बच्चे तभी संस्कारवान होंगे जब माता पिता को अपने सनातन संस्कृति, परम्परा एवं संस्कारों का ज्ञान होगा: केशव स्वरुप ब्रह्मचारी, नवीन ऋषिकुमारों का यज्ञोपवीत संस्कार वैदिक विधि विधान से हुआ संपन्न 


ऋषिकेश 18 म मई ।  नेपाली संस्कृत विद्यालय के नवीन ऋषिकुमारों का यज्ञोपवीत संस्कार वैदिक विधि विधान से संपन्न किया गया। जिसमें नगर के अनेकों गणमान्य लोगों पूज्य संत- महात्माओं नगर के समस्त संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य अध्यापक ऋषिकुमारों के अभिभावक उपस्थित थे प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में गंगा जी के तट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दशविधि स्नान सम्पन्न हुआ उसके पश्चात विद्यालय में आचार्य राकेश लसियाल जी ने वैदिक विधि-विधान से यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न करवाया उसके पश्चात कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगर निगम की पूर्व महापौर अनिता ममगाँई कार्यक्रम अध्यक्ष स्वामी नारायण आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सुनील भगत जी केशव स्वरुप ब्रह्मचारी जी नगर निगम के पार्षद वीरेन्द्र रमोला जी विद्यालय के प्रबंधक ललित डंग प्रधानाचार्य डॉक्टर ओमप्रकाश पूर्वाल माध्यमिक संस्कृत शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर जनार्दन कैरवान  ने दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती के पूजन किया । विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर ओमप्रकाश पूर्वाल जी ने सभी आये हुए अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि पूर्व महापौर अनीता ममगाँई  ने सभी ऋषिकुमारों एवं विद्यालय परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे जीवन में संस्कारों का बहुत बडा महत्व है। संस्कृत का अध्ययन कर ये ऋषिकुमार सम्पूर्ण समाज का मार्गदर्शन करेंगे उन्होंने कहा कि ये ऋषिकुमार भारत का भविष्य है। आने वाले समय में ये अपने विद्वता के बल पर समाज में पूजनीय होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी सुनील भगत ने कहा कि आपको पूर्ण मनोयोग से विद्या अध्ययन करना है ताकि आप अपने अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकेंगे ।

केशव स्वरुप ब्रह्मचारी  ने कहा कि आज समाज में संस्कारों का आभाव हो रहा है उन्होंने कहा कि बच्चे तभी संस्कारवान होंगे जब माता पिता को अपने सनातन संस्कृति, परम्परा एवं संस्कारों का ज्ञान होगा माता पिता ही बच्चों को संस्कारवान बना सकते है उन्होंने कहा कि ये गुरुकुल परम्परा अनादि काल से हमारे भारत वर्ष में से चली आ रही है इसी परम्परा के बल पर हम विश्व गुरु जैसे सर्वोच्च स्थान पर थे।

डॉक्टर जनार्दन कैरवान ने कविता के माध्यम से संस्कृत भाषा के प्रति सम्मान प्रकट कर ऋषिकुमारों का उत्साहवर्धन किया आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल के संचालन में चल रहे ।

इस  अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक  ललित डंग  कमलेश पैन्यूली, अरविन्द सिलोडी, प्रधानाचार्य सुरेन्द्र भट्ट  नवीन भट्टजी, विजय जुगलान , डॉक्टर राधा मोहन दास , डॉक्टर सन्तोष मुनि , डॉक्टर शान्ति प्रसाद मैठाणी , आचार्य जितेन्द्र भट्ट, विनोद गैरोला  सुरेश पंत , डॉक्टर दयाकृष्ण लेखक , सचिन पैन्यूली , अजय रमोला ,  वीजेन्द्र चन्द , शान्ति प्रसाद डंगवाल,  कामेश्वर लसियाल,  मनोज कुमार द्विवेदी  ,विपिन बहुगुणा,जय भगवान उपाध्या,  हर्षपति धस्माना , मनोज पैन्यूली , पूनम खरोला, प्रियंका सेमवाल , सुभाष नौटियाल बलीराम सहित बडी संख्या में ऋषिकुमारों के अभिभावक उपस्थित थे।


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