देहरादून/ ऋषिकेश 14 मई । राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 2 पुष्ट और एक अपुष्ट मामला सामने आया है।देश और दुनिया में कोरोनावायरस के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। यह बीमारी उन मरीजों को ज्यादा हो रही है जिन्हें डायबिटीज है। यह बीमारी दिमाग, फेफड़े और त्वचा को प्रभावित कर रही है।
इसे म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण का नाम भी दिया गया है। इस बीच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 2 पुष्ट और एक अपुष्ट मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि देहरादून के एक निजी अस्पताल में इन मरीजों को एडमिट करवाया गया है। वहां इनका इलाज चल रहा है। अब तक सूत्रों द्वारा इस बात की जानकारी मिली है और इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। निजी अस्पताल के मुताबिक 2 मरीजों का इलाज किया जा रहा है जबकि एक मरीज अभी अस्पताल की इमरजेंसी में बैठा हुआ है। उसकी रिपोर्ट आना बाकी है। आगे जानिए इसके लक्षण-
ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के लक्षण-
आंख, नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होता है।
मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ निकलता है।
खून की उल्टी होने के साथ सिर दर्द और बुखार होता है।
मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है।
दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होने लगती है।
मरीज को चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है।
मरीजों को सीने में दर्द होता है।
इतना ही नहीं कई मरीजों को धुंधला दिखाई देता है।
-स्थिति बेहद खराब होने की स्थिति में मरीज बेहोश हो जाता है।
डॉक्टरों ने इसी के साथ अपने इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की सलाह दी है और अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल किया जाए और साथ में नियमित रूप से प्राणायाम और योग भी इस इंफेक्शन से बचाने में लाभदायक होते हैं।
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