नमामि गंगे के अधिकारियों की घौर लापरवाही पर महापौर ने मौका मुआयना कर फटकार लगाते हुए कहा हादसों का इंतजार ना करें



क्षेत्रवासियों की सूचना पर महापौर ने किया मौका मुआयना

हादसों का इंतजार ना करें अधिकारी-अनिता ममगाई

 

ऋषिकेश 16 जून- मायाकुंड क्षेत्र में नमामि गंगे द्वारा लगाए जा रहे सीवरेज स्टेशन प्लांट प्रोजेक्ट में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। प्रोजेक्ट को अधर में लटका कर अधिकारी 2 वर्ष से बीस फुट गहरा गड्ढा कर टालमटोल रवैय्या अपनाये हुए हैं। नतीजतन, समीपस्थ क्षेत्रों के मकानों में भी दरारें आनी शुरू हो गई। इस मामले को लेकर क्षेत्र वासियों ने गहरे आक्रोश का माहौल है ।

मामले की सूचना पर मौके पर पहुंची नगर निगम महापौर ने बारीकी से नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया ।इस दौरान घोर लापरवाही पर महापौर ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
बुधवार की सुबह क्षेत्रवासियों की शिकायत पर मौके पर पहुंची नगर निगम महापौर ने जब मौका मुआयना किया ।मौके पर घौर लापरवाही दिखने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। महापौर ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए 20 फुट गहरा गड्ढा किए जाने के बाद अधिकारी जिस तरह से कुम्भकर्णी नींद में हैं उससे साफ है कि किसी हादसे के बाद ही उनकी चिरनिंद्रा टूटेगी।

कल की बारिश की बाद क्षेत्रवासियों द्वारा उन्हें इस गंभीर समस्या के बाबत जानकारी दी गई थी। जिसका संज्ञान लेकर आज जब मौका मुआयना किया गया तो उन्होंने देखा अधिकारी कछुआ गति के साथ उस प्रोजेक्ट को फूल करने में लगे हुए हैं आलम यह है कि 2 वर्ष पूर्व खोजा गया गड्डा भी अधिकारी अब तक नहीं भरवा पाए हैं, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट के समीपस्थ क्षेत्रों के घरों में दरारें आनी शुरू हो गई है जो कि कभी भी एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

महापौर ने इस संदर्भ में अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अपनी कार्यशैली में सुधार कर तुरंत इस गड्डे को भरवायेंं।इस दौरान अधिशासी अभियंता ए के चतुर्वेदी (नमामि गंगे), पार्षद विजयलक्ष्मी, विजय बडोनी, विजेंद्र मोगा, राजपाल ठाकुर, रूपेश गुप्ता,संजय कुमार ,पवन गोयल ,सुनील कुमार , विरेंद्र बहुगुणा ,सुुशील कुमार ,एम एन ढोंढियाल,पंकज गुप्ता ,अमित गुप्ता , नवीन अग्रवाल, रणजीत सिंह राणा , दिनेश राणा आदि मोजूूद रहेे।

प्रखंड परिवहन महासंघ ने पर्यटन तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज से की मुलाकात



चार धाम यात्रा शीघ्र अति शीघ्र देशवासियों के लिए खोलने की मांग की

ऋषिकेश, 16 जून ।उत्तराखंड परिवहन महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के पर्यटन तीर्थाटन एवं सांस्कृतिक मंत्री सतपाल महाराज से उनके आवास पर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में महासंघ द्वारा प्रदेश की रीड चार धाम यात्रा शीघ्र अति शीघ्र समस्त देशवासियों के लिए खोलने की मांग की महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने पर्यटन मंत्री को अवगत कराया कि विगत 2 वर्ष से चार धाम यात्रा का संचालन न होने के कारण परिवहन व्यवसाई बहुत बुरे आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है यदि शीघ्र अति शीघ्र चार धाम यात्रा का संचालन नहीं होता है ।तो समस्त परिवहन एवं पर्यटन व्यवसाय भुखमरी के कगार पर आ जाएगा ।सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द चार धाम यात्रा का संचालन शुरू किया जाए ।

