कैबिनेट मंत्री के पुत्र पीयूष ने कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, सहित तीन नेताओं के विरुद्ध दर्ज कराई रिपोर्ट रिपोर्ट में उनके पिता प्रेमचंद की छवि खराब करने का लगाया आरोप
ऋषिकेश, 5 जनवरी। ऋषिकेश विधायक कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष अग्रवाल ने उन पर विगत 28 दिसंबर को देहरादून में आयोजित कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान नरेंद्र नगर तहसील के अंतर्गत खरीदी गई, जमीन में राजस्व संबंधी असत्य, भ्रामक निराधार , कपट पूर्ण आरोप लगाए जाने को लेकर संबंधित धाराओं में मुकदमा कायम करवा दिया है।
देहरादून कोतवाली में पीयूष अग्रवाल द्वारा पंजीकृत मुकदमे में कहा गया है कि कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य जयेंद्र चंद्र रमोला, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दशौनी, और अभिनव थापर ने पत्रकार वार्ता के दौरान उनके पिता प्रेमचंद अग्रवाल पर चुनाव में पराजित होने के बाद जो कि उनसे वैमनस्य रखते हैं, और तभी से उनकी छवि को खराब करने के उद्देश्य से असत्य भ्रामक निराधार आरोप लगाए गए हैं ।इन आरोपों को कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित कर समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए कर रहे हैं ,जिस पर इन असत्य और कूट रचित आरोपों से भ्रमित होकर लोग आपत्तिजनक और उत्तेजना पैदा करने वाली टिप्पणियां कर रहे हैं।
इस प्रकार का असत्य भ्रामक निराधार कूट रचित कपट पूर्ण समाचार को इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए झूठे आधार पारस दस्तावेज उपलब्ध करवाकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जनता को भ्रमित कर रहे हैं जिससे उनके पिता प्रेमचंद अग्रवाल की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई गई है। जिसमें कोई सत्यता नहीं है।
अपनी कॉन्फ्रेंस में उनके द्वारा उन्हें अपमानित भी किया गया। इन वक्तव्यों में अपराधिक कूट रचना व मानसिक क्षति पहुंचाने वाले वक्तव्य भी हैं उनके द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तथा शब्दो का प्रसारण करवाकर उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई गई है ।जिससे समाज में उनकी छवि भी धूमिल हो रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया हैकि उनके सहयोगियों जो पत्रकार वार्ता में भी शामिल हैं। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर इसी प्रकार के शब्दों का प्रयोग कर इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रसारित करवाए गए हैं। जिससे उनकी समाज छवि खराब की गई है । जिन के विरुध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा के अंतर्गत 469 और 500 में मुकदमा दर्ज कर लिया है ।और मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई हैै।
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