राष्ट्रपति के दौरे पर बीमार महिला की गाड़ी रोकने से हुई मौत, पुलिस ने मांगी माफी



कानपुर 26 जून । राष्ट्रपति कोविंद की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई है. राज्य सरकार ने कानपुर शहर में गंभीर रूप से बीमार महिला वंदना मिश्रा की मौत पर माफी मांगी है. राष्ट्रपति के कानपुर यात्रा के दौरान शुक्रवार की रात उसे और उसके परिवार को कथित तौर पर यातायात प्रतिबंध में रोक दिया गया था. इस वजह से महिला समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी।
मरने वाली 50 वर्षीय महिला वंदना मिश्रा इंडियन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के कानपुर चैप्टर की महिला विंग की मुखिया थीं. बीमार पड़ने और गंभीर लक्षण विकसित होने के बाद उनके परिवार ने उन्हें कल रात एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. मिश्रा हाल ही में कोविड से रिकवर हुई थीं.
मिश्रा की हालत बिगड़ने पर उनका परिवार दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराने निकला था, तभी कानपुर में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का आगमन हुआ. राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उसी रास्ते पर यातायात रोक दिया था जिस मार्ग पर वंदना मिश्रा का परिवार उन्हें अस्पताल ले जा रहा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्थिति के कारण ट्रैफिक जाम लग गया और महिला को अस्पताल पहुंचने में अत्यधिक देरी हुई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
राष्ट्रपति कोविंद उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और  (शुक्रवार) रात ट्रेन से कानपुर पहुंचे थे. उनका पैतृक गांव पड़ोसी ‘कानपुर देहात’ जिले के अंतर्गत आता है।

कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इस घटना पर दुख जताया है और ट्वीट कर माफी मांगी है. उन्होंने लिखा है, “आईआईए की अध्यक्षा बहन वन्दना मिश्रा जी के निधन के लिए कानपुर नगर पुलिस और व्यक्तिगत रूप से मैं क्षमा प्रार्थी हूं. भविष्य के लिए यह बड़ा सबक है. हम प्रण करते हैं कि हमारी रूट व्यवस्था ऐसी होगी कि न्यूनतम समय के लिए नागरिकों को रोका जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

मोदी योगी की मुलाकात से यूपी के दो टुकड़े ओर पश्चिम के कुछ जिलों को उत्तराखंड में मिलाने की अटकलें जोर पर



नई दिल्ली/देहरादून 12 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज हुई मुलाकात वैसे तो अगले साल होने वाले चुनाव का एजेंडा सेट करने को लेकर ही थी. लेकिन इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में एक अटकल यह भी लगाई जा रही है कि क्या यूपी को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी है?

या यूपी के कुछ पश्चिमी हिस्सों को उत्तराखंड मेंं भी मिलाया जा सकता है जिसमेंंंं बिजनौर व सहारनपुर जैसेेेेेे जिले भी शामिल हो सकते हैं   हालाकि अभी यह कहना  मुश्किल है। लेकिन इन अटकलों के मुताबिक मोदी सरकार मौजूदा प्रदेश से पूर्वांचल वाले हिस्से को अलग करके नया राज्य बनाने की  भी सोच रही है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि चुनाव से पहले ऐसा करने से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या योगी आदित्यनाथ इसके लिए आसानी से तैयार हो जायेंगे?

लेकिन इतना तय है कि इस बार बीजेपी पहले से भी ज्यादा ताकतवर होकर सत्ता में वापसी करने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों की मानें, तो कमोबेश 2017 वाला फार्मूला ही अपनाया जायेगा. लेकिन साथ ही, राम मंदिर के साथ-साथ आरक्षण की राजनीति पर भी इस बार उसका फोकस रहेगा यानी कमंडल व मंडल उसके एजेंडा में प्रमुख होंगे।

यही वजह है कि सामाजिक समीकरण साधने के लिए छोटे दलों के नेताओं के साथ मुलाकातों का दौर चल रहा है. उसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने कल अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल और निषाद दल के नेता संजय निषाद से मुलाकात कर आगे की संभावनाओं पर चर्चा की.