ऋषिकेश 12 मई । – कोरोनावायरस की दूसरी लहर भारत के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है।देश में तकरीबन तीन लाख से अधिक केस रोजाना सामने आ रहे हैं।उत्तराखंड की ही बात करें तो यहां कोविड कफ्र्यू लगाए जाने के बावजूद अभी भी हालत चितांजनक बने हुए हैं।आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित बाल संरक्षण आयोग को पत्र भेज इस और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने बताया कि एक्सपर्ट के अनुसार कोरोनावायरस की दूसरी लहर इस बार हवा के माध्यम से फैल रही है। हालांकि अभी तक वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनेटाइजेशन से इस वायरस को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि वायरस विकराल रुप धारण कर चुका है।ऐसे में तीसरी लहर के लिए तमाम मुक्कमल इंतजाम करने की निंतात आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि तमाम एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कोविड 19 की संभावित दिखाई दे रही तीसरी लहर में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।रूद्वप्रयाग में 40 बच्चों के संक्रमित होने का मामला पहले ही खतरे की घंटी बजा चुका है।डॉ नेगी के अनुसार मुख्यमंत्री व बाल आयोग को प्रेषित पत्र में अवगत कराया गया है कि
प्रदेश में करीब 23 लाख के करीब बच्चे है। जोकि कोरानाकाल में वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं।उनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए तमाम आवश्यक चिकित्सीय व्यवस्थाओं के प्रबंध का होना बेहद आवश्यक है।सरकार को इसके लिए हर ग्राम सभा मे कम से कम 20 से 40 बेड की व्यवस्था के साथ डॉक्टर,फार्मासिस्ट, ए एन एम,आशा कार्यकर्ता, भोजनमाता ओर दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जानी चाहिए।बिस्तरों की व्यवस्था के लिए गांवों के लोगो की मदद एवं राशन सरकारी विक्रेताओं की ओर से दिया जाए इसके साथ ही मैडिकल किट की भी उचित व्यवस्था हो।उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल युद्व स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के उपचार के लिए कोविड केयर सैंटर खोलने की दिशा में प्रभावी कदम उठा देने चाहिए।उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत घरों एवं सरकारी स्कूलों का उपयोग किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इसमें ग्रामीणों का सहयोग भी सरकार द्वारा लिया जा सकता है। डॉ नेगी के मुताबिक कोरोनावायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में सरकार को अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को जहां और बेहतर करने की आवश्यकता है वहीं आमजनमानस की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित रखे।
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