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दुनियां की सबसे बड़ी औषधि है पंचगव्य…जो गौमाता से प्राप्त पांच चीजों से मिलकर बनता है,। केंद्र सरकार शीघ्र गौमंत्रालय की स्थापना कर गौ को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दें:- गोपाल मणि


ऋषिकेश 23 दिसंबर ।त्रिवेणी घाट ऋषिकेश पर चल रही धेनुमानस गौ कथा के तीसरे दिन सैकड़ों गौभक्तों के बीच प्रवचन करते हुए प्रसंग में  संत  गोपाल मणि महाराज  ने कहा कि दुनियां की सबसे बड़ी औषधि है पंचगव्य…जो गौमाता से प्राप्त पांच चीजों से मिलकर बनता है जिसके लिए शास्त्रों में यहाँ तक लिखा गया है कि पंचगव्य पीने मात्र से त्वचा से लेकर हड्डियों के समस्त रोग खत्म हो जाते हैं गोपालमणि महाराज ने कहा कि इस समय मौका था सरकार के पास कोरोना बीमारी को मिटाने के लिए पंचगव्य औषधि पर अनुसंधान करवाते परीक्षण करवाते लेकिन कहाँ पाश्चात्य शिक्षा संस्कृति भारत पर इतनी हावी हो गयी है कि हम अपने वैदिक सूत्रों को अपनी ऋषि संपदा को भूल गये हैं इन विषयों पर रिसर्च करने का समय नही हमारी सरकारों के पास..आगे प्रसंग सुनाते हुए संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि दुनियाँ में जितने भी देश है सब भोगबादी संस्कृति पर आधारित है लेकिन केवल भारत दुनियां का एक मात्र देश था जिसकी पहचान भोगवाद नही बल्कि योग आध्यात्मिक संस्कृति से होती आयी है। आचार्य सीता शरण जी ने अपने प्रवचन में कहा कि

“संपति सब रघुपति कै आही।
हम सब वृथा अभिमान में रहते हैं कि मेरे पास इतना और मेरे पास इतना। जबकि सत्यता तो यही है कि लक्ष्मी पति तो वो नारायण स्वयं हैं। जिसके पास जो कुछ भी है सब उस प्रभु का और उस प्रभु का दिया ही है। प्रभु देते भी बहुत हैं मगर जब लेते हैं तो राजा बलि की तरह सब कुछ ले लेते हैं। इसलिए अपनी संपत्ति को सदा सेवा और परमार्थ में लगाना ही बुद्धिमानी है।”
सीता शरण  ने बहुत सुंदर भजन गंगोत्री कि गंगा माँ….. भगवती तू दैणी हवे जई……जिस भजन को सुनकर स्रोतागण मंत्रमुग्ध होकर खूब झूमें सभी लोग आनन्द वोभोर होकर कथा श्रवण कर रहे है।
इस अवसर पर दक्षिण भारत के आन्ध्र प्रदेश के हैदराबाद से अयप्पा सेवा समिति के प्रमुख स्वामी बालकृष्ण, स्वामी योगेश प्रभु, प्रवीण कुमार, मंनगलेश,श्रीनू, सिंधु, एवं अस्सी वरुणा पीठ के महंत पूज्य आचार्य शिव प्रसाद सेमवाल,श्रीमती चंदना साधुक, सुमन कुमार साधुका( चंदना फ्लावर सेंटर), प्रेम चंदानी,आर के सूरी,बृजलाल रतूड़ी, यशवंत सिंह रावत आनन्द सिंह रावत मंजू भंडारी, शशि भंडारी, सावित्री पंवार, डॉ सीता जुयाल आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे हैं।


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