विश्व प्रसिद्ध द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ हुआ यात्रा वर्ष 2023 का समापन रिकार्ड तीर्थयात्री पहुंचे बदरी- केदार सहित चारधाम। तृतीय केदार तुंगनाथ एवं द्वितीय केदार मदमहेश्वर पहुंचे बड़ी संख्या में तीर्थयात्री



देहरादून : 22 नवंबर। पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा वर्ष 2023 का सफल समापन हो गया है।

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की प्रेरणा-मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि बीच के वर्षों में कोविड के कारण यात्रा बाधित हो गई थी। इस कारण प्रदेश में निराशा का वातावरण भी बन गया था। मगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लगातार प्रयासों के बाद चारधाम यात्रा को लेकर उत्साह का माहौल बना और यात्रा ने पुराने सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए।श्री हेमकुंट साहिब सहित चारधाम यात्रा में वर्ष 2023 में करीब 56 लाख तीर्थयात्री धामों में दर्शन पहुंचे है,जो कि पिछले वर्ष से 10 लाख अधिक हैं।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने बताया कि श्री केदारनाथ 19 लाख 61 हजार, श्री बदरीनाथ धाम 18 लाख 41 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने चारधाम यात्रा के संपन्न होने पर यात्रा व्यव्स्था से जुड़े तमाम विभागों, एजेंसियों के अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार भी व्यक्त किया और कहा कि विपरित भौगोलिक परिस्थितियों व जलवायु के बाबजूद यात्रा व्यव्स्था से जुड़े कार्मिकों ने श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम व सरल बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के क्रम में शीतकालीन धार्मिक यात्रा को बड़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

एतिहासिक व पौराणिक महत्व के तीर्थ स्थलों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। ताकि शीतकाल में श्रद्धालु इन स्थलों की यात्रा कर सकें।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु विधि-विधान से हुए बंद,स्थानीय लोकनृत्य एव भजनों का हुआ आयोजन, ऐतिहासिक रही है इस बार बदरी- केदार यात्रा: अजेंद्र अजय, बीकेटीसी अध्यक्ष



श्री बदरीनाथ धाम:18 नवंबर। विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में आज शनिवार अपराह्न तीन बजकर तैतीस मिनट पर पूजा- अर्चना पश्चात कार्तिक शुक्ल षष्ठी श्रवण नक्षत्र में शीतकाल हेतु बंद हो गये है। कुछ दिन पहले हुई बर्फवारी के बाद कपाट बंद होने के दौरान आज मौसम साफ रहा दिन में धूप खिली रही यद्यपि दूर चौटियों पर बर्फ साफ देखी जा सकती है।

कपाट बंद के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था तथा सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्काउट के बैंड की भक्तिमय धुनों से संपूर्ण बदरीनाथ गुंजायमान हो रहा था‌। जय बदरीविशाल के उदघोष गूंज रहे थे।कपाट बंद के समय साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुजन तीर्थयात्री कपाट बंद होने के साक्षी बने। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेष ने मंदिर को फूलों से सजाया।

इस अवसर पर दानीदाताओं,भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये।कपाट बंद के पश्चात बदरीनाथ से रविवार 19 नवंबर प्रात: श्री उद्धव जी,श्री कुबेर जी की देव डोली पांडुकेश्वर तथा आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी।कपाट बंद होने के शुभ अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति(बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा- निर्देशन में इस यात्रा वर्ष बदरीनाथ- केदारनाथ यात्रा ऐतिहासिक रही है। इस बार सबसे अधिक अड़तीस लाख रिकार्ड तीर्थयात्री बदरी- केदार पहुंचे है।जिनमें से आज कपाट बंद तक अठारह लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है।

उन्होंने यात्रा में योगदान करने वाले सभी व्यक्तियों, संस्थानों को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय 15 नवंबर केदारनाथ के कपाट बंद के कार्यक्रम के बाद श्री बदरीनाथ कपाट बंद की तैयारियों हेतु श्री बदरीनाथ धाम‌ पुंहंच गये थे।

मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिह ने बताया कि कपाट खुलने की तिथि से 17 नवंबर शुक्रवार देर रात तक 18 लाख 36 हजार 5 19 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है जोकि पिछले सभी यात्रा वषों में सबसे अधिक हैकपाट बंद होने की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो गयी थी इस दिन श्री गणेश जी के कपाट बंद हुए, 15 नवंबर को आदि केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए, 16नवंबर को खडगपुस्तक पूजन तथा 17 नवंबर को महालक्ष्मी जी की पूजा कढाई भोग संपन्न हुआ 18 नवंबर रोज की तरह प्रात: महाभिषेक के बाद बालभोग लगा दिन में 11 बजे राजभोग लगा उसके बाद मंदिर बंद नहीं हुआ, पोने एक बजे अपराह्न शायंकालीन पूजा शुरू हुई। पौने दो बजे रावल जी ने स्त्री रूप धारण कर लक्ष्मी जी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान किया। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी मंदिर प्रांगण में विराजमान हुए। सवा दो बजे शायंकालीन भोग तथा शयन आरती संपन्न हुई। ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक रावल द्वारा कपाट बंद की रस्म पूरी करते हुए भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंडल द्वारा हाथ से बुना गया ऊंन का घृत कंबल औढा़या। तीन बजकर तैतीस मिनट पर श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह तथा मुख्य सिंह द्वार के कपाट रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी द्वारा शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।

