संघ ने कभी भी व्यक्ति की पूजा ना कर भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है- राजेंद्र पांडे
ऋषिकेश, 15 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 96 स्थापना दिवस के अवसर पर संघ के स्वयंसेवकों ने ऋषिकेश और मुनी की रेती में शक्ति पूजन के साथ शस्त्र पूजन कर संघ का स्थापना दिवस मनाया ।शुक्रवार को ऋषिकेश हरिद्वार मार्ग पर स्थित बजरंग शाखा में महिपाल सिंह त्यागी की अध्यक्षता मैं आयोजित संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राजेंद्र पांडे ने अपने संबोधन में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन शक्ति की उपासना के साथ शस्त्रों का भी पूजन किया जाता है । मां दुर्गा के हाथ में भी शास्त्र और शस्त्र है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक भी है उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में संघ की स्थापना के पीछे भी अस्थापना देशभक्ति के प्रति समाज को जागृत करना था।
इसी को मध्य नजर रखते हुए संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार ने नागपुर में मोहते के बाड़े में विजयदशमी के दिन 5 स्वयं सेवकों को साथ लेकर संघ की स्थापना की थी। जिसके बाद से भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में संगठित होकर संघ के स्वयं सेवकों ने देश भक्ति से ओतप्रोत संगठन की स्थापना की है ।जिसके बाद स्वयंसेवक आज संपूर्ण विश्व में एक साथ एक स्थान पर एकत्रित होकर समाज को 1 घंटे के अंदर नियमित रूप से जागृत करने का कार्य कर रहे हैं।
जो कि देश में आने वाली किसी भी प्रकार की विपदा के दौरान दीवार की तरह खड़े होकर देशभक्ति के कार्य में लगे हैं । परंतु कुछ लोगों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए जा रहे निस्वार्थ भाव से कार्य हजम नहीं हो पा रहे हैं और वह आए दिन संघ की आलोचना करते नहीं थक रहे हैं पांडे ने कहा कि लेकिन संघ का स्वयंसेवक इस प्रकार की आलोचनाओं को दूर रहकर अपने कार्य के प्रति गतिमान है जिसके कारण आज संघ का स्वयंसेवक देश ही नहीं विश्व का नेतृत्व करने जा रहा है ,उन्होंने कहा कि संघ ने कभी भी व्यक्ति की पूजा ना कर भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है। जो की शक्ति का प्रतीक है ।
उनका कहना था कि संघ के स्वयंसेवक द्वारा भारत का नेतृत्व करते हुए संघ ने जो भारत को अखंड भारत बनाए जाने का संकल्प लिया है ।उसी के अनुरूप कार्य करते हुए कश्मीर में लागू धारा 370 हो या राम मंदिर का निर्माण जैसे कार्यों के लिए मार्ग प्रशस्त कर वह कार्य करके दिखाया है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। पांडे ने कहा कि विजयदशमी का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है, जोकि 9 दिन तक नौ शक्तियों की आराधना उपासना करने के उपरांत मनाया जाता है ।इस दिन भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष का बनवास काट कर अयोध्या लौटने के उपरांत के बाद अहंकार को त्याग कर सत्य पर चलने की प्रेरणा दी है।कार्यक्रम अध्यक्ष महिपाल त्यागी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा देश हित में किए जा रहे ,कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संघ के स्वयं सेवकों ने देश पर आई विपत्ति काल में भी अपनी देशभक्ति का ही परिचय दिया है।
जिसके कारण स्वयं सेवकों को इमरजेंसी जैसी यातनाएं भी झेलनी पड़ी है। लेकिन उन्होंने कभी धैर्य नहीं छोड़ा है जिसका परिणाम है, कि आज पूरे विश्व में संघ के स्वयं सेवकों द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।
इस दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने शारीरिक प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर संघ के प्रांत कार्यवाहक दिनेश सेमवाल, नगर के संघचालक भारत भूषण ,सुदामा सिंघल, सहित काफी संख्या में संघ के स्वयंसेवक उपस्थित थे। वहीं मुनि की रेती में भी आरएसएस ने अपना विजयदशमी उत्सव को मनाया
इस अवसर पर जिला प्रचार प्रमुख विपिन सकलानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपनी शक्ति,सामर्थ्य, बल का पूर्ण प्रदर्शन करते रहना चाहिए अन्यथा विस्मृति होने से हम पुनः पराभव की स्थिति में आ सकते हैं।हमेशा पूरा देश या विश्व का नेत्रत्व बलशाली राष्ट्र ही करता रहा है उसी प्रकार अब यह आधिकार भारत देश को पुनः प्राप्त करते हुए, पुरे विश्व का नेतृत्व भारत देश को करना चाहिए।
सामाजिक, आर्थिक , वैश्विक, राजनैतिक, शैक्षिक, जैसे अनेकानेक क्षेत्रों में हमे अग्रणी भूमिका निभानी होगी तभी हमारा अनुसरण होगा, हिंदुत्व और सनातन धर्म सुरक्षित रह सकता है।
इस अवसर पर नगर संघ चालक भगवती प्रसाद व्यास, भास्कर ,वीरेंद्र,सचिन,शशांक,मयंक,शुशील, राजेश, पुरुषोत्तम , गोपाल ,कपिल सहित अनेक स्वयंसेवक उपस्थित थे।


















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