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देवभूमि ऋषिकेश का गंगा का तट आज गढ संस्कृति के ऐतिहासिक कार्यक्रमों का गवाह बना


 

लोक संस्कृति के उत्थान के लिए निगम कटिबद्ध-अनिता ममगाई

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की अवरिल प्रस्तूतियों के साथ उत्तराखंडी वाध्य यंत्रों से गूंजा गंगा तट

अद्भुत ,अविश्वसनीय और अलौकिक कार्यक्रम का गवाह बना त्रिवेणी घाट
ऋषिकेश 09 अप्रैल-देवभूमि ऋषिकेश का गंगा का तट आज गढ संस्कृति के ऐतिहासिक कार्यक्रमों का गवाह बना। एक से एक दिलकश उत्तराखंडी प्रस्तुतियों से कलाकारों ने हर किसी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महापौर अनिता ममगाई ने कहा गढ़वाल की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम सदैव प्रयासरत रहेगा ।महा गंगा आरती के प्रश्चातशुक्रवार की शाम महाकुंभ के मौके पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश के गंगा तट त्रिवेणी घाट पर हिमालय निनाद कार्यशाला के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तूतियों के साथ उत्तराखंडी वाद्य यंत्रों की लाजवाब प्रस्तूतियां दी गई। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की गरिमामयी मोजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महापौर ने कहा अपनी संस्कृति को बचाने और इसे आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है।उन्होंने प्रवासियों से गांव में जाकर अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाने की अपील भी की।इससे पूर्व गंगा स्तूति के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में उत्तराखंडी पोशाकों ने कलाकारों ने अपनी अविरल प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में मोजूद हर किसी का मन मोह लिया।इस अवसर पर
कल्याण सिंह रावत, महंत लोकेश दास, कृष्ण आचार्य , शंकर तिलक, सुरेंद्र मोघा, संदीप गुप्ता ,चित्रमणि देशवाल, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष नरेंद्र रावत, मंजू ,लक्ष्मी गौरांग,रमन रागढ़,संजीव चौहान, दिव्या बेलवाल,पंकज शर्मा, रामरतन रतूड़ी, विपिन करणवाल,कमलेश जैन,कमला गुनसोला, ज्योति सजवाण,डॉ सर्वेश उनियाल, गणेश कुकशल,विजेंद्र मोघा,विजय बडोनी,बंशीधर पोखरियाल, सुनील थपलियाल, जसवंंंत रावत, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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