रावल जी के साथ बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय तथा साधु संत मंदिर की परिक्रमा के पश्चात विपरीत कदमों से मंदिर सिंह द्रार से बाहर आये इस दौरान माहौल भावुक हो उठा। इसी के साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव चले गये।

इस दौरान बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेद पाठी रविंद्र भट्ट द्वारा रावल के साथ पूजा- अर्चना संपन्न की गयी।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर को बदरीनाथ में प्रवास के बाद 19 नवंबर प्रात: श्री उद्धव जी योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा श्री कुबेर जी की देवडोली ने कुबेर मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान किया।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम रावल के साथ आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी ने श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान किया। 19 नवंबर को आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। श्री उद्धव जी तथा कुबेर जी पांडुकेश्वर में शीतकाल में प्रवास करेंगे जबकि 20 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी रावल जी के साथ जोशीमठस्थित श्री नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। आदि गुरू शंकराचार्य गद्दी स्थल श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो जायेगी इसी के साथ इस वर्ष श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन होगा तथा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार,मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, सदस्य आशुतोष डिमरी, सुभाष डिमरी, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी/ डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी,,प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, थाना प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिजल्वाण,एई गिरीश देवली मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ आदि मौजूद रहे।

श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रहें साथ 



रुद्रप्रयाग/श्री बदरीनाथ धाम: 8 नवंबर। महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू आज भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंची बदरीनाथ आर्मी हैलीपेड में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एवं श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने राष्ट्रपति की अगवानी की।

राष्ट्रपति ने आज बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये। वेदपाठ विशेष पूजा संपन्न की।
उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।
दर्शन के पश्चात मुख्यमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह , मोजपत्र में लिखी भगवान बदरीविशाल की आरती भी भेंट की।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने महामहिम राष्ट्रपति को भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।
इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सहित मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना,उप महानिरीक्षक पुलिस गढ़वाल केएस नगन्याल एसपी रेखा यादव सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी/ डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, विपुल डिमरी एई गिरीश देवली,टीओ राजेंद्र चौहान,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित मंदिर समिति अधिकारीगण मौजूद रहे।
पूर्वाह्न 11.30 राष्ट्रपति श्रीनगर (गढ़वाल)के लिए प्रस्थान हुए जहां हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेगी।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद होने की तारीख हुई निश्चित, पढ़िए कब होंगे कपाट बंद   कपाट बंद होने तक सुचारू रहेगी यात्रा: अजेंद्र अजय, बीकेटीसी अध्यक्ष 



श्री बदरीनाथ धाम: 24 अक्टूबर। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 18 नवंबर को शायंकाल 3 बजकर तैतीस मिनट पर बंद हो जायेंगे।

आज मंगलवार विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की।

इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यो ने स्वास्तिवाचन किया अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा विजय दशमी की शुभकामनाएं दी।कहा कि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा सुचारू ढ़ग से संचालित होगी।

अपने जारी बयान में मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बदरी- केदार यात्रा में रिकार्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं।

कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य वीरेंद्र असवाल एवं भास्कर डिमरी प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, स्वामी मुकुंदानंद महाराज, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, भूपेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, बाबा उदय सिंह, पीतांबर मोल्फा, विनोद डिमरी, सुधाकर बाबुलकर अनसुया नौटियाल, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे। आज ही नये यात्रा वर्ष भंडार व्यवस्था हेतु पगड़ी भेंट कर जिम्मेदारी दी गयी।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की। राम सिंह भंडारी,मोहन प्रसाद भट्ट,निश्चय मेहता, अविनाश पंवार को पगड़ी भेंट हुई। इस अवसर पर अपने संबोधन में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बदरीनाथ धाम की सफल यात्रा हेतु सभी विभागों, पुलिस, प्रशासन, सेना आईटीबीपी, हक-हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों, तीर्थयात्रियों का आभार जताया।

उल्लेखनीय है कि कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रात: श्री उद्वव‌जी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाये शुरू हो जायेगी 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर दिन‌ में आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंगे , 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा चौथे दिन 17 नवंबर को लक्ष्मी जी को कढाई भोग तथा पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे उसके पश्चात शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद हो जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर15 नवंबर को दोपहर को बंद हो जायेंगे जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट 1 नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिये जायेंगे।

 

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्री बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया



श्री बदरीनाथ धाम: 11 अक्टूबर। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज श्री बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया।तथा अधिकारियों- कर्मचारियों को पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के भी निर्देश दिए।

बीकेटीसी अध्यक्ष श्री केदारनाथ धाम से आज श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।बदरीनाथ पहुंचने के बाद उन्होने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये तत्पश्चात अधिकारियों की बैठक ली। बताया कि मंगलवार तक 1537740( पंद्रह लाख सैंतीस हजार सात सौ चालीस) तीर्थयात्री भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंच गये है।

उन्होने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में सामूहिक प्रयासों से चारधाम यात्रा का सफल संचालन हो रहा है‌‌।

बैठक के बाद उन्होंने संत कुटीर तक मातामूर्ति मंदिर मार्ग स्थिति दर्शन पंक्ति का निरीक्षण किया। तीर्थयात्रियों से उनकी समस्यायें सुनी तथा सुझाव भी मांगे।
दर्शन पंक्ति मार्ग पर साफ- सफाई व्यवस्थाएं अधिक दुरस्त करने के निर्देश दिए।वीआईपी काउंटर में हैली तथा प्रोटोकॉल द्वारा आनेवाले तीर्थयात्रियों का विवरण जाना। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार पर किये जा रहे मरम्मत कार्यों का भी अवलोकन किया।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर, मंदिर गर्भ गृह में दर्शन व्यवस्था को करीब से देखा निर्देश दिये कि किसी भी यात्री को दर्शनों में परेशानी न हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित रहे तथा “अतिथि देवो भव:” की भावना बनी रहे।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने मंदिर तोषाखाना( भंडार गृह) के स्टाक रजिस्टर की भी पड़ताल की तो पूजा काउंटर का भी निरीक्षण किया।
इसके पश्चात उन्होंने मंदिर समिति कार्यालय तथा खजाना कक्ष का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने सभी अधिकारियों कर्मचारियों को पूर्ण मनोयोग से कार्य करने की ताकीद की।
इस दौरान बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, अजीत भंडारी आदि भी मौजूद रहे।

श्री बदरीनाथ धाम में योगी आदित्यनाथ, बॉर्डर पर तैनात सैनिकों की हौसला अफजाई के लिए पहुंचे भारत- तिब्बत सीमा माणा  बार्डर   पितृ तर्पण हेतु जायेंगे ब्रह्म कपाल, श्री केदारनाथ दर्शन हेतु पहुंचेंगे आज



श्री बदरीनाथ धाम 8 अक्टूबर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल शनिवार 7 अक्टूवर को बदरीनाथ धाम पहुंचे। भारत- तिब्बत सीमा माणा पास बार्डर घसतोली में सेना के जवानों के बीच गये।

देर शाम भगवान बदरीविशाल की शयन आरती में शामिल हुए तथा श्री बदरीनाथ धाम में प्रवास किया।आज वह कुछ समय पश्चात श्री केदारनाथ धाम दर्शन हेतु जायेंगे।

इससे पहले आज 8 अक्टूबर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पितरों को तर्पण हेतु ब्रह्मकपाल जा रहे है।साथ ही श्री बदरीनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। बदरीनाथ धाम दर्शन के पश्चात योगी आदित्यनाथ श्री केदारनाथ धाम दर्शन हेतु प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  शनिवार  को शाम श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये।  तथा सीधे सीमा पर तैनात जवानों की हौसला-अफजाई हेतु भारत की तिब्बत से लगी माणा पास बार्डर को रवाना हुए।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार  शाम भगवान बदरीविशाल की शयन आरती में शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि मौसम खराब होने के कारण उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाकल  शनिवार श्री केदारनाथ धाम नहीं पहुंच सके तत्पश्चात बदरीनाथ पहुंच कर वह बीआरओ गेस्ट हाउस में अल्प विश्राम के बाद सीधे माणा पास बार्डर हेतु रवाना हो गये‌।

श्री बदरीनाथ मंदिर में किसी भी तरह की कोई नई दरार और भू-धंसाव को नकारते हुए बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने दिया स्पष्टीकरण, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) की रिपोर्ट का दिया हवाला



देहरादून : 14 सितंबर। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने कहा है श्री बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है और नहीं बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है।

बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) द्वारा बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है। वर्तमान में कोई भी नयी दरार नहीं दिखी है।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आयी हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था। तत्पश्चात शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) को इस इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस क्रम में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी।

अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके की दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं। 09 अगस्त, 2023 को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था। तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं आंका गया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सिंह द्वार के ट्रीटमेंट कार्य के अंतर्गत पहले चरण में सिंह द्वार के दायीं ओर ट्रीटमेंट कार्य किया जा चुका है। अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है। इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है।