गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा ऋषिकेश प्रबंधक कमेटी के प्रधान चुनने को लेकर हुई मारा पीटी, पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप,  संस्था के द्वारा आखिरकार चुना गया सरदार गोविंद सिंह को प्रबंधक कमेटी के प्रधान,  



ऋषिकेश 17 फरवरी। ऋषिकेश में रेलवे रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा मे कमेटी के प्रधान को लेकर हुऐ विवाद के बावजूद आखिरकार सरदार गोविंद सिंह को गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रबंधक कमेटी के प्रधान के तौर पर चुन लिया गया है।

बताते चलें की सन 2020-21 से लगातार गोविंद सिंह जी गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रबंधक कमेटी के प्रधान के रूप में रहते आए हैं।

जबकी संस्था के कुछ सदस्यों सरदार गुरमेल सिंह के पक्ष में  बलवंत सिंह, सरदार बूटा सिंह, जग्गा सिंह, भानु प्रताप सिंह,गुरमेद सिंह जस्सल का यह भी कहना है कि हर 3 साल में चुनाव की प्रक्रिया होती है । जिसके तहत सभी सार संगत द्वारा सरदार गुरमेल सिंह को चुना गया है।  उनका यह आरोप था कि पूर्व से प्रधान पति के रूप में सरदार गोविंद सिंह के द्वारा गुरुद्वारा का कोई भी हिसाब किताब नहीं दिया जाता है और उनके द्वारा पक्षपात व्यवहार भी किया जाता है ।   

तथा उनके द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि गुरुद्वारे की आय  व्यय के खर्चे को लेकर गुरूद्वारा सिंह सभा पर 25 से 30 लाख रुपए के हानि भी दिखाई गई है।

अतः सरदार गुरमेल सिंह को 14 दिसंबर  2023 को सभी  सार संगत द्वारा गुरुद्वारा सिंह सभा का प्रबंधक कमेटी के प्रधान  के रूप में चुन लिया जाता है जिनका कार्यकाल 1 जनवरी 2024 से शुरू किया जाता है। जिसमे सरदार गुरमेल सिंह के पक्ष में  बलवंत सिंह, सरदार बूटा सिंह, जग्गा सिंह, भानु प्रताप सिंह,गुरमेद सिंह जस्सल, अमरजीत सिंह काफी संख्या में लोगों ने रजिस्टर में हस्ताक्षर की सहमति से चुना गया था।

परंतु सरदार गोविंद सिंह के पक्ष में हुई सार संगत द्वारा 4 जनवरी 2024 को सरदार गोविंद सिंह को पुनः नया प्रबंधक कमेटी के प्रधान के रूप में चुन लिया जाता है जिसके अंतर्गत गुरुद्वारा सिंह सभा के लॉकर को हैंड  ओवर करने पर 15 फरवरी 2024 को नगर के गणमान्य लोगों के द्वारा बैठक रखी गई, जिस पर लॉकर के ताले को खुलवाने को लेकर सहमति बनाने की कोशिश की गई परंतु उसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया जिस पर पुलिस को भी बुलाना पड़ा ।

 इसके उपरांत 17 फरवरी 2024 को गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा ऋषिकेश में आम पब्लिक व सार संगत की बैठक हुई जिस बैठक में शहर के प्रतिष्ठित और गण मान्य नागरिक सम्मिलित हुए।

परंतु बैठक के दौरान दोनों पक्ष में प्रधान  को चुनने के लिए विवाद उत्पन्न हो गया जिसमें दोनों पक्ष की ओर से महिलाएं द्वारा हाथापाई भी हो गई जिसको लेकर गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य सरदार परमजीत सिंह की पत्नि राजेंद्र कोर ढंग और मोनिका ने आरोप लगाया कि सरदार बूटा सिंह की पत्नी परमजीत कौर ने उनके ऊपर हाथ उठाया। जिसको लेकर पुलिस द्वारा दो लोगों के खिलाफ नाम जब रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।  पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस को बुलाना पड़ा तथा पुलिस की हस्तक्षेप से माहौल को शांत किया गया।

 पूरे घटनाक्रम के बावजूद सभी संगत ने सर्व समिति से सरदार गोविंद सिंह को गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा ऋषिकेश का प्रधान चुना गया और उससे पहले की किसी भी प्रबंधक कमेटी को सर्वसम्मति से निरस्त व खारिज कर दिया गया ।

 उक्त आमसभा में  गोविंद सिंह के पक्ष में बिशन खन्ना , भगतराम कोठरी, सूरज गुलाटी, सतबीर तोमर, हरीश अरोड़ा, अशोक अग्रवाल ,दिनेश कोठारी, संदीप मल्होत्रा, गोपाल नारंग, सरदार मंगा सिंह, सरदार निर्मल सिंह, सरदार परमजीत सिंह, हरदेव पनेसर, अमरजीत सिंह नीलम खुराना, के के लांबा , योगेश कालरा,भारत भूषण, अशोक अग्रवाल  एवं सुभाष कोहली,  नीलम खुराना इत्यादि मौजूद थे।