड़ कर दी। पीड़िता ने लक्सर थाने में आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

जानकारी के मुताबिक लक्सर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि बीते दिन वह अपने घर के बाहर लगे सरकारी नल पर पानी भर रही थी। इसी बीच गांव का ही युवक वहां आया और पीछे से उसे पकड़ लिया व अश्लील हरकतें करते हुए उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।

आरोप है कि विरोध करने पर आरोपी ने उसके साथ मारपीट करते हुए जानलेवा हमला किया। शोर शराबे की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर आ गए। जिस पर आरोपी मौके से फरार हो गया। लक्सर कोतवाली प्रभारी राजीव रोथाण ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

सास से पीड़ित होकर बहू ने गंगा में कूद कर दी जान, परिजनों का आरोप, आत्महत्या के लिए ससुराल पक्ष ने किया विवश



ऋषिकेश 13 जुलाई । सास से पीड़ित होकर बहु द्वारा गंगा में कूद कर जान देने पर पीड़ित विवाहिता के परिजनों ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग के चलते आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस रायवाला में शिकायत दर्ज कराई है।

शनिवार को कोतवाली पुलिस रायवाला में
बृजेश कुमार अग्रवाल निवासी सोमेश्वर मंदिर रोड ऋषिकेश द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई की उनकी पुत्री का विवाह 21 फरवरी 2019 को अतुल जयसवाल निवासी हरिपुर कला, ऋषिकेश के साथ दोनों परिवारो की पूर्ण सहमति से सम्पन्न हुआ था।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहां की विवाह उपरान्त से ही उनकी पुत्री के साथ उसके ससुराल पक्ष द्वारा लगातार अत्यधिक दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बेटी के लगातार दो पुत्रियां होने और पुत्र न होने के परिणाम स्वरूप और अत्यधिक प्रताड़ित करने लगे। और उनकी बेटी को अभद्र व्यवहार गाली गलौज और लगातार रूप से मारपीट करते थे। उन्होंने बेटी के ससुराल पक्ष वालों पर लगाया कि बीती 10 जून को उनकी पुत्री के बाल खींच कर घर से बहार निकाल दिया, जिस पर उनकी पुत्री द्वारा ने अपने भाई को बुलाकर उसके साथ अपने मायके आ गयी । घटना के दस दिन बाद उसके ससुराल पक्ष वाले किसी तरीके से समझा बुझाकर पुत्री को वापस उसकी ससुराल ले गए।परंतु 11 जुलाई को उनके पुत्र के फोन पर दो मैसेज आए जिसमें पुत्री द्वारा अपनी ससुराल पक्ष से परेशान होकर आत्महत्या करने जा रही है।

जिस पर उन्होंने व परिजनों ने उसके ससुराल व अन्य जगहों पर पुत्री को खोजने की भरपूर प्रयास किए। जानकारी पर पता चला कि उनकी बेटी द्वारा गंगा में कूद कर आत्महत्या कर ली गई है। जिसके शव को ढूंढने के प्रयास किये जा रहे हैं। 

उक्त घटना पर उन्होंने पीड़ित पुत्री के ससुराल पक्ष पर दहेज की अत्यधिक मांग और मारपीट कर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। जिस पर उन्होंने पुलिस से ससुराल पक्ष के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है। 

उक्त घटना का संज्ञान उत्तराखंड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी लिया है। जिस पर उन्होंने ऋषिकेश सी ओ से फोन पर वार्ता कर उक्त घटना की जानकारी ली। और उन्होंने ऋषिकेश सीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि उक्त पीड़िता द्वारा गंगा में कूद कर आत्महत्या की गई है तो उक्त शव को जल्द ही बरामद किया जाए व दोषियों के खिलाफ़  कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

सी ओ ऋषिकेश द्वारा बताया गया कि पीड़ित परिवार की तरफ से मिली तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। व गंगा में से  पीड़िता के शव को बरामद करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।