ऋषिकेश, 26 जुलाई ।कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ओर नगर निगम महापौर अनिता ममगांईं ने ऋषिकेश में रेलवे रोड पर स्थित कारगिल शहीद मनीष थापा के स्मारक पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
वहीं कारगिल विजय दिवस के मौके पर नगर निगम महापौर अनिता ममगांईं ने देश की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर सेनानियों को नमन किया। महापौर ने विजय दिवस पर कारगिल शहीद मनीष थापा एवं कैप्टन अमित सेमवाल के परिजनों को सम्मानित भी किया। उन्होंने पुष्प अर्पित कर ऋषिकेश के अमर सैनानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।इसके प्रश्चात महापौर ग्रामीण क्षेत्र गुमानीवाला स्थित शहीद अमित स्मारक गई और पुष्पांजलि अर्पित की।इस मौके पर महापौर ने कहा कि कारगिल युद्ध की सफलता का श्रेय अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को जाता है। उन्होंने दुश्मनों को धूल चटा दी। पूरे देश को वीर सैनिकों की शहादत पर गर्व है। उन्होंने देश की रक्षा की खातिर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों की कुर्बानी को याद किया। उन्होंने कहा कि 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर भारत माता की आन, बान व शान की रक्षा की। कारगिल विजय दिवस देश के वीर सैनिकों के शौर्य के लिए हमेशा इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा।
इस अवसर पर मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी शहीदों की शहादत को स्मरण किया।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि तीर्थनगरी ऋषिकेश के मनीष थापा कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले देश के जांबाज़ों में शामिल थे।शहीद मनीष थापा गोरखा राइफल्स की थर्ड बटालियन में राइफल मैन के पद पर तैनात थे।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कारगिल विजय दिवस सचमुच में भारत की अद्भुत सैन्य सेवा परंपरा, अदम्य साहस और बलिदान का उत्सव है।हमारी सशस्त्र सेनाओं के साहस और उनकी देशभक्ति ने ये सुनिश्चित कर दिया है कि भारत सुरक्षित है।उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि आज के दिन भारत माता के शहीद सपूतों को याद करने का दिन है। भारत की सेना विश्व की बहादुर सेना में गिनी जाती है। हमारे सैनिक विपरीत परिस्थितियों में रहकर देश की सुरक्षा करते हैं।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि के साथ-साथ वीरों की भूमि भी है इस भूमि ने न जाने कितने ऐसे वीर पैदा किए हैं जिन्होंने भारत माता की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।प्रदेश के सर्वाधिक 75 सैनिकों ने कारगिल युद्ध में शहादत दी।शहीदों की शहादत का यह जज़्बा हमेशा याद रहेगा।
इस दौरान शहीद के पिताश्री तारा दत्त सेमवाल, शहीद मनीष थापा के बड़े भाई मनोज थापा,पंकज शर्मा, अनिता रैना, विजय बडोनी, प्रभाकर शर्मा, विपिन पंत,राजपाल ठाकुर, रोमा सहगल, प्रमोद शर्मा, रूपेश गुप्ता, अनिकेत गुप्ता, अक्षय खेरवाल ,दिनेश असवाल, विकास सेमवाल, सुंदर मणी गौड़, नागेंद्र सिंह,इन्दर सिंह, सुरेश मनवाल,अजय जोशी, गोविंद सारस्वत,प्रदीप हलधर, गुलशन जग्गा, गोविंद चौहान, जोनी लाम्बा, गौरव केथोला, विनोद कुमार, जगदम्बा प्रसाद ,पार्षद शिव कुमार गौतम,राकेश अग्रवाल,राजेश दिवाकर, संजीव पाल, प्रदीप कोहली,कपिल गुप्ता,राकेश , राजू नरसिम्हा,भूपेंद्र राणा, उषा जोशी, सीमा रानी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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