ऋषिकेश में अवैध तरीके से रह रही बांग्लादेशी महिला की गिरफ्तारी ने सिस्टम पर खड़े किए सवाल, बांग्लादेशी नागरिक कैसे बन गई 2007 मे ऋषिकेश की वोटर, 


ऋषिकेश:26 अगस्त। तहसील ऋषिकेश के आवास विकास कालोनी क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से रह रही बांग्लादेशी महिला की गिरफ्तारी ने सिस्टम पर कई सवाल खड़े किए हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि यह महिला भारतीय नागरिक है ही नहीं, तो किस आधार पर इस महिला का मतदाता पहचान पत्र बना दिया गया। इस महिला से जुड़े कई सवाल ऐसे हैं जो अभी भी जवाब मांग रहे हैं।

गुप्तचर विभाग की जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने बीते बुधवार को आवास विकास कालोनी तहसील ऋषिकेश क्षेत्र में वर्ष 2007 से रह रही है। बांग्लादेशी महिला सोनिया चौधरी पत्नी बावला चौधरी को गिरफ्तार किया था। इस महिला ने बांग्लादेशी पासपोर्ट जारी होने के बावजूद अपना भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया था। बांग्लादेशी पासपोर्ट के मुताबिक उसकी भारत में रहने की अवधी पासपोर्ट और वीजा के अनुसार समाप्त हो गई थी। जानकारी के मुताबिक भारतीय दूतावास की ओर से इस मामले पर संज्ञान लिया गया।

जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को लिखा गया था। एलआइयू और पुलिस की जांच में पता चला कि इस महिला के पास तहसील ऋषिकेश का मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और भारतीय पासपोर्ट मिला है। इस मामले की अभी गहन विवेचना होना बाकी है। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है। बावजूद इसके भारतीय पासपोर्ट बन गया, इस पर अलग से जांच हो रही है।
इस महिला ने आवास विकास कालोनी क्षेत्र में मकान भी खरीद लिया था। जिसकी उसने रजिस्ट्री भी कराई थी। रजिस्ट्री में उसने सभी आवश्यक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए थे। बड़ा सवाल यह भी है कि ऋषिकेश निर्वाचन क्षेत्र से इस महिला का मतदाता सूची में नाम शामिल करने के साथ-साथ उसे मतदाता पहचान पत्र भी जारी हो गया। सिस्टम पर सवाल खड़े करने वाले इस पूरे मामले में अब प्रशासन बचाव की मुद्रा में है। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी के मुताबिक इस महिला को ऋषिकेश तहसील से स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था। बांग्लादेशी महिला की मकान संबंधी रजिस्ट्री को लेकर उप जिलाधिकारी का कहना है कि सब रजिस्ट्रार अलग विभाग है, इस बारे में वहां के अधिकारी ही बता पाएंगे।

ऋषिकेश में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला सोनिया चौधरी के मामले में नया खुलासा यह हुआ है कि यह महिला 2007 में ऋषिकेश आ गई थी। निर्वाचन कार्यालय की ओर से भारतीय निर्वाचन आयोग का फोटो पहचान पत्र उसे पहली बार 11 फरवरी 2007 को जारी किया गया था। जिसमें उसका वर्तमान पता 237-238 आवास विकास कालोनी तहसील ऋषिकेश जिला देहरादून दर्ज किया गया। उसके बाद इस महिला ने अपना फोटो पहचान पत्र का नवीनीकरण करवाया। इसमें उसका पता 927 आवास विकास कालोनी तहसील ऋषिकेश जिला देहरादून दर्ज किया गया। निर्वाचन अधिकारी की ओर से इस पहचान पत्र पर नौ अप्रैल 2014 को हस्ताक्षर किए गए।

पुलिस और अभिसूचना इकाई की ओर से जांच के पश्चात दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेशी महिला वर्ष 2007 में भारत आई थी। इसी वर्ष इसका मतदाता पहचान पत्र भी बन गया। इसकी वीजा अवधि आठ सितंबर 2011 को समाप्त हो गई और पासपोर्ट की अवधि 25 दिसंबर 2014 को समाप्त हो गई। पासपोर्ट अवधि समाप्त होने से ठीक नौ महीने पहले इस महिला ने नौ अप्रैल 2014 को फोटो पहचान पत्र का नवीनीकरण भी अपने नए मकान के पते पर करवा लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *