ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य 2025 तक होगा पूर्ण, पहाड़ में यात्रियों को लेकर साल 2026 में सरपट दौड़ेगी रेल: अजीत सिंह यादव



ऋषिकेश, 0 8 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‌ उत्तराखंड में ‌राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की 125 कि0मी0 लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्रॉड गेज रेल लाईन परियोजना का निर्माण वर्ष 2025 तक पूरा कर लिए जाने के उपरांत वर्ष 2026 में रेल की छुक छुक उत्तराखंड वासियों को सुनाई देगी। जिसका कार्य रेल विकास निगम लि० द्वारा हर प्रकार के अवरोधों को पार करते हुये सुरक्षा को ध्यान में रखकर ‌द्रुत गति से संचालित किया जा रहा है।

यह जानकारी रेल विकास निगम के केंद्रीय परियोजना महाप्रबंधक अजीत सिंह यादव और उपमहा प्रबंधक ओ पी मालगुडी ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को रेल विकास निगम के मुख्य कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान देते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान परियोजना के कार्यों में आई रुकावट के उपरांत रेल विकास निगम लि० अपने आदर्श वाक्य गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता के अनुरूप परियोजना का निर्माण राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय मानकों का शत् प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करते हुये सुरक्षित रेलवे सुरंगों एवं सम्बन्धित सभी संरचनाओं का निर्माण कार्य सम्पादित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि परियोजना के अन्तर्गत निर्धारित कुल 104 कि0मी0 की सुरंगीय लम्बाई में से 75 कि0मी0 (70 प्रतिशत) का कार्य आतिथि तक पूर्ण किया जा चुका है, यह कार्य सुरंग के दौरान खुदाई में आने वाले पत्थरों के बीच किया जा रहा है, इसी के साथ अन्य सुरंगों का खनन भी तीव्र गति से गतिमान है। तथा 73 प्रतिशत प्रत्येक निर्धारित सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हुये पूर्ण हो चुका है।

सुरक्षा एवं अभियांत्रिक मानकों का पूर्ण रूप से पालन करते हुये सुरंग के प्रत्येक निर्माणाधीन भाग के खनन के दौरान किये जा रहे विस्फोटकों के परिमाण की मात्रा भारत सरकार के खनन सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित मानकों की सीमाओं के अन्तर्गत किया जा रहा है जिसे समीपस्थ अवस्थित संरचनाओं एवं स्थलीय पर्यावरण को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचें।

रेल विकास निगम लि० परियोजना के क्षेत्रों में निवास कर रहे जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुये राज्य सरकार से समन्वय बनाते हुये सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा सन्दर्मित शिकायतों का निस्तारण समय पर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ऋषिकेश के ढालवाला क्षेत्र में पहली टनल का कार्य 1800 मीटर किया जा रहा है, जिसमें मिट्टी अधिक है इस दौरान सुरक्षा मानको का भी ध्यान रखा जा रहा है, उनका कहना था कि देवप्रयाग में एक सड़क का निर्माण भी कर रहा है। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में जो रेल का काम किया जा रहा है वह कार्य पिछले 25 वर्षों के ठेकेदारों के अनुभव को देखते हुए उन्हीं को दिया गया है जिसके लिए टनल खुदान के साथ ही रेल लाइन बिछाई जाने का कार्य भी करेगी। जिसके अंतर्गत 213 किलोमीटर लंबी कार्य योजना के दौरान 153 किलोमीटर गोदान का कार्य पूरा हो चुका है जिसमें सबसे लंबी सुरंग देवप्रयाग और जनाशु के बीच है जिसकी लंबाई 14.77 मीटर है यह सभी कार्य डबल ट्यूब के है।
उन्होंने बताया‌ कि‌ वर्ष 2023-2024 में ऋषिकेश की परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा 60 कि0मी0 लम्बाई में सुरंगों का निर्माण किया गया है तथा 20 कि0मी0 लम्बाई में अन्तिम कंक्रीट अस्तर का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 16 प्रमुख रेलवे पुलों में से 04 पुलों का निर्माण कार्य आतिथि तक पूर्ण किया जा चुका है तथा श्रीनगर, गौचर एवं कालेश्वर/सिंवाई में रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने हेतु मोटर पुलों का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। इसी के साथ वर्ष 2026 में रेल के चलने के उपरांत यदि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है तो उसे ध्यान में रखते हुए रेल लाइन के साथ एक अलग से सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसके माध्यम से यात्रियों को सुरक्षित सड़क तक पहुंचा दिया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में रेल विकास निगम के सी एम हेमेंत कुमार, भू विज्ञान शास्त्री विजय डंगवाल, उपमहा प्रबंधक भूपेंद्र सिंह, संयुक्त महाप्रबंधक सुब्रत कुमार, अपर महाप्रबंधक अजय कुमार, पआनईर अरोड़ा, भी मौजूद थे।

उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा मशीनी खनन पर रोक लगाये जाने से ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना हो रही प्रभावित  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण उत्तराखंड रेल लाइन परियोजना सभी मानकों का पूर्ण रूप से अनुपालन किए जानें से पूर्ण रूप से सुरक्षित :अजीत सिंह



ऋषिकेश 26 सितम्बर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण उत्तराखंड की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना वर्ष 24 की अपेक्षा अब 26 में पूर्ण होगी, जिसका कारण उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा पहाड़ों में किए जाने वाले खनन पर रोक लगाई जाने के साथ कोरोना काल का होना भी बताया जा रहा है ।

यह जानकारी ‌रेल विकास निगम लि0 के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने मंगलवार को पत्रकारो से बातचीत करते हुए ‌बताया कि परियोजना के ‌प्रोजेक्ट का कार्य तेजी से गतिमान है।

इस परियोजना कि सबसे लंबी सुरंग 14.58 कि0मी0 का निर्माण किया जाना है। इस प्रोजेक्ट में 12 स्टेशनों‌ के साथ 19 प्रमुख रेल पुलों का निर्माण किया जाना है। वर्ष 2025 तक इस परियोजना को पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है।

जिसके अंतर्गत पहले चरण में वर्ष 2025 तक ऋषिकेश से ब्यसी तक रेल का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसमें 125 कि0मी0 रेल लाइन में करीब 104 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत सुरंगो से गुजरेगा। इस परियोजना में प्रतिदिन 170 मीटर सुरंग बनाने का कार्य किया जा रहा है।

परियोजना के संबंध में रेल विकास निगम लि0 के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि परियोजना पूर्ण होते ही ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर केवल 3 घंटे रह जाएगा। इस परियोजना का सुरंग कार्य 2019 मे प्रारंभ हुआ है, और अभी तक इस परियोजना में 127 किलोमीटर अंडरग्राउंड सुरंग खुदाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। 12 सितंबर 2023 तक गूलर और शिवपुरी के बीच निकासी सुरंग सं0-2 जो कि 6080 मी0 लम्बी है, कि खुदाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही गूलर और शिवपुरी के बीच की मुख्य सुरंग भी फरवरी 2024 तक कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इस रेल परियोजना में वीरभद्र सहित कुल 13 स्टेशन हैं। जिसमें से 12 स्टेशनों का कार्य एक साथ शुरू किया जाएगा।

इस परियोजना में यार्ड एवं स्टेशनों की लंबाई सवा किलोमीटर रहेगी तथा देवप्रयाग समेत कुछ प्लेटफाॅर्म का हिस्सा सुरंग के अंदर भी बनाया जायेगा। सभी सुरंगों को वाटरपू्रफ बनाया जा रहा है। जिससे वर्षा के दौरान भी आवागमन में किसी प्रकार की रुकावट पैदा न हो। इस परियोजना को हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकंपों की दृष्टि से अत्यधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। रेल परियोजना प्रबंधक ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों के लिए आवासीय व सर्विस कॉलोनी का भी निर्माण किया जाएगा।

आपातकालीन स्थिति में अग्निशमन के लिए अतिरिक्त पानी के टैंकों का निर्माण किया जायेगा, जिसका कार्य भी प्रगति पर है। परियोजना में अधिग्रहण की गई भूमि का पूर्ण रूप से प्रतिकर दे दिया गया है। परियोजना में तीन किलोमीटर से लंबी मुख्य सुरंगों के साथ निकासी सुरंगों का भी निर्माण किया गया है जिससे आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित किया जा सके। हालांकि इस परियोजना के पूर्ण होने की समयावधि दिसंबर 2024 थी, परंतु कोविड महामारी के चलते विलंब होने की आशंका है। साथ ही उच्च न्यायालय, नैनीताल उत्तराखण्ड द्वारा मशीनी खनन पर रोक लगाये जाने से परियोजना में प्रयोग होने वाले कच्चे माल की उपलब्धता प्रभावित हो रही है। जिसका प्रभाव परियोजना की अवधि पर पड़ना निश्चित है। सुरंग संख्या-08 जोकि 14.58 किमी लंबी है का निर्माण टनल बोरिंग मशीन से किया जा रहा है, इसके अलावा सभी सुरंगों की खुदाई ड्रिल एवं ब्लास्ट पद्धति से की जा रही है। जिसमें सभी मानकों का पूर्ण रूप से अनुपालन किया जा रहा है। जिससे किसी प्रकार की कोई भी हानि आसपास के रिहायशी इलाकों में न हो। कुछ मामलों में मकानों में दरारों की शिकायत को देखते हुए तकनीकी विशेषज्ञों से स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है ,जिससे किसी भी प्रकार की होने वाली क्षति का आंकलन कर मुआवजा दिया जा सके।पत्रकार वार्ता में अजीत सिंह यादव,मालगुडी, भूपेंद्र राणा, सहित अन्य अधिकारी भी थे।