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ऋषिकेश में 725वीं श्री रामानंद जयंती के दौरान निकली‌ बैड बाजों क साथ शोभा यात्रा  -इस वर्ष रामानंद जयंती सनातन धर्म को समर्पित रही- महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास


ऋषिकेश, 21 दिसंबर। विरक्त वैष्णव मंडल ऋषिकेश द्वारा  ऋषिकेश में 725 वीं श्री रामानंद जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान नगर में बैंड बाजों के साथ‌ भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसका नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत में किया 

मंगलवार को  महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास  व डॉक्टर स्वामीनारायण दास के संचालन में

 आयोजित शोभा यात्रा के दौरान उन्होंने   कहा कि इस वर्ष रामानंद जयंती तमाम सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के प्रति समर्पित रही, क्योंकि  रामानंद जी का मुख्य उद्देश्य ही सनातन धर्म के प्रति सभी लोगों को एकजुट करना था, उनका मानना था कि जात-पात को पूछे ना कोई जो हरि को भजे तो हरि का होई, जिन्होंने हमेशा सभी धर्म के  साथ जात पात के लोगों को एकजुट किये जाने के लिए संघर्ष किया है। इसलिए इस वर्ष नगर में निकलने वाली रामानंद जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा सनातन धर्म के लोगों  के प्रति समर्पित रही।  रामानंद जयंती के अवसर निकाली ‌गई, शोभा यात्रा मायाकुंड स्थित रामानंद आश्रम से प्रारंभ होकर मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर, निर्मल आश्रम, सुभाष चौक, मुखर्जी मार्ग, हरिद्वार मार्ग, तिलक रोड, हीरालाल मार्ग, अंबेडकर चौक, रेलवे रोड से वापस हरिद्वार रोड, लक्ष्मण झूला रोड एवं क्षेत्र रोड ,भरत मंदिर से होते हुए सुभाष चौक से वापस रामानंद संत आश्रम मायाकुंड में पहुंचकर समाप्त हुई, जिसमें भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय नेपाली संस्कृत महाविद्यालय पंजाब सिंह क्षेत्र साधु महाविद्यालय कृष्ण कुंज संस्कृत महाविद्यालय हेमकुंड साहिब निर्मल आश्रम शाहिद कई अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शोभायात्रा में भाग लिया

इस दौरान संतो के प्रवचन भी आयोजित किए गए। जिन्होंने रामानंदाचार्य के‌‌ जीवन पर प्रकाश डाला।शोभा यात्रा में इस वर्ष उत्तराखंड के सभी वाद्य यंत्र और स्थानीय पुरातन बैंड बाजे भी साथ में थे।

शोभा यात्रा के बाद आश्रम परिसर में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में विराट संत सम्मेलन आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम का संचालन तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने किया

जिसमें जगतगुरु रामानंदाचार्य महाराज की जयंती पर सभी संतो ने विचार व्यक्त किया जिसमें महंत श्री डॉक्टर नारायण दास  महाराज ने कहा  जगद्गुरु श्री रामानंद आचार्य महाराज के सिद्धांत एवं विचार आज के समाज की आवश्यकता है उनकी सुबह यात्रा समाज में सद्भावना जागृत करने का अचूक साधन है महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास  महाराज ने कहा कि यह शोभा यात्रा हमारे सनातन धर्म को वसुदेव कुटुंबकम की भावना को लेकर सभी संप्रदाय सभी समुदाय वर्ग को एक माला में पिरोने का काम करती है जाति पाति पूछे ना कोई हरि को भजे सो हरि का हुई  संत का हृदय गंगाजल के समान पवित्र और निर्मल होता है आदर्श तथा उनके बताए गए सिद्धांत एवं मार्गो का स्मरण किया
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज डॉ नारायण दास  महाराज महामंडलेश्वर भारत भूषण दास महाराज तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज स्वामी आलोक हरि महाराज महंत निर्मल दास महाराज महंत करुणा शरण  महंत पवन दास महाराज महंत प्रमोद दास मोनी बाबा डॉ जनार्दन कैरवान आचार्य सुरेंद्र भट्ट आचार्य नवीन भट्ट महंत बलवीर कृष्ण मुरारी दास श्रीमती अनीता ममंगाई रामकृपाल गौतम अभिषेक शर्मा आदि उपस्थित थे।

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