ऋषिकेश 10अगस्त। इस बार 2022मे होने वाली श्रावणी महा के अंतिम दिन होने वाली रक्षा बंधन को लेकर भद्राकाल के चलते आम जनमानस के अंदर संशय बना हुआ है। जिसकी सही तारीख ओर समय को लेकर गंगेश्ववर महादेव मंदिर के पंडित अर्जुन गौतम ने बताया कि वैदिक शिक्षा एवं शोध संस्थान काशी व उज्जैन में चर्चा करने के उपरांत ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों के मतानुसार धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु में स्पष्ट कहा गया है।
भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा !श्रावणी राष्ट्रं हन्तिं ग्रामं दहति फाल्गुनी
अर्थात् भद्राकाल में रक्षाबंधन और होलिका दहन कदापि ना करें! जो भी विद्वान कहते हैं कि भद्राकाल पाताल की है इसलिए हानि नहीं करेगी तो उनकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रति वर्ष श्रावण मास में रक्षाबंधन के आसपास चन्द्रमा मकर राशि में ही रहता है और भद्रा पाताल में ही रहती है और भद्रा का हमेशा त्याग किया जाता है इसलिए फिर वो चाहे जहां की हो अंधेरा चाहे दिन में किसी बंद गुफा में.हो कमरे में हो या रात्री में अंधेरा तो अंधेरा ही है ना
इसलिए विद्वानों से विनम्र निवेदन है कि न ही भ्रमित हो और न ही किसी को भ्रमित करें 12 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन का पर्व मनाए
सूर्योदय के बाद तिथि चाहे जितनी हो उसी दिन को व्रत-पूजा-यज्ञ अनुष्ठान-स्नान और दानादि के लिए संपूर्ण अहोरात्र में पुण्य फल प्रदान करने वाली माना गया है
11 अगस्त को भद्रा है 12 अगस्त को भद्रा नहीं है और सुबह 7:16 तक पूर्णिमा तिथि हैं और उदय काल में पूर्णिमा मिलने से पूरे दिन उस तिथि के नियम पालन कर सकते है जैसे उदय तिथि कि एकादशी का व्रत करते हो
शास्त्र कहता हैं..
*भद्रायोगे रक्षाबंधनस्यैव निषेधात्।* *एवं प्रतिपद्योगोऽपि न निषिद्ध: ।।*
रक्षाबंधन में भद्रा का निषेध है परंतु प्रतिपदा निषिद्ध नहीं हैं इसलिए आप सभी लोग निर्विवाद रूप से 12 अगस्त दिन शुक्रवार को हर्षोल्लास से रक्षा बंधन का पर्व मनाए ।
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