संघर्षपूर्ण जीवन की मिसाल बने लाला शिव चरण लाल जी, चने बेचने से लेकर कैसे बने ” श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा ” के संस्थापक, आइए जानें उनकी सफलता का प्रेरणादायी परिचय


ऋषिकेश:  60 साल पूर्व ऋषिकेश में विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला पर बंदरो को खिलाने के लिए चने बेचने वाले कर्म योगी ईमानदार व्यक्तित्व के धनी लाल शिवचरण लाल जी आज देशभर में कामयाब धार्मिक रेल तीर्थ यात्रा संचालक के रूप में जाने जातें है।

उनकी श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज देश भर में इससे मिलते जुलते नाम वाली 13 तीर्थ यात्रा संचालन में लगी है। संघर्षपूर्ण जीवन की मिसाल बने शिवचरण लाल के हर संघर्ष में पत्नी ने उनका साथ दिया। सादा जीवन जीने वाले शिवचरण लाल के लिए कामयाबी का यह सफर अनेक उतार चढ़ावों से भरा रहा है।

हिंडौन सिटी राजस्थान में घासीराम अग्रवाल के यहां 22 दिसंबर 1932 को जन्में लाला शिवचरण दो दर्जा पास थे। पिता की गांव में परचून की दुकान थी। पिता भी धार्मिक प्रवृति के थे। उन्होने कडी मेहनत के बल पर आगे बढने की ठानी और गांव छोडकर आगरा जा पहुंचे। दो वर्ष तक आगरा में सब्जी की ठेली लगाने वाले शिवचरण लाल के ताऊ के लडके रामधन प्रसाद ने उनकी आर्थिक सहायता की और 1959 में वह अपने दो पुत्रो लक्ष्मी नारायण और भगवान दास, पुत्री रूकमणि देवी व पत्नी संपति देवी को साथ लेकर ऋषिकेश आ गए। यहां टालवाली धर्मशाला के एक छोटे से कमरे में पूरा परिवार रहा करता था। शिवचरण लाल ने 1960 में बन्दरो को खिलाने के लिए चने बेचने का काम शुरू किया।उस वक्त लक्ष्मण झूला मार्ग स्थित लुरिंदा मंडी में बस स्टेंड हुआ करता था।

पुराने दिनो को याद करते हुए शिवचरण बताते है कि छोटे से कमरे में छह लोगो के लिए जगह नही होती थी इसलिए समीप ही भारतीय स्टेट बेंक के चबूतरे पर वह रात गुजारा करते थे। एक साल बाद उन्होने फेरी लगाकर धार्मिक पुस्तकें व धार्मिक तस्वीरें बेचने का काम शुरू किया। ऋषिकेश में 1962 में उन्हें बस अडडें में पुस्तक बेचने की स्टॉल मिल गई। पत्नी संपति देवी बारह घण्टे तक एक ही आसन में बेठकर फोटो में फ्रेम चढ़ाने का काम करती थी। बाद में चमेली बाई धर्मशाला में कमरा लेकर उन्होने धार्मिक पुस्तकें बेचने के काम को आगे बढाया। जब 1963 में रेलवे स्टेशन में उन्हे स्टॉल मिली तो इसके बाद उनका काम आगे बढता गया। हऱिद्वार मार्ग स्थित पुरानी चुंगी पर उस वक्त बसें रूका करती थी। वह पत्नी के साथ दोनो कंधो पर बीस बीस किलो की धार्मिक पुस्तकें लादकर सुबह चार बजे बस स्टेण्ड पंहुच जाते थे।

लाला शिवचरण लाल कहते थे कि उस वक्त रेलवे स्टेशन पर स्पेशल ट्रैन आती थी। पहली बार 1974 में उन्होने स्पेशल तीर्थ यात्रा के तहत रेल का एक डिब्बा बुक कराकर यात्रा पर भेजा, मगर पैसो की कमी के कारण उन्हे काम बन्द करना पडा। इसके बाद 1980 में स्वर्गाश्रम स्थित गीता आश्रम के संस्थापक स्वामी वेद व्यासानन्द महाराज ने स्पेशल ट्रेन निकाली जिसमें उन्हे मैनेजर बनाकर यात्रा पर भेजा। बदले में उन्हे पंद्रह हजार रूपये मेहनताना मिला। इसी तरह 1981 में परमार्थ निकेतन ने स्पेशल यात्रा निकाली इसमें भी उन्हें ही मैनेजर बनाकर भेजा गया।

शिवचरण लाल बताते है कि गीता आश्रम द्वारा संचालित स्पेशल यात्रा के दौरान उनका संपर्क दिल्ली के एक व्यापारी श्री भगवान दास गोयल से हुआ। इस व्यापारी ने उनका हौसला बढाया। स्पेशल यात्रा संचालित करने के लिए पैसा तो दिया ही, यात्रियों की व्यवस्था भी की। तब से उनका काम चल पडा। आज पूरे देश में लाला शिवचरण लाल को धोती वाला बाबा के नाम से जाना जाता है। उनके काम में हाथ बटाने वाले उनके पुत्र भगवान दास ने बताया कि 42 वर्ष में अब तक हम दो लाख से अधिक लोगों को देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करा चुके है।

यात्रा पूरी तरह धार्मिक तरीके से कराई जाती है जिसमे यात्रियों को वैष्णव भोजन, सत्संग, भजन कीर्तन, सामान्य चिकित्सा, धार्मिक स्थलों की पूर्ण जानकारी मुहैया कराई जाती है। वृद्व तीर्थयात्रियों का विशेष ध्यान रखा जाता है जिसके लिए पर्याप्त व्यक्तियों की यात्रा में ड्यूटी लगाई जाती है। इतना ही नहीं, यात्रा के पडाव में यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था और तीर्थ स्थल तक जाने के लिए बसों का भी प्रबन्ध किया जाता है। बस के द्वारा उतराखण्ड के चार धाम की यात्रा भी कराई जाती है। लंबे संघर्ष के बाद इस मुकाम तक पहुंचे लाला शिवचरण लाल अग्रवाल ने आज भी सादगी नही छोडी है आज भी वह पुराने दिनों को नही भुले है। आम आदमी की तरह उन्होंने चारपाई पर सोना नही छोडा है। उनका मानना है कि काम में ईमानदारी, निष्ठा, सेवा व समर्पण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारा ध्येय पैसा कमाना नहीं बल्कि तीर्थ यात्री की आत्म संतुष्टि है।

श्री शिवशंकर तीर्थ यात्रा ऋषिकेश

(1967 से आपकी सेवा में) संस्थापक

(स्व0 लाला श्री शिवचरणलाल अग्रवाल)

https://shivshankartirthyatra.com/

https://www.tirthyatraindia.com/

https://shivshankartirthyatra.com
Call: 9412050895, 9412050868

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *