ऋषिकेश,05 नवम्बर ।सेवानिवृत्त सहायक समाज कल्याण अधिकारी नंदकिशोर शर्मा ने सेवानिवृत्ति के पश्चात गंगा पूजन व हवन के पश्चात अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने विभागीय योजनाओं में अनियमितता व अन्य आरोपों को लेकर शासन में बैठे कुछ अधिकारियों पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया।
सहायक समाज कल्याण अधिकारी रहे, रानीपोखरी निवासी नंदकिशोर शर्मा सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने शिरडी साईं गुरुकुल के छात्र-छात्राओं के साथ ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा पूजन वह हवन किया। इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पूरे सेवाकाल में आज तक किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की है।
बल्कि शासन में बैठे कुछ अधिकारियों ने षड्यंत्र करते हुए शासनादेशों का झूठे साक्ष्यों के आधार पर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया है। उन्होंने कई साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि वह हमेशा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं को शासन के संज्ञान में लाते रहे हैं। जिसमें दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला भी शामिल है। भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों को आभास था कि उन पर गाज गिर सकती है, इसलिए उन्होंने बिभाग की संस्तुति के बिना उनके खिलाफ सतर्कता जांच कराई।
बताया कि वर्ष 2017 में समस्त आख्याओं के साथ उन्होंने सतर्कता विभाग को पत्र दिया था। मगर, षडयंत्र इस जांच को चार वर्ष लंबित रखते हुए एकपक्षीय निर्णय दिया गया। जिसका विभाग से भी परीक्षण नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण सेवाकाल उत्कृष्ट कोटि का होने के पश्चात भी उन्हें पदोन्नति बैठक में सम्मिलित नहीं किया गया। जबकि उनसे निचले स्तर के अधिकारियों को 2-2 पदोन्नतियां गई।
उन्होंने कहा कि उनका न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। उन्हें निश्चित रूप से न्याय मिलेगा और उनके खिलाफ षड्यंत्र करने वालों को दंड मिलेगा। आगे की कार्य योजना पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह आपने अनुभव का लाभ अब समाज को देना चाहते हैं।
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