12 मई की प्रात: 6 बजे से दर्शनार्थीयों के लिए विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट   बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर नरेंद्र नगर राज दरबार  में आयोजित धार्मिक समारोह में हुईं तिथि हुई तय25 अप्रैल को  शुरु होगी तेलकलश यात्रा 



ऋषिकेश ,14 फरवरी।विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 12 मई की प्रात: 6 बजे दर्शनार्थीयों के लिए खोलें ‌जाएंगें। यह निर्णय बुधवार की सुबह बसंत पंचमी को राजदरबार नरेंद्र नगर में आयोजित धार्मिक समारोह में पूजा-अर्चना तथा पंचांग गणना के पश्चात विधि-विधान से यात्रा वर्ष 2024 के लिए कपाट खुलने की तिथि को लिया गया। जबकि तेल-कलश यात्रा की भी तिथि 25 अप्रैल को तय हुई।इस दौरान राजमहल में कई विशिष्टजन एव बड़ी संखा में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।

टिहरी राजदरबार नरेंद्रनगर में आज प्रातः से कपाट खुलने की तिथि घोषित करने के लिए कार्यक्रम शुरू हआ महाराजा मनुजयेंद्र शाह,सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर(बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राजकुमारी शिरजा शाह की उपथिति में पंचांग गणना पश्चात राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने तिथि तय कर महाराजा के सम्मुख रखी तत्पश्चात महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की इस दौरान राजमहल परिसर जय बदरी विशाल के उद्घोष से गूंज उठा।

इससे पहले श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी- सदस्यों ने तेल कलश राजदरबार के सुपुर्द किया। इसी कलश में राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर 25 अप्रैल तेलकलश यात्रा राजमहल से शुरू होकर कपाट खुलने की तिथि पर भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगी।

इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की तैयारियों शुरू कर दी गयी है। मंदिर समिति आगामी बजट में यात्री सुविधाओं हेतु पर्याप्त बजट प्रावधान करेगी।उन्होंने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय के अवसर पर सबको बधाई दी है।

कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर मुकुंदानंद महाराज डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी,मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी भास्कर डिमरी,राजपाल जड़धारी, हरीश डिमरी, विनोद डिमरी,सुरेश डिमरी, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, अनुसचिव धर्मस्व रमेश रावत,धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल,मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, माधव नौटियाल, संजय डिमरी, ज्योतिष डिमरी आदि मौजूद रहे।

भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद ,ढाई हजार तीर्थयात्री कपाट बंद होने के बने साक्षी, श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 14 नवंबर को हुए बंद हुए , श्री यमुनोत्री धाम और श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट कब होंगे बंद पढ़िए पूरी खबर



केदारनाथ धाम: 15 नवंबर। शीतलहर तथा बर्फ के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज बुधवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: साढ़े आठ बजे विधि- विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। आजकल श्री केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े है आधा फीट तक बर्फ मौजूद है आज कपाट बंद के के समय मौसम साफ रहा।

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा।कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंगलवार को कपाट बंद की तैयारियों हेतु श्री केदारनाथ पहुंच गये थे आज इस अवसर पर उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा की धर्मपत्नी मीडिया दिग्गज रिनिकी भुयान शर्मा तथा परिजन भी कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद रहे।‌यह सभी अतिथि मंगलवार को ही केदारनाथ धाम पहुंच गये थे।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है इस यात्रावर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।आज ब्रह्ममुहुर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया।इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।इसके पश्चात शीतकालीन पूजास्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं हज़ारों तीर्थयात्री मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हुए श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री संतो के साथ दर्शन को पहुंचे श्री बद्रीनाथ केदारनाथ धाम 



श्री बदरीनाथ/ केदारनाथ:5 नवंबर। श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ में आज भी संत महात्माओं, मंत्री सांसद सहित विशिष्ट व्यक्तियों की आमद जारी रही।बागेश्वर धाम ख्याति प्राप्त पंडित धीरेन्द्र शास्त्री देहरादून में दरबार लगाने के बाद आज 11 बजे श्री केदारनाथ धाम पहुंचे।

मंदिर में दर्शन किये उनके साथ आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा कैलाशानंद गिरी  महाराज, परमार्थ आश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि, संत राधे बाबा, पूर्व विधायक संगीत सोम भी केदारनाथ पहुंचे।बागेश्वर धाम बाबा धीरेन्द्र शास्त्री अपराह्न 1 बजे श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे वेदपाठ पूजा अर्चना संपन्न की उनके साथ संतगण भी बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि संतों ने सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया की कामना की।उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं की प्रशंसा की तथा विजिटर बुक अपना मंतब्य लिखा।

