ऋषिकेश ,07 फरवरी । पिछले 4 दिनों से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में सीबीआई द्वारा मारे गए छापे के दौरान एम्स निदेशक के कार्यालय सहित कई फैकेल्टी के खंगाले गए दस्तावेजों ने एम्स प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिसकी गाज पूर्व निदेशक पर पडनी तय मानी जा रही है।
एम्स की ओर से छन्र कर आ रही जानकारी से पता चला है ,कि सीबीआई की टीम ने एम्स निदेशक के कार्यालय के सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गई कर्मचारियों की नियुक्ति मैं भी काफी झोल बताये जा रहे हैं। जिसमें राजस्थान उत्तर प्रदेश ऑल उत्तराखंड से की गई आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति के मामले में पिछले दिनों कानपुर में एक व्यक्ति से लाखों रुपए की नियुक्ति दिए जाने के मामले में कानपुर में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
इतना ही नहीं उत्तराखंड के कई लोगो से ठगी कर नियुक्ति दी जाने के मामले भी सामने आए, जिनकी जांच गतिमान है इतना ही नहीं एम्स में की गई दवाइयों की खरीद-फरोख्त में भी अनियमितता पाए जाने की जानकारी सामने आ रही है ,सीबीआई की चार टीमों ने एम्स में कार्यरत सुरक्षा एजेंसियों के साथ एम्स के अधिकारियों कर्मचारियों से भी गहनता से पूछताछ की गई है ।
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि सीबीआई की टीम द्वारा मांगी जा रही सभी जानकारियों में एम्स के विभिन्न विभागों के अधिकारी पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं अभी तक उन्होंने कई फैकेल्टियों में की गई नियुक्तियों के संबंध में भी जानकारियां जुटाई है ।
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