महासंघ द्वारा मंत्री को परिवहन व्यवसाई की समस्या से भी अवगत कराया, तथा उनसे निवेदन किया गया कि वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के दौरान वाहन स्वामियों का तत्कालीन सरकार ने 2 वर्ष का टैक्स माफ किया था। इसीलिए परिवहन व्यवसाय इस सरकार से भी अपेक्षा करते हैं, कि कोरोना के कारण आई आपदा को देखते हुए समस्त वाहन स्वामियों का 2 वर्ष का टैक्स और आयु सीमा विस्तार किया जाना अत्यंत आवश्यक है मंत्री जी द्वारा आश्वस्त किया गया है। कि कल होने वाली बैठक में उपरोक्त समस्त मांगों को रखा जाएगा और इस पर गंभीरता पूर्वक विचार कर हल निकाला जाएगा ।

प्रतिनिधि मंडल में निम्न लोग शामिल थे टीजीएमओ सी के उपाध्यक्ष यशपाल राणा संचालक बलवीर सिंह रौतेला यातायात एवं पर्यटन विकास सहकारी संघ के उपाध्यक्ष नवीन चंद रमोला संयुक्त रोटेशन के प्रभारी मदन कोठारी एवं ऋषिकेश डीलक्स टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमंत ढंग शामिल थे।

चार धाम यात्रा को लेकर उप जिलाधिकारी ने विभागों के अधिकारियों के साथ की बैठक



ऋषिकेश, 16 जून ।संभावित चार धाम यात्रा की तैयारी को लेकर उपजिलाधिकारी ने नगर निगम , व परिवहन व्यवसायीयों के साथ बैठक कर सभी संबंधित विभागो के साथ को व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने का निर्णय लिया।

बुधवार को तहसील परिसर में आयोजित जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा संभावित चार धाम यात्रा को लेकर संबंधित सभी विभागों साथ बैठक कर बस अड्डे के चारों और लगे अवैध खोखों के कारण बसों के आने जाने में हो रही परेशानी को देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों को पुनः व्यवस्थित किए जाने के निर्देश दिए ।

तो वहीं सड़कों के किनारे दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाए जाने के साथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बस अड्डे पर कार्यरत कोविड-19 के तहत आरटी पीसीआर के बूथ की संख्या बढ़ाए जाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया ।

वही नगर में स्वच्छता अभियान को और तेजी से चलाए जाने की बात भी की गई । जरा बैठक जिलाधिकारी के आदेश पर आयोजित की गई थी जिसमें नगर निगम ,स्वास्थ्य विभाग, आरटीओ विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

आईडीपीएल ऋषिकेश में बनेगा बायोडायवर्सिटी पार्क, इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, रिजार्ट, होटल, वैलनेस सेंटर, मिली स्वीकृति



दिल्ली/देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ  सिंह रावत का दिल्ली दौरा राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है ।जिसमें मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रह्लाद सिंह पटेल से मुलाकात कर आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना को स्वीकृति भी दे दी है।

दिल्ली में मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान आईडीपीएल ऋषिकेश में 600 एकङ में बायोडायवर्सिटी पार्क, इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, रिजार्ट, होटल, वैलनेस सेंटर बनाए जाने की प्रस्तावित योजना को 1 सप्ताह के अंदर परवान चढाने के लिए कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा ।

इस योजना को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के अनुरोध पर स्वीकृति दी गई है ।केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने राज्य सरकार के इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया।उन्होंने कहा कि आगे जाकर इसकी फंडिंग भारत सरकार द्वारा की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के अंतर्गत गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाए जाने के लिए डीपीआर भी भारत सरकार को भेजी गई है।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उक्त प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया। 

इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह तक प्रसाद योजना में 50 करोङ की स्वीकृति दे दी जाएगी। फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट अल्मोङा का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए जरूरी बजट तत्काल स्वीकृत किया जाएगा। इसी के साथ बैठक में नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा भी सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया गया है।

 

भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सह संयोजक ने तहसील में सड़ते राशन के लिए मुख्यमंत्री को मामले की जांच के लिए लिखा पत्र