पूर्वाह्न 9 बजे केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देव सिंह चौहान सपरिवार केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। तथा दिन 11.30 केंद्रीय संचार राज्यमंत्री श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मास्टर प्लान के कार्यो के बावत भी जानकारी ली। बासगांव( गोरखपुर) से भाजपा सांसद कमलेश पासवान भी बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।श्री बदरीनाथ मंदिर की छत को स्वर्ण मंडित करनेवाले गुप्ता बंधु श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बदरीनाथ में सभी विशिष्ट अतिथियों की अगवानी कर स्वागत किया।केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट संयुक्त सचिव/ बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने केदारनाथ सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत कर प्रसाद भेंट किया ।

इस अवसर पर कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदारनाथ धाम के पुजारी शिवलिंग, आचार्य ओंकार शुक्ला, प्रदीप सेमवाल कुलदीप धर्म्वाण आदि मौजूद रहे।जबकि बदरीनाथ में इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी उपजिलाधिकारी जोशीमठ/ बीकेटीसी डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, तहसीलदार रवि शाह,प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल,ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, डा. हरीश गौड़, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे।

देवभूमि उत्तराखंड के बद्री, केदार ,गंगोत्री, यमुनोत्री धामों की शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की तय हुई तिथियां , जानिए कब ओर किस तिथि को होंगे बंद चारो धाम के कपाट



ऋषिकेश, श्री बद्रीनाथ केदारनाथ 16 अक्टूबर । श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में तय की जायेगी।कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने हेतु श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक समारोह आयोजित किया जायेगा।

कार्यक्रम के मुताबिक श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल एवं धर्माधिकारी पंचांग गणना पश्चात कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जायेगी।

इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह सहित अधिकारी कर्मचारी, हक-हकूकधारी, मौजूद रहेंगे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि तय करने के कार्यक्रम समारोह में यात्रा वर्ष 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जायेगी।

बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट परंपरागत रूप से भैया दूज बुधवार 15 नवंबर को विधि-विधान से बंद हो जायेंगे तथा भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।

विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी।

श्री गंगोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी केे अनुसार श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु 14 नवंबर अन्नकूट के अवसर पर पूर्वाह्न 11.45 बजे बंद हो जायेंगे।जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 15 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।

बदरी-केदार दर्शन को पहुंचे उद्योगपति मुकेश अंबानी, मंदिर समिति को किए पांच करोड़ दान



श्री बदरीनाथ/ केदारनाथ 12 अक्टूबर। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख और देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने आज श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम की यात्रा की और मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की।

अंबानी के साथ उनके पुत्र श्री अनंत अंबानी की मंगेतर राधिका मर्चेंट और समधन भी दर्शन को पहुंचे। उन्होंने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को पांच करोड़ रूपए की धनराशि का चेक दान दिया।

मुकेश अंबानी का बदरीनाथ व केदारनाथ पहुंचने पर बीकेटीसी ने स्वागत किया। अंबानी पहले बदरीनाथ और उसके पश्चात केदारनाथ धाम पहुंचे।

बदरीनाथ में बीकेटीसी अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय ने  अंबानी का अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया।मुकेश अंबानी ने बीकेटीसी को पांच करोड़ रूपए की धनराशि दान दी।

उन्होंने चेक के माध्यम से यह धनराशि बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को सौंपी। इस अवसर पर बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार भी उपास्थित थे।

बदरीनाथ दर्शन के पश्चात उद्योगपति मुकेश अंबानी केदारनाथ धाम पहुंचे। वहां भी मंदिर में उन्होंने विशेष पूजा की।

केदारनाथ में केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव व बीकेटीसीके मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने उनकी अगवानी की।

श्री बदरीनाथ मंदिर में कोई नयी दरार और किसी भी तरह के भू-धंसाव को लेकर बद्री केदार मंदिर समिति ने नकारते हुए दिया स्पष्टीकरण,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) की रिपोर्ट का दिया हवाला



देहरादून : 13 सितंबर। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने कहा है श्री बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है और नहीं बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है।

बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) द्वारा बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है। वर्तमान में कोई भी नयी दरार नहीं दिखी है।उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आयी हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था। तत्पश्चात शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) को इस इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस क्रम में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी।

अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके की दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं। 09 अगस्त, 2023 को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था।तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं आंका गया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सिंह द्वार के ट्रीटमेंट कार्य के अंतर्गत पहले चरण में सिंह द्वार के दायीं ओर ट्रीटमेंट कार्य किया जा चुका है। अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है। इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है।