तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर्व पर श्रद्वापूर्वक हुआ कन्या पूजन, पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढने में श्रद्वालुओं को करनी पड़ी मशक्कत


ऋषिकेश, 03 अक्टूबर ।तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर घर-घर में कंजक पूजन हुआ। सोमवार को धर्म प्रेमियों ने पावन दुर्गाष्टमी पर्व लोगों ने कन्याओं की पूजा कर धूमधाम से मनाया। शहर पूरी तरह मां भगवती की भक्ति के रस में डूबा नजर आया। अर्चना करने वाले साधकों को कन्या पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढ़ने में मशक्कत का सामना करना पड़ा।

लोगों को अपने घरों में कंजक बिठाने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ी और गली मुहल्लों में जाकर श्रद्वालु  कन्याओं को ढूंढते दिखे। लोगों ने पूरे विधिविधान पूर्वक 7, 9 11 कन्याओं का श्रद्धापूर्वक पूजन किया। सुबह पहले श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर मां दुर्गा की आराधना की। इसके बाद अपने घरों में पहुंच कर देवी स्वरूप कन्याओं को भोजन करवाया।

पूजन के लिए आमंत्रित सभी कंजकों के गंगाजल से पैर धोकर उनके माथे पर तिलक किया। बाद में सभी कंजकों को हलवा, पुरी का भोजन करवा कर उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही सभी कंजकों को उपहार भेंट कर विदा किया गया।

कंजकों को भोजन करवाने के बाद ज्यादातर घरों में आठवें नवरात्र पर पूजन के बाद व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने आज अपना व्रत खोल लिया। सात दिनों से श्रद्धालुओं ने व्रत रखा हुआ था। कई घरों में नवमी के अवसर पर यही विधि अपनाकर व्रत खोले जाने हैं। अष्टमी के चलते मंदिरों में भी दिनभर भीड़ रही। शहर के 

कात्यायनी मंदिर,श्री दुर्गा शक्ति मंदिर सहित सभी मंदिर श्रद्वालुओं से रोशन रहे। पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया नवरात्रों में उपवास रखकर मां दुर्गा के पावन चरणों में पूजा प्राचीन काल से  चली रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन करवाते हैं उन पर मां भगवती अपना आशीर्वाद रखती है। नवरात्रि में पूजा अर्चना करने से मां सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

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