ऋषिकेश 15 जून ।सोशल मीडिया में चल रही एक वीडियों का संज्ञान लेकर युवा मोर्चा के प्रदेश सह संयोजक प्रकांत कुमार ने मुख्यमंत्री को ई-मेल के जरिए ज्ञापन भेजा है, जिसमें प्रकांत कुमार ने जांच की मांग की है।

प्रकांत कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें यह बताया गया है कि ऋषिकेश तहसील के आधार कार्ड रूम में लाखों रूपए का राशन सड़ने की कगार पर आ गया है। बताया कि जहां सरकार एक तरफ इस महामारी में अपनी तत्परता दिखाते हुए आम जनमानस तक राशन व अन्य मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का हर भरसक प्रयास कर रही हैं, ऐसे में सड़ते राशन की यूं वीडियों का सामने आना चिंतनीय है।
प्रकांत कुमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित कर मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच की मांग की। ज्ञापन देने वालो में जिला उपाध्यक्ष अक्षय खैरवाल, राहुल शर्मा भी शामिल हैं।

हालांकि इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उक्त राशन पर सेनेटाइजेशन किया हुआ है जो कि जब उन्हें प्राप्त हुई थी उन पर पहले से ही सेनेटाइजेशन किया हुआ था, अतः उक्त सेनेटाइजेशन राशन को जिनमें खाद्य पदार्थ शामिल है जनता तक कैसे बांटा जाए इसके खानेेे  कोई भी व्यक्ति बीमार या अस्वस्थ हो सकता है ।

जमीनी विवाद में 2 सगे भाइयों की हुई सरेआम हत्या मे दरोगा का भाई बना आरोपी



रुद्रपुर, 15 जून । रुद्रपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में खेत की जमीन विवाद में दो पक्षों में गोलियां चल गयी हैं। रूद्रपुर की इस घटना में दो सगे भाईयों की मौत हो गई है। घटना कोतवाली क्षेत्र के प्रीत नगर की है। जहां खेत की जुताई करते समय मेड को लेकर दो पक्षो में विवाद हुआ था। इसी दौरान एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर फायरिंग कर दी। 5 राउंड फायरिंग में दो सगे भाईयों की मौत हो गई है। घटनास्थल पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

हत्यारोपित नैनीताल जनपद के काठगोदाम थाने में तैनात दरोगा का भाई बताया जा रहा है। घटना में गोली लगने से एक भाई की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना के बाद मृतकों के परिजन शव उठाने से पहले आरोपित की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़ गए, इससे तनाव बढ़ गया। तनाव को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया है। बाद में किसी तरह पुलिस दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी ला गई है। पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके से साक्ष्य जमा करने के लिए बुलाई गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम लंका मलसा निवासी अजीत सिंह और राकेश मिश्रा उर्फ पप्पू की बहन के खेत ग्राम प्रीतनगर में एक दूसरे से सटे हुए हैं। मंगलवार को अपराह्न करीब डेढ़ बजे अजीत सिंह के बेटे गुरकीर्तन सिंह (30) और गुरपेज सिंह (28) धान की रोपाई के लिए खेत तैयार कर रहे थे। उन्होंने राकेश मिश्रा की जमीन के बगल में मेड़ बना दी। इसी बीच राकेश मौके पर पहुंचा और मेड़ को अपने खेत की ओर देखकर बबूला हो गया। उसने अपनी जमीन की तरफ मेड़ बनाने का विरोध किया।

आक्रोशित राजेश घर गया और आकर देख लेने की धमकी दे दी। वापस लौटते ही वह अपने दो भतीजों के साथ हाथ में राइफल लेकर पहुंचा। उसने खेत में काम कर रहे गुरपेज को सड़क में बुलाकर ताबड़तोड़ गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर गुरकीर्तन सिंह मौके पर पहुंचा तो आरोपी ने उसे भी गोली मार दी। गुरकीर्तन की मौके पर मौत हो गई। जबकि गुरपेज ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर,  एसएसपी डीएस कुंवर, एसपी सिटी ममता बोहरा, एसपी क्राइम मिथिलेश सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गई है।

 

 

बिना मास्क के चालान काटने पर सत्ता के नशे में विधायक व उनके पुत्र ने पुलिस को दिखाई सत्ता की हनक



मसूरी 15 जून। सत्ता का नशा किस कदर से सत्ता में बैठे लोगों पर चढ़ा़ रहता है इसकी बानगी आए दिन देखने को मिलती रहती है, इसी कड़ी में एक मामला प्रकाश में आया है,बताते चलें  बीते सोमवार रात्रि को मसूरी में खादी का खाकी से टकराव देखने को मिला,जिसमे खादी कैसे खाकी पर रौब गालिब करती नजर आईं।

हुआ कुछ यू कि रुड़की से भाजपा के विधायक प्रदीप बत्रा अपने परिवार सहित मसूरी में घूमने पहुंचे, जहा उनका सामना मसूरी पुलिस से हुआ वो भी कोरोना नियम के उलंघन को लेकर।

दरअसल विधायक महोदय बिना मास्क के मसूरी के माल रोड पर घूम रहे थे ,तभी वहा मस्तैद पुलिस ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए उन्हें टोका और बिना मास्क के घूमने पर चालान की कार्यवाही करने लगी। चालान कटते देख विधायक जी उखड़ पड़े और लगे खाकी से उलझने।बस फिर क्या इस गहमा गहमी में उनका साथ उनका पुत्र भी देने लगा।वह भी तैनात दरोगा जी से तू तू मैं मैं करने लगा।

सी पी यू के दरोगा विधायक जी को समझाते रहे मगर सत्ता के नशे का रंग ही उन पर कुछ इस क़दर था कि विधायक महोदय यह भूल गए कि कानून बनाने वाले ही जब कानून तोड़ेंगे तो फिर क्या होगा? विधायक अगर इतने पर भी रह गए होते तो बात अलग होती मगर जब चालान कट गया तो विधायक महोदय ने जेब से 500 रूपे का नोट निकालकर चालानबुक पर फैंककर दिया,जिस पर सीपीयू दरोगा ने उनके इस व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए इस बीच उनकी पत्नी ने स्थिति संभाली और फिर विधायक जी  और पुत्र को गाड़ी में बैठ वहा से रवाना हो लिए।

 

शहर में हो रही अव्यवस्थाओं के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम मेयर के खिलाफ किया प्रदर्शन



हरिद्वार 15 जून। आज भाजपा युवा मोर्चा द्वारा शहर में हो रही गंदगी और  अव्यवस्थाओं के खिलाफ शहर की नगर निगम महापौर के खिलाफ अपना रोष जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा सप्त ऋषि मंडल के मंडल अध्यक्ष चंद्रकांत पांडे के नेतृत्व में सफाई व्यवस्था को लेकर राठी चौक पर मेयर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शन कर रहे युवाओं को संबोधित करते हुए मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, महामंत्री तरुण नैयर ने कहा कि हरिद्वार में सफाई व्यवस्था लचर हो गई है। जगह-जगह अंधेरा पसरा रहता है। लाईट नहीं है। नाले साफ सफाई की व्यवस्था लचर हो रखी है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेयर पति अशोक शर्मा केवल नौटंकी दिखा रहे हैं। धरातल पर कुछ भी ऐसा काम अब तक इनके द्वारा नहीं किया गया है। युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष चंद्रकांत पांडे ने कहा कि जब से नगर निगम में उषा ब्रेको का घोटाला हुआ है तब से अब तक हरिद्वार की मेयर शहर से नदारद हैं। उन्होंने कहाकि हरिद्वार धर्मनगरी के नाम से जाना जाता है। इस कोरोनाकाल में हरिद्वार की जनता पहले से ही बीमारियों से जूझ रही है। डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सफाई व्यवस्था कहीं भी किसी वार्ड में नहीं हो रही है। नाले गंदगी से भरे पड़े हैं। शहर में पथ प्रकाश की व्यवस्था की कमी है। जिस पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अगर इसी प्रकार से हरिद्वार की मेयर आंख मूंदकर बैठी रही तो युवा मोर्चा द्वारा आज चेतावनी के रूप में यह प्रदर्शन किया गया है, जल्द ही मेयर के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। मंडल उपाध्यक्ष दिनेश पांडे ने कहा कि अगर नगर निगम मेयर से नहीं संभलता है तो अपना इस्तीफा दें देना चाहिए। उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रदर्शन करने वालों में दिनेश पांडे मीडिया प्रभारी विकल राठी, गौरव भारद्वाज ,श्रेय शास्त्री, रजत चैहान विदेश चैहान, इष्ट देव सोनी, अनमोल वर्मा, ऋषि चैहान, मुकुल गिरी, गोकुल डबराल ,संजू बाबा, रूपेश बंसल, दत्ता, सन्नी गिरी, मोंटी कंडारी ,रोशन भारद्वाज, अविनाश सिंह ,सतनाम कुमार, विक्की अरोड़ा, आदि भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

40 करोड़ की जैफ-6 परियोजना का हुआ शुभारंभ, महिला प्रेरक सहित अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का बढ़ा मानदेय



देहरादून 15जून । उत्तराखंड के दो प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों कार्बेट और राजा जी के समीपवर्ती चयनित राजस्व ग्रामों के समग्र विकास हेतु मंगलवार को जलागम एवं सिंचाई मंत्री  सतपाल महाराज ने जलागम प्रबंधन निदेशालय द्वारा प्रारंभ की जा रही लगभग 40 करोड़ की जैफ-6 परियोजना का शुभारंभ किया।

प्रदेश के जलागम प्रबंधन एवं सिंचाई मंत्री  सतपाल महाराज ने मंगलवार को इंदिरा नगर स्थित
जलागम प्रबंधन निदेशालय के सभागार में जीईएफ पोषित ग्रीन एग्रीकल्चर परियोजना की इंसेप्शन कार्यशाला का शुभारंभ करने के साथ-साथ राज्य में सामुदायिक सहभागिता से जलागम विकास की अवधारणा पर कृषि क्षेत्र के आमूलचूल सुधार हेतु एफ.ए.ओ. के माध्यम से अनुदान द्वारा संचालित होने वाली लगभग 40 करोड़ की परियोजना का भी शुभारंभ किया।

जलागम प्रबंधन मंत्री  सतपाल महाराज ने जैफ-6 परियोजना की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ-साथ जलागम प्रबंधन निदेशालय के अधिकारियों की उपस्थिति मंगलवार को जलागम प्रबंधन निदेशालय में आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से यह परियोजना उत्तराखंड के दो प्रमुख कॉर्बेट और राजा जी राष्ट्रीय उद्यानों के भू परिदृश्य क्षेत्र में समीपवर्ती गांव के समग्र विकास के लक्ष्य को लेकर नियोजित की गई है उससे मुझे पूर्ण विश्वास है कि परियोजना के माध्यम से चयनित राजस्व ग्रामों में जल संरक्षण संवर्धन और कृषि जैव विविधता संबंधी कार्यों के अलावा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन संबंधी जो गतिविधियां की जाएगी निश्चित रूप से उससे वहां के ग्राम वासियों को लाभ मिल सकेगा।

महाराज ने कहा कि जैफ-परियोजना में स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर विकसित करने की दिशा में भी काम होगा। साथ ही संरक्षित वन्य जीव क्षेत्रों के समीप होने के कारण परियोजना के गांव में इको टूरिज्म की संभावनाएं भी अवश्य होगी, उन्होंने आशा व्यक्त की, कि परियोजना के माध्यम से क्षेत्र में इको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने के लिए अध्ययन किया जाएगा। श्री महाराज ने इको टूरिज्म के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने की दिशा में परियोजना के माध्यम से गतिविधियां संचालित किये जाने का भरोसा दिलाया।

जलागम प्रबंधन मंत्री  महाराज ने एफ. ए.ओ. एवं जैफ के सभी प्रतिनिधियों तथा जलागम प्रबंधन निदेशालय के अधिकारी कर्मचारियों और परियोजना क्षेत्रवासियों को जैफ परियोजना के शुभारंभ पर बधाई देते हुए बताया कि परियोजना के अंतर्गत चयनित राजस्व ग्रामों में जलवायु परिवर्तन, न्यूनीकरण, कृषि क्षेत्र सुधार जैव विविधता संरक्षण, मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम, समन्वय गतिविधियां, समुदाय विकास तथा संवर्धन मूल्य विकास के साथ साथ सतत भूमि एवं वन प्रबंधन गतिविधियां की जाएगी। उन्होंने बताया कि यद्यपि कोविड-19 महामारी के कारण परियोजना प्रारंभ होने में लगभग 1 वर्ष से अधिक का विलंब हुआ है, लेकिन अब 7 वर्षीय यह परियोजना 31 मार्च 2026 तक पूर्ण हो सकेगी। जलागम मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि जलागम विभाग के अंतर्गत कार्यरत महिला प्रेरक जिन्हें पूर्व में ₹2000 की धनराशि मिलता थी उसे बढ़ाकर ₹2500 कर दिया गया है जबकि लेखा सहायक को 4000 से बढ़ाकर 4500, प्रोजेक्ट एसोसिएट 20,000 से बढ़ाकर 25,000, एमआईएस एक्सपर्ट को मिलने वाली राशि 20,000 से बढ़ाकर 25,000 कर दी गई है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए  मनीषा पंवार एसीएस, चेयरपर्सन, एसपीएससी ने कार्यशाला में बताया कि जलागम प्रबंधन निदेशालय द्वारा पूर्व की भांति इस परियोजना को भी जलागम की धारणा के अनुरूप ही संचालित किया जाएगा। इस संदर्भ में उन्होंने जैफ के भारतीय प्रतिनिधि रोमियों सैकिरी का आभार जताते हुए बताया कि उनके प्रयासों से ही इस परियोजना के लिए उत्तराखंड राज्य का चयन किया गया है।जैफ-एफ.ए.ओ. के उप भारतीय प्रतिनिधि  कोडा रेड्डी ने बताया कि यह परियोजना भारत के 5 राज्यों में संचालित हो रही है। परियोजना निदेशक  नीना ग्रेवाल ने परियोजना की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखते हुए जैविक खेती द्वारा पारंपरिक फसलों की उत्पादकता को कैसे बढ़ाया जाए, ऐसे नवाचार एवं अध्ययन परियोजना के द्वारा किए जाएंगे।
परियोजना शुभारंभ कार्यशाला में जलागम प्रबंधन निदेशालय के उप परियोजना निदेशक, डा. डीएस रावत, डा. एस.के.सिंह, डा. आर.पी. सिंह, डा. आर.सी. तिवारी, डा. विकास वत्स जैव विविधता विशेषज्ञ,  सनातन अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एस.एल.एन.ए.  बी. पी. मुख्य वित्त अधिकारी, जलागम प्रबंधन निदेशालय,  प्रमेश खंडूरी जी. आई. एस. विशेषण के लिए प्रतिभाग किया। अंत में डा. जे. सी. पाण्डेय, राज्य समन्वयक विशेषज्ञ ने सभी उपस्थित अतिथियों का परियोजना शुभारंभ कार्यशाला में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया।

एम्स में नशे के रोगियों को मिल सकेगा, उच्चस्तरीय उपचार



एम्स में शुरू हुआ ए. टी. एफ., मरीजों को उपचार के साथ दवा भी मिलेगी, निशुल्क
ऋषिकेश,15 जून ।भारत देश के साथ पूरी दुनिया में भी बहुत से लोग नशे की बीमारी से ग्रसित हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष-2019 में किए गए एक शोध में यह पाया गया कि उत्तराखंड में तम्बाकू के अलावा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले नशे के प्रकारों में शराब, कैनाबिस उत्पाद (भांग/गांजा/चरस), ओपिऑइड्स (स्मैक/हेरोइन/कोकेन/ डोडा आदि ) व इन्हेलन्ट्स भी प्रमुखरूप से शामिल है।

इस सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार का नशा करने वाले मौजूदा पुरुष उपभोगकर्ताओं की संख्या शराब से 38.1 प्रतिशत, कैनाबिस उत्पाद से 1.4 प्रतिशत, ओपिऑइड्स से 0.8 प्रतिशत और इन्हेलन्ट्स का इस्तेमाल करने वाले 10 से 17 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 1.7 फीसदी है। देशभर में हर पांच में से एक व्यक्ति शराब और हर 11 में से एक व्यक्ति कैनाबिस नशे का रोगी है, जिन्हें तत्काल उपचार की नितांत आवश्यकता है।

इसके अलावा लगभग 77 लाख भारतियों को ओपिऑइड्स नशे के लिए शीघ्र इलाज शुरू करने की जरुरत है। आजकल देखा गया है कि वयस्क लोग ही नहीं बल्कि बच्चे भी नशे के रोगी बनते जा रहे हैं।
इसकी एक अहम वजह है लोगों के जीवन में स्ट्रेस बहुत बढ़ गया है। कोरोना पान्डेमिक के चलते भी इस स्ट्रेस में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है।

ऐसे लोगों में आम धारणा बन गई है कि नशा करना स्ट्रेस से जूझने और निपटने का एक आसान तरीका है, मगर यह स्ट्रेस को कम अथवा समाप्त करने का सबसे गलत तरीका है। नशे की शुरुआत आमतौर पर खुद व्यक्ति की इच्छा से, प्रयोग करने की उत्सुकता, दोस्तों के दबाव, पारिवारिक परेशानियों, काम का स्ट्रेस व अन्य परेशानियों से होने की वजह से होती है। मगर एक बार इससे ग्रसित होने पर यह नशे का रोग बन जाता है। नशे की बीमारी केवल एक आदत, इच्छाशक्ति में कमी या कमज़ोरी का कम होना नहीं बल्कि एक काम्प्लेक्स तरीके की दिमागी बीमारी है।

नशे से व्यक्ति के दिमाग में अस्थायी एवं स्थायी बायोकैमिकल बदलाव आते हैं, जिसके लिए इलाज की जरुरत पड़ती है।नशा ग्रस्त व्यक्ति का दिमाग उसका साथ नहीं दे पाता अथवा वह इस नशे की बीमारी से अपने आप कभी भी बाहर नहीं आ पाता। नशे के रोग से बहुत से लोगों का घर- परिवार खराब हो जाता है और प्रतिवर्ष लाखों लोग अपने जीवन से हाथ धो बैठते हैं। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति के आर्थिक, सामाजिक जीवन व रोजमर्रा की जिंदगी पर भी इसका बहुत हद तक दुष्प्रभाव पड़ता है। एम्स संस्थान में निदेशक रवि कांत के निर्देशन में शुरू की गई एटीएफ सर्विस ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है और वह फिर से मुख्यधारा से जुड़कर अपने अमूल्य जीवन को संवार सकते हैं।

एम्स निदेशक रवि कांत ने बताया कि रोगियों को नशे की समस्याओं से दूर करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (ए.टी.एफ.) की शुरुआत की है, जिसमें नशावृत्ति के शिकार रोगियों को परामर्श व उपचार की सभी प्रकार उच्चस्तरीय सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि संस्थान में इस सुविधा को ए.टी.एफ. एन. डी. डी.टी.सी. एम्स दिल्ली द्वारा समन्वित तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सहायता से शुरू किया गया है। इस सेवा के शुरू किए जाने का उद्देश्य प्रदेश में नशे से ग्रस्त रोगियों को मुफ्त एवं उच्चस्तरीय उपचार मुहैय्या कराना है।

संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ए.टी.एफ. के नोडल ऑफिसर डा. विशाल धीमान जी ने बताया कि एम्स में संचालित ए.टी.एफ के तहत, ओपीडी OPD और एडमिशन (IPD) दोनों तरह से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में सभी मरीजों के लिए बिस्तर की सुविधा, सभी प्रकार की आवश्यक दवाएं, अत्याधुनिक उपचार प्रणाली निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ ही रोगियों की काउंसलिंग भी की जाएगी। जिसमें उन्हें नशे की तलब को कंट्रोल करने की अलग-अलग तकनीकें बताई जाएंगी, साथ ही रोगियों की मोटिवेशनल इंटरव्यूइंग भी की जायेगी।