उत्तराखंड में वन विभाग की भूमि पर 1000 से अधिक जगहों पर अवैध मजारों के रूप में हुए अतिक्रमण को धामी सरकार करेगी नेस्तनाबूद, वन विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजारों के नीचे खोजने पर नहीं मिले कोई अवशेष
ऋषिकेश देहरादून 7 अप्रैल। देवभूमि उत्तराखंड में पिछले काफी समय से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ रहे थे।
इसी कड़ी में उत्तराखंड वन विभाग की जमीन पर अवैध मजारों के जरिए अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा था जब सरकार द्वारा ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया तो। चिन्हित की गई 1000 मजारों को जब जांचा गया तो उन मजारो के नीचे खोदने पर उसमें किसी भी तरह की कोई अवशेष नहीं मिले। जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी साफ कह दिया है कि देवभूमि उत्तराखंड में अवैध मजारों को ध्वस्त करेंगे। इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा है कि ये नया उत्तराखण्ड है यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी नहीं।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा प्रदेश में एक हजार से अधिक ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं जो अनावश्यक रूप से बना दिए गए हैं। कहीं पर मजार बना दी गई हैं और कहीं कुछ, लेकिन जब इन्हें खोदा गया तो इनके नीचे कुछ अवशेष नहीं निकल रहे हैं ,देवभूमि उत्तराखंड गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है और सदियों से ही ऋषि-मुनि और तपस्वियों को आकर्षित करती रही है ये देवभूमि। कहा जाता है कि यहां के जंगलों में दुर्लभ औषधियों का खजाना है, लेकिन इन दिनों उत्तराखंड के जंगल किसी और वजह से चर्चा में हैं।
उत्तराखंड के वन विभाग तक की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। नैनीताल के रामनगर में बना जिम कॉर्बेट भारत के सबसे पुराने राष्ठ्रीय पार्कों में से है, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कारण ये हमेशा से पर्यटकों की पसंदीदा जगह रही है। हालांकि यह जिम कॉर्बेट में भी अवैध मजार हैं.। इस जगह मजार होने का मतलब ये है कि यहां लोगों की भीड़ भी जुटती होगी।
हालांकि सवाल ये है कि टाइगर रिजर्व के इस प्रतिबंधित क्षेत्र में मजार और मजार पर भीड़ जुटाने की इजाजत कैसे दी गई।
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