ऋषिकेश 12 नवंबर। 14 नवंबर को होने वाले इगास बग्वाल देव दीपावली पर्व की संस्कृति को जीवित रखने के लिए गढ़ संरक्षण समिति संस्कृति द्वारा आयोजित इगास बग्वाल देव दीपावली पर्व को लेकर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।

जिसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने भी इगास पर्व के लिए 15 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है इसी कड़ी में इगास पर्व की पूर्व संध्या पर त्रिवेणी घाट पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को दिखाते हुए स्थानीय कलाकारों ने पहाड़ी नृत्य ओर पहाड़ी वाद्य यंत्र द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ भेलू भी खेला गया ।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नंदा राजजात यात्रा का भी विमोचन रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि नगर निगम महापौर अनिता ममगई ने कहा कि इगास पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति से जुड़ा पर्व है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की ओर से इस महान पर्व को मान्यता देने के लिए अवकाश की घोषणा कर ऐतिहासिक कदम उठाया है ।लोक पर्वों को बड़ावा देने के लिए यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा।महापौर ने उत्तराखंड की संस्कृति-संरक्षण के लिए गंगा तट त्रिवेणी घाट पर बेहद सुंदर आयोजन के लिए समिति को साधुवाद दिया।उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम पहाड़ की बिलुप्त होती सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण करने मेें कामयाब रहेंगे है ।साथ ही आने वाले पीढ़ी भी अपनी सांस्कृतिक विरासतों से रूबरू हो सकेगी
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी इगास बग्वाल देव दीपावली के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक ऑडियो संदेश देते हुए कहा कि इस अवसर पर हम सभी को पहाड़ों में स्थित अपने अपने घर जाकर इस पर्व को मनाया जाना चाहिए। हम सभी उत्तराखंडयों को इस पर्व को मनाकर उत्तराखंड की संस्कृति को जिंदा रखना चाहिए। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि मेरा गांव मेरा वोट को प्राथमिकता देते हुए गांव से पलायन रुकना चाहिए जिसके लिए हम सभी उत्तराखण्ड वासियों को अपने अपने गांव में लौटकर इस पर्व को मनाना चाहिए।
कार्यक्रम के मंच का संचालन विनोद जुगलान और पंकज शर्मा ने किया।
जिसमे मुख्य रुप से कार्यक्रम संयोजक शैलेंद्र बिष्ट, नगर निगम महापौर अनीता ममगाई , भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंतोला, संजीव चौहान जिला पंचायत सदस्य, पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र मोगा, भगतराम कोठारी, संदीप गुप्ता कांग्रेस नेता विनय सारस्वत जयेंद्र रमोला जूना अखाड़ा के रसिक महाराज परीक्षित मेहरा , आदि पार्षद गण भी मौजूद रहे